सोशल मीडिया पर एक रील खूब वायरल है. रील में भुने चने हैं. उनमें मिलावट की ख़बर है. दावा किया जा रहा है कि भुने चनों में ऑरामाइन-O नाम की डाई मिलाई जा रही है. ये डाई चने को चमकीला पीला रंग देती है. इससे चने बढ़िया दिखते हैं. वो खाने में ज़्यादा कुरकुरे भी लगते हैं. इसलिए लोग भुना चना खूब खरीदते हैं.
भुने चनों में ऐसी चीज मिला रहे जिससे है कैंसर का खतरा, डॉक्टर ने बताया कैसे पहचानें
भुने चने बहुत ही पॉपुलर स्नैक है. लोग इन्हें खूब खाते हैं. बाज़ार में ये बड़ी आसानी से मिल भी जाते हैं. लेकिन, अब इसमें ऑरामाइन-O की मिलावट वाली ख़बरों ने लोगों को डरा दिया है. तो ये ऑरामाइन-O है क्या? खाने में इसके इस्तेमाल पर बैन क्यों लगा है? और, हम मिलावटी चने कैसे पहचान सकते हैं? आज सब जान लीजिए.


डराने वाली बात ये है कि ऑरामाइन-O को खाने में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इस पर बैन लगा हुआ है. ये शरीर के लिए बहुत नुकसानदेह है.
WHO यानी World Health Organization ने कहा है कि इससे कैंसर तक हो सकता है. भुने चनों में ऑरामाइन-O की मिलावट का मामला इतना बढ़ गया है कि राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने मंत्रालय से ऑरामाइन-O की मिलावट पर नेशनल हेल्थ अलर्ट जारी करने की गुज़ारिश की है. ये भी कहा है कि पूरे देश में भुने चनों की जांच हो, और मिलावट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो.
भुने चने बहुत ही पॉपुलर स्नैक है. लोग इन्हें खूब खाते हैं. बाज़ार में ये बड़ी आसानी से मिल भी जाते हैं. लेकिन, अब इसमें ऑरामाइन-O की मिलावट वाली ख़बरों ने लोगों को डरा दिया है.
तो ये ऑरामाइन-O है क्या? खाने में इसके इस्तेमाल पर बैन क्यों लगा है? और, हम मिलावटी चने कैसे पहचान सकते हैं? ये सब हमने पूछा पारस हेल्थ, गुरुग्राम में डाइटिशियन दृश्या आले से.

डाइटिशियन दृश्या बताती हैं कि ऑरामाइन-O पीले रंग की डाई है. इसका इस्तेमाल कपड़ा, लेदर और पेपर इंडस्ट्री में किया जाता है. ये कुछ-कुछ हल्दी जैसा दिखता है. ये आसानी से मिल जाता है और सस्ता भी होता है.
मिलावट करने वाले इसे चने और खाने की दूसरी चीज़ों में इसलिए डालते हैं, ताकि वो ज़्यादा चमकीली और आकर्षक दिखें. उनकी बिक्री बढ़े. लेकिन Food Safety and Standards Act, 2006 के तहत ऑरामाइन-O को फूड कलर के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. ये पूरी तरह गैर-कानूनी है.
रिसर्च से साबित हुआ है कि ऑरामाइन-O से लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचता है. स्प्लीन का साइज़ बढ़ सकता है. स्प्लीन एक मुलायम, छोटा लेकिन बेहद ज़रूरी अंग है. ये पेट के ऊपरी बाएं हिस्से में, पसलियों के ठीक नीचे होता है. इसका मेन काम शरीर को इंफेक्शन से बचाना और खून को फिल्टर करना है. स्प्लीन का साइज़ बढ़ने से एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी हो सकती है. इंफेक्शन होने का रिस्क बढ़ जाता है. स्प्लीन फट भी सकती है. जिससे इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है. ये जानलेवा स्थिति है.

शरीर में ऑरामाइन-O की ज़्यादा मात्रा जाने से DNA में बदलाव हो सकता है. इससे कैंसर का ख़तरा भी बढ़ जाता है.
World Health Organization की एक एजेंसी है- IARC यानी International Agency for Research on Cancer. इसने ऑरामाइन-O को 'group 2B carcinogen' माना है. इसका मतलब है कि ऑरामाइन-O से कैंसर होने का चांस है. इसलिए ये बहुत ज़रूरी है कि भुने चने में इस डाई की मिलावट न हो.
कैसे करें पहचान?
इसके लिए सरकार को देशभर में भुने हुए चनों की जांच करनी चाहिए. अगर उनमें मिलावट मिलती है, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. आप खुद भी मिलावटी भुने चनों की पहचान कर सकते हैं. अगर चने ज़रूरत से ज़्यादा पीले और चमकीले लग रहे हैं या गीले हाथों से छूने पर रंग छूटने लगे, तो ऐसे चने न खाएं. उनमें मिलावट हो सकती है. हमेशा भरोसेमंद दुकान से ही चने खरीदें. आप बाज़ार से चना ख़रीद सकते हैं और उसे घर पर ही भून लीजिए. ये ज़्यादा सेफ़ है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: लगातार निकलती तोंद कैसे कम होगी? डॉक्टर्स से जानिए


















.webp)


