‘मैं ये पत्र एक दुखी मां के रूप में लिख रही हूं. जिसने अपनी अनमोल बच्ची को खो दिया. उसने 19 मार्च, 2024 को एग्जीक्यूटिव के रूप में EY पुणे में काम करना शुरू किया था. लेकिन चार महीने बाद, 20 जुलाई को मेरी दुनिया ढह गई, जब मुझे ये खबर मिली कि एना का निधन हो गया है. वो सिर्फ 26 साल की थी.’
बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में रहते हैं? तो अपने दिल को नुकसान पहुंचा रहे हैं आप
स्ट्रेस की वजह से दिल की बीमारियां होना बहुत आम है. 30 से 40 की उम्र के जितने भी हार्ट अटैक के मरीज़ आते हैं. उनमें से 40 फ़ीसदी मरीज़ों में हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण स्ट्रेस होता है.
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ये शब्द हैं, अनीता ऑगस्टीन के. जिन्होंने अपनी बेटी की मौत के लगभग दो महीने बाद ये खत लिखा है. किसे लिखा है? EY के इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को. EY यानी Ernst & Young एक कंपनी है. जिसे Big Four में गिना जाता है. ये टॉप अकाउंटिंग और प्रोफेशनल सर्विस देने वाली कंपनियां हैं.
अनीता ऑगस्टीन की बेटी एना इसी EY कंपनी में काम करती थीं. वो चार्टेड अकाउंटेंट यानी CA थीं. अनीता का आरोप है कि उनकी बेटी के बॉस ने उससे इतना ज़्यादा काम लिया कि वो तनाव में आ गई थीं. उन पर लगातार ज़्यादा से ज़्यादा काम करने का बोझ डाला जा रहा था. उन्हें आराम करने तक का वक्त नहीं मिल रहा था. वो खाना भी रोज़ देर से खा रही थीं.
फिर एक दिन एना ने सीने में दर्द की शिकायत की. डॉक्टर को दिखाया तो उसे कुछ दवाएं दी गईं. मगर फिर वही काम, काम और सिर्फ काम. आखिर में काम के इस बोझ तले दबी एना की मौत हो गई.
अनीता की इन बातों से हम सब कहीं न कहीं थोड़ा इत्तेफाक तो रखते ही हैं. खासकर ऑफिस जाने वाले. आजकल काम का दबाव इतना ज़्यादा है कि लोग न तो ठीक से खा पाते हैं. न सो पाते हैं. घंटों कुर्सी पर जमे रहते हैं ताकि ये काम किसी तरह पूरा हो जाए. लेकिन, एक काम खत्म होता है तो दूसरा शुरू हो जाता है. और, साथ में मिलता है स्ट्रेस.
फिर यही स्ट्रेस हमारे दिल पर बहुत बुरा असर डालता है. कैसे? ये आज डॉक्टर से जानेंगे. साथ ही समझेंगे कि क्या ज़्यादा स्ट्रेस से दिल की बीमारियों का ख़तरा बढ़ता है. स्ट्रेस का दिल पर क्या असर पड़ता है. दिल से जुड़े किन लक्षणों पर नज़र रखना ज़रूरी है और स्ट्रेस से दिल पर असर न पड़े, इसके लिए डॉक्टर क्या टिप्स देते हैं.
क्या ज़्यादा स्ट्रेस से दिल की बीमारियां हो सकती हैं?
ये हमें बताया डॉक्टर मनमोहन सिंह चौहान.

हां, स्ट्रेस की वजह से दिल की बीमारियां होना बहुत आम है. 30 से 40 की उम्र के जितने भी हार्ट अटैक के मरीज़ आते हैं. उनमें से 40 फ़ीसदी मरीज़ों में हार्ट अटैक (Heart Attack) का एक बड़ा कारण स्ट्रेस (Stress) होता है. स्ट्रेस हमारी लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है. इसे दूर करने के लिए हम कई बार सिगरेट-शराब पीना शुरू करते हैं. ये चीज़ें स्ट्रेस तो पूरी तरह दूर नहीं करतीं, बल्कि दिल की बीमारियों का रिस्क बढ़ा देती हैं.
स्ट्रेस का दिल पर क्या असर पड़ता है?
अगर लगातार स्ट्रेस रहे तो हमारे खून में कोर्टिसोल नाम का हॉर्मोन (Cortisol Hormone) रिलीज़ होता है. कोर्टिसोल हॉर्मोन की वजह से दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं. ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. साथ ही, ब्लड शुगर भी बढ़ता है. इन तीनों ही चीज़ों से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ने लगता है. यानी कुल मिलाकर स्ट्रेस से दिल की बीमारियां होने लगती हैं.
इसके अलावा, दिल में खून की नलियों की परत ‘एंडोथेलियम’ (Endothelium) को भी स्ट्रेस नुकसान पहुंचाता है. जिसकी वजह से उसमें कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है. फिर दिल की बीमारियां होने का चांस और भी ज़्यादा बढ़ जाता है.

दिल से जुड़े किन लक्षणों पर नज़र रखना ज़रूरी है?
अगर किसी को सीने में दर्द हो रहा है तो इसे हम दो हिस्सों में बांट सकते हैं. पहला क्रोनिक पेन, जब मरीज़ को काफी समय से लक्षण महसूस हो रहे हों. दूसरा एक्यूट पेन, जिसमें अचानक से सीने में दर्द उठता है. अगर क्रोनिक पेन की बात करें तो मरीज़ को कोई काम करने पर सीने या पीठ में दर्द होगा. फिर ये दर्द बढ़कर हाथ में भी होने लगेगा.
अगर किसी को पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है तो यह भी दिल की बीमारी का लक्षण है. कुछ मरीज़ों में सीने में दर्द होने के बजाय सिर्फ सांस फूलती है. खासकर महिलाओं और डायबिटीज़ के मरीज़ों को कई बार सीने में दर्द नहीं होता. ज़्यादातर इन्हें कोई भी काम करने पर तुरंत थकान होने लगती है. ये भी दिल की बीमारी का एक लक्षण है.
वहीं अगर किसी को अचानक सीने में दर्द होता है. दवाई लेने के आधे घंटे बाद भी ये दर्द नहीं जाता. तब इसकी जांच करवाना ज़रूरी है. इसके लिए एक ईसीजी किया जाता है. ट्रोपोनिन-I का टेस्ट भी होता है. अगर ये टेस्ट पॉज़िटिव आता है, तब एंजियोग्राफी की जाती है. अगर एंजियोग्राफी में कहीं ब्लॉकेज है. तब उस ब्लॉकेज को तुरंत स्टेंट के द्वारा ठीक किया जाता है ताकि दिल सही से काम करता रहे.
स्ट्रेस से दिल पर असर न पड़े, इसके लिए डॉक्टर क्या टिप्स देते हैं?
आजकल हर किसी की ज़िंदगी में स्ट्रेस है. हमारे काम और लाइफस्टाइल के चलते स्ट्रेस से दूर रहना मुश्किल है. लेकिन इससे राहत पाने के लिए कुछ चीज़ें की जा सकती हैं. जैसे अपने परिवार के साथ समय बिताएं. रोज़ कम से कम एक घंटा एक्सरसाइज़ करें. योग और ध्यान लगाएं. सिगरेट और सैचुरेटेड फैट वाली चीज़ों से दूर रहें. अगर आप ये सारी टिप्स फॉलो करेंगे तो स्ट्रेस की वजह से दिल को नुकसान नहीं पहुंचेगा.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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