दुर्घटना से देर भली. ट्रकों के पीछे या किसी बोर्ड पर लिखी ये लाइन आपने ज़रूर देखी होगी. इस लाइन का मतलब है कि देर भले हो जाए. लेकिन दुर्घटना न हो. मगर लोग हैं कि मानते नहीं. हर काम जल्दी-जल्दी करना चाहते हैं. जैसे वेट लॉस को ही ले लीजिए.
जल्दी वज़न घटाने के चक्कर में कहीं लकवा न मार जाए, स्लिमर्स पैरालिसिस के बारे में जान लें
Slimmers Paralysis में व्यक्ति कुछ समय के लिए पैरालाइज़्ड हो जाता है. ऐसा रैपिड वेट लॉस की वजह से होता है.

बहुत लोग चाहते हैं, उनका वज़न तेज़ी से कम हो जाए. ऐसा करने के लिए वो खूब मेहनत भी करते हैं. खाना एकदम कम कर देते हैं. जिम में घंटों पसीना बहाते हैं. फिर क्या होता है? फिर कई बार ये होता है कि आप वज़न तो घटा कर लेते हैं. लेकिन, आपसे एक कदम तक नहीं चला जाता.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों एक 30 साल के जिम ट्रेनर के साथ यही हुआ. उसने सिर्फ 15 दिन में 10 किलो वज़न घटा लिया. कैसे? खाना कम करके, जिम में खूब पसीना बहाके. फिर एक दिन उससे अपना दायां पैर नहीं उठाया गया. अस्पताल ले जाने पर पता चला कि उसे टेम्पररी पैरालिसिस हो गया है. यानी वो कुछ समय के लिए पैरालाइज़्ड हो गया है. इसे स्लिमर्स पैरालिसिस (Slimmers' Paralysis) कहते हैं.
जो लोग अपना वज़न घटा रहे हैं. उनके लिए स्लिमर्स पैरालिसिस के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है. लिहाज़ा, डॉक्टर से जानिए कि स्लिमर्स पैरालिसिस क्या है. ये क्यों होता है. इसके लक्षण क्या हैं. स्लिमर्स पैरालिसिस से बचाव और इलाज कैसे किया जाए. साथ ही, ये भी समझिए कि तेज़ी से वज़न घटाने के दूसरे नुकसान क्या हैं. और, वज़न घटाने का सही तरीका क्या है.
स्लिमर्स पैरालिसिस क्या है? ये क्यों होता है
ये हमें बताया डॉक्टर प्रवीण गुप्ता ने.

स्लिमर्स पैरालिसिस एक पेरोनियल नर्व न्यूरोपैथी है. इसमें पेरोनियल नर्व का पैरालिसिस हो जाता है, जो पैर या पंजे को उठाने का काम करती है. पेरोनियल नर्व बहुत सुपरफीशियल (सतह के पास) होती है. ये फिब्युला नाम की हड्डी के पास कर्व करती है और स्किन के बहुत करीब होती है. जब कोई तेज़ी से वज़न घटाता है, तो नर्व के आसपास मौजूद फैट पैड्स सिकुड़ जाते हैं (फैट पैड्स चर्बी की परतें होती हैं, जो हड्डियों और नर्व्स के बीच एक कुशन का काम करती हैं). इसकी वजह से नर्व हड्डी से चिपकने लगती है, जिससे नर्व पर तनाव और घिसाव बढ़ जाता है. फिर टांग मोड़ने, दबाने या किसी सतह पर रखने से नर्व पर दबाव पड़ता है. नर्व दबने से नर्व के अंदर इलेक्ट्रिकल सिग्नल (करंट) का बहाव रुक जाता है, कम हो जाता है या बंद हो जाता है. इससे नर्व की झिल्ली खराब होने लगती है और उसमें सूजन भी आ जाती है. नतीजा? नर्व अपना काम ठीक से नहीं कर पाती.
स्लिमर्स पैरालिसिस के लक्षण
पेरोनियल नर्व पैर की सेंसेशन (कुछ महसूस करने की क्षमता) को कंट्रोल करती है. इससे घुटने के निचले हिस्से में सुन्नपन, झनझनाहट, सेंसेशन की कमी, और ठंडा-गर्म न महसूस कर पीने की समस्या हो सकती है. पैर और उंगलियों को ऊपर उठाने में दिक्कत आ सकती है. चाल में बदलाव आ सकता है और चलने में परेशानी हो सकती है. चूंकि पंजा अपने आप ऊपर नहीं उठता, इसलिए व्यक्ति को चलते हुए पूरा पैर उठाना पड़ता है, जिसे हाई-स्टेपेज गेट कहते हैं. नर्व के पैरालिसिस के कारण पैर में दर्द, सुइयां चुभने और करंट जैसा महसूस हो सकता है.

स्लिमर्स पैरालिसिस से बचाव और इलाज
स्लिमर्स पैरालिसिस से बचाव का सबसे अच्छा तरीका एक्सरसाइज़ करना है. एक्सरसाइज़ करने से मांसपेशियों की ताकत वापस आती है और वो दोबारा अपना काम सही से करने लगती हैं. साथ ही, अच्छी डाइट और पोषण भी ज़रूरी है, इससे नर्व को ज़रूरी विटामिंस मिलते हैं. जिससे नर्व की झिल्ली और उसका मेटाबॉलिज़्म बेहतर होता है. दर्द और सूजन दूर करने के लिए दवाइयां ली जा सकती हैं. कभी-कभी स्टेरॉयड्स भी नर्व की रिकवरी प्रक्रिया को तेज़ कर सकते हैं. जिससे नर्व पैरालिसिस को ठीक करने में मदद मिलती है.
कुछ विशेष उपकरण भी आते हैं, जो पैर को सहारा देकर चलने में मदद करते हैं. अगर नर्व पूरी तरह पैरालाइज़ हो जाए और पैर को ऊपर उठाना मुश्किल हो जाए, जिसे फुट ड्रॉप कहते हैं. तब टेंडन ट्रांसफर सर्जरी से पैर की शक्ति वापस लाई जा सकती है. ये सब अचानक वज़न घटाने से होता है, इसलिए डाइट और एक्सरसाइज़ के ज़रिए संतुलित तरीके से वज़न घटाएं. तेज़ी से वज़न घटाने के तरीके नर्व पैरालिसिस का खतरा बढ़ा सकते हैं. जैसे इंटरमिटेंट फास्टिंग, बैरियाट्रिक सर्जरी, क्रैश डाइटिंग, और वजन कम करने वाली कुछ दवाइयां. इसलिए, वज़न घटाने का सबसे अच्छा तरीका संतुलित डाइट और नियमित एक्सरसाइज़ ही है.
तेज़ी से वज़न घटाने के दूसरे नुकसान
तेज़ी से वज़न घटाने से कई और नुकसान भी हो सकते हैं. सबसे प्रमुख है शरीर में पोषक तत्वों की कमी. जब हम समय से खाना नहीं खाते, पूरा खाना नहीं खाते, या खाने में कटौती करते हैं. तो शरीर में विटामिंस और मिनरल्स की कमी होने लगती है. ये पोषक तत्व हमारी नर्व्स, दिमाग और शरीर को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस (फ्री रेडिकल्स से सेल्स को नुकसान) से बचाने के लिए ज़रूरी हैं. खाना न खाने से शरीर में प्रोटीन और कैलोरी का असंतुलन हो जाता है. इससे मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है और मायोपैथी हो सकती है. साथ ही, व्यक्ति को स्ट्रेस भी हो सकता है. लिहाज़ा, स्लिमर्स पैरालिसिस से बचें और अपना वज़न सोच-समझकर सही तरीके से घटाएं.
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