The Lallantop

कैंसर ठीक होने के बाद दोबारा कैसे हो सकता है? लक्षण और इलाज क्या हैं?

कुछ कैंसर के दोबारा होने का रिस्क ज़्यादा है. कौन से हैं ये कैंसर- ये जानेंगे आज. डॉक्टर से समझेंगे कैंसर ठीक होने के बाद दोबारा क्यों हो जाता है. दोबारा कैंसर होने पर क्या लक्षण दिखते हैं. दोबारा कैंसर होने से कैसे बचा जा सकता है. और अगर कैंसर दोबारा हुआ है तो क्या वो पूरी तरह ठीक हो सकता है.

Advertisement
post-main-image
अगर कैंसर दोबारा उसी जगह पर हुआ है, तो इलाज किया जा सकता है.

क्या ठीक होने के बाद कैंसर दोबारा हो सकता है? जवाब है हां. ठीक होने के बाद भी कैंसर दोबारा हो सकता है. भले ही डॉक्टर्स ने सर्जरी कर के कैंसर से इंफेक्ट हो चुके हिस्से को निकाल दिया हो.

Advertisement

अप्रैल के महीने में ख़बर आई थी कि आयुष्मान खुराना की पत्नी और फिल्ममेकर ताहिरा कश्यप को दोबारा ब्रेस्ट कैंसर हो गया. ताहिरा को साल 2018 में ब्रेस्ट कैंसर हुआ था. ये स्टेज-ज़ीरो ब्रेस्ट कैंसर था. अपनी बीमारी का पता चलते ही, उन्होंने इलाज कराया था और वो ठीक भी हो गईं थीं. लेकिन, 7 साल बाद, उनको दोबारा ब्रेस्ट कैंसर हो गया. ताहिरा ने कैंसर के मरीज़ों को रेगुलर स्क्रीनिंग करवाने की सलाह दी. ताकि कैंसर को दोबारा फैलने से रोका जा सके. और ये बेहद ज़रूरी है.

कुछ कैंसर के दोबारा होने का रिस्क ज़्यादा है. कौन से हैं ये कैंसर- ये जानेंगे आज. डॉक्टर से समझेंगे कैंसर ठीक होने के बाद दोबारा क्यों हो जाता है. दोबारा कैंसर होने पर क्या लक्षण दिखते हैं. दोबारा कैंसर होने से कैसे बचा जा सकता है. और अगर कैंसर दोबारा हुआ है तो क्या वो पूरी तरह ठीक हो सकता है. 

Advertisement
कैंसर ठीक होने के बाद दोबारा क्यों हो जाता है?

ये हमें बताया डॉ. आदित्य विदुषी ने.

Dr. Aditya Vidushi - Gynaec Oncologist in Delhi - Book Online Appointment
डॉ. आदित्य विदुषी, हेड यूनिट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, एशियन हॉस्पिटल

- कैंसर ठीक होने के बाद दोबारा होने की दो वजहें हैं.

- पहली, कैंसर एडवांस स्टेज में डायग्नोज़ हुआ हो या हाई ग्रेड यानी तेज़ी से बढ़ने वाला हो.

Advertisement

- दूसरा, अगर कैंसर बहुत अग्रेसिव यानी जल्दी फैलने वाला हो तो ऐसे मामलों में इसके लौटने का ख़तरा ज़्यादा होता है.

- इसके अलावा, अगर इलाज पूरा न किया गया हो.

- जैसे सर्जरी के बाद ज़रूरी कीमोथेरेपी, हॉर्मोनल थेरेपी या रेडिएशन न कराई गई हो.

- तो कैंसर के अधूरे इलाज के चलते कैंसर लौटकर आ सकता है.

- जब कैंसर दोबारा होता है, तो ये दो तरीके से हो सकता है.

- या तो वो पहली वाली जगह पर दोबारा आएगा (लोकल रिकरेंस).

- या फिर वो किसी दूसरे अंग में आएगा (मेटास्टैटिक रिकरेंस).

दोबारा कैंसर होने पर क्या लक्षण दिखते हैं?

- दोबारा कैंसर होने के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि वो किस तरह वापस आया है.

- जैसे, जबड़े के किसी हिस्से में ट्यूमर दोबारा होना. इसे लोकल रिकरेंस कहते हैं.

- वहीं जब कैंसर शरीर के किसी और हिस्से में हो जाता है, जैसे अगर किसी को ब्रेस्ट कैंसर था, उसकी सर्जरी भी हो चुकी है,

- लेकिन इलाज पूरा नहीं हुआ तो कैंसर शरीर के किसी दूसरे हिस्से, जैसे हड्डियों में फैल सकता है.

- तब हड्डियों में दर्द होना सबसे आम लक्षण है.

- अगर कैंसर लिवर में फैला है, तो मरीज़ को पीलिया हो सकता है.

Busting Myths: Cancer is Not Just One Disease
दोबारा कैंसर होने के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि वो किस तरह वापस आया है

- अगर कैंसर फेफड़ों में हो गया है, तो मरीज़ को सांस फूलना, लगातार खांसी आना या खांसी में खून जैसे लक्षण दिख सकते हैं.

- यानी लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि कैंसर दोबारा उसी अंग में हुआ है या किसी और हिस्से में फैला है.

अगर कैंसर दोबारा हुआ है तो क्या वो ठीक हो सकता है?

- अगर कैंसर दोबारा उसी जगह पर हुआ है, तो  इलाज किया जा सकता है.

- इसके लिए दोबारा सर्जरी की जा सकती है या रेडिएशन थेरेपी दी जा सकती है.

- कुछ और ऑप्शन भी हैं, जैसे माइक्रोवेव एब्लेशन या लेज़र एब्लेशन, ये ट्यूमर के साइज़ पर निर्भर करता है.

- लेकिन अगर कैंसर फैलकर अलग-अलग अंगों में हो गया है, यानी शरीर के कई हिस्सों में फैल गया है.

- तब उसका पूरी तरह इलाज मुमकिन नहीं है, लेकिन उसे कंट्रोल किया जा सकता है.

- इसके लिए कीमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी की जा सकती हैं.

- इनकी मदद से काफी हद तक कैंसर को कंट्रोल किया जा सकता है.

तो समझे आप. इसलिए बहुत ज़रूरी है कि कैंसर का पूरा इलाज हो. कोई भी स्टेप मिस न हो, ताकि कैंसर दोबारा होने का रिस्क घट जाए. कैंसर ठीक होने के बाद भी, हर कुछ समय में फॉलो-अप ज़रूरी है ताकि समय रहते इसे फैलने से रोका जा सके. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: क्या है पेयर्ड किडनी ट्रांसप्लांट, जो किडनी के मरीज़ों की जान बचा सकता है?

Advertisement