बस कुछ ही दिन बचे हैं. फिर गर्मी अपने पूरे उफान पर होगी. सूरज का कहर बढ़ता जाएगा. गर्म हवाएं जीना मुश्किल कर देंगी. खूब पसीना तो आएगा ही. स्किन की जुड़ी कई दिक्कतें भी बढ़ जाएंगी. जैसे गर्मियों की एक बड़ी ही आम-सी दिक्कतें हैं खुजली, दाने, घमौरियां.
गर्मी में घमौरियां हो जाती हैं? ये टिप्स मान लीं तो इस बार नहीं होंगी
जब पसीने की ग्रंथियां शरीर के डेड स्किन सेल्स के साथ मिलकर ब्लॉक हो जाती हैं. तब पसीना स्किन के अंदर ही फंस जाता है और घमौरियां हो जाती हैं.

बचपन में लगभग हम सभी को घमौरियां हुई हैं. बड़े होने पर घमौरियां निकलना लगभग बंद हो जाती हैं, पर कुछ इतने लकी नहीं होते. खूब पसीना आने की वजह से स्किन में खुजली होती है. दाने निकल आते हैं. स्किन ड्राई होती है और घमौरियां निकल आती हैं.
अब ऐसे में क्या किया जाए, कि मई सुकून से कट जाए और जून भी चैन से बीते. चलिए समझते हैं.
गर्मियों में स्किन की आम समस्याएं क्या हैं?
ये हमें बताया डॉक्टर कशिश कालरा से.

- घमौरियां होना.
- पसीने की वजह से चकत्ते पड़ना.
- सनबर्न होना यानी सूरज की रोशनी से स्किन की बाहरी परत को नुकसान पहुंचना.
- इसकी वजह से खुजली, दर्द और स्किन लाल पड़ जाती है.
- स्किन पर फंगल इंफेक्शन, जैसे दाद हो जाता है.
- पसीने की वजह से फॉलिकुलिटिस जैसे बैक्टीरियल इंफेक्शन बढ़ते हैं. इसे आमतौर पर बालतोड़ बोला जाता है.
- सबसे बड़ी समस्या एक्ने है.
- गर्मियों में पसीना ज़्यादा आता है.
- इस वजह से दाने और एक्ने भी ज़्यादा होते हैं.
गर्मियों में घमौरियां क्यों हो जाती हैं?
घमौरियों को प्रिकली हीट और मिलिरिया भी कहा जाता है. जब पसीने की ग्रंथियां (स्वेट ग्लैंड्स) डेड स्किन सेल्स के साथ मिलकर ब्लॉक हो जाती हैं. तब पसीना स्किन के अंदर ही फंस जाता है और घमौरियां हो जाती हैं. घमौरियों का इलाज इसकी गंभीरता के हिसाब से किया जाता है. कई बार सिर्फ सफेद रंग के छोटे-छोटे दाने होते हैं. कई बार यही दाने लाल पड़ जाते हैं. कुछ मामलों में इनमें बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाता है, जिससे इनमें पस बनने लगता है. ये समस्या अक्सर बच्चों में देखी जाती है. कई बार ये एडल्ट्स में भी देखने को मिलती है. खासकर उनमें, जिन्हें ज़्यादा पसीना आता है और जो साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते. घमौरियां होना काफी आम समस्या है, पर इससे बचना बहुत आसान है.

घमौरियों से कैसे बचें?
घमौरियों से बचने के लिए दो-तीन चीज़ों का ध्यान रखें. बहुत लंबे समय तक पसीने को स्किन पर इकट्ठा न होने दें. अगर आपको बहुत ज़्यादा पसीना आता है, तो कोशिश करें कि दिन में दो बार नहाएं. पहले आप सुबह नहाएं, फिर शाम में जिम से आने के बाद तुरंत नहा लें. पसीने को ज़्यादा देर तक स्किन पर न रहने दें.
साथ ही, मोटे कपड़े न पहनें. थोड़ा ढीले कपड़े पहनें. कॉटन के कपड़े पहनें. ये काफी हद तक पसीने को सोख लेता है. अगर घमौरियां हो रही हैं तो कैलेमाइन लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे लगाने से काफी राहत मिलती है.
अगर घमौरियां बहुत ज़्यादा हो रही हैं, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें. डॉक्टर कैलेमाइन लोशन और एंटी-हिस्टेमिनिक (एलर्जी से राहत देने वाली) दवाएं दे सकते हैं. कई बार माइल्ड स्टेरॉयड वाली टॉपिकल क्रीम भी दी जाती हैं. ये घमौरियों को कम करने में मदद करती हैं. अगर घमौरियों में इंफेक्शन हो गया है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं भी दे सकते हैं.
गर्मियों में स्किन का ख़्याल कैसे रखें?
- गर्मियों में स्किन को धूप से बचाएं.
- कोशिश करें, नमी वाले माहौल में रहें.
- अगर हो सके तो AC और कूलर का इस्तेमाल करें.
- पसीना ज़्यादा न आए, इसके लिए दिन में दो बार नहाएं.
- सूती कपड़े पहनें.
- खुद को हाइड्रेटेड रखें.
- खूब पानी पिएं और फल खाएं.
- साथ ही, सनस्क्रीन ज़रूर लगाएं. न सिर्फ चेहरे पर, बल्कि गर्दन और हाथों पर भी.
- अगर पसीना ज़्यादा आ रहा है और उसकी वजह से घमौरियां हो रही हैं, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.
आपको गर्मियों में ऐसी चीज़ें खानी चाहिए, जो शरीर में पानी की कमी न होने दें. जैसे खीरा, ककड़ी, तरबूज़ और खरबूज़ा वगैरह. अगर गर्मी ज़्यादा लगती है, तो आप स्किन पर ठंडक देने वाला पाउडर भी लगा सकते हैं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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