बिहार में वोटर लिस्ट की गहन समीक्षा (SIR) के मुद्दे पर राहुल गांधी लीड रोल में दिख रहे हैं. उन्हें तेजस्वी यादव का भरपूर साथ मिल रहा है. 17 अगस्त से दोनों नेताओं ने महागठबंधन के अन्य दलों के साथ मिलकर बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत की है, जिसका समापन 1 सितंबर को पटना में होगा. इस यात्रा के दौरान तेजस्वी ने राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने राहुल 2029 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा कर दी. तेजस्वी यादव ने कहा कि 2025 में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी और 2029 में महागठबंधन राहुल गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाएगा.
तेजस्वी ने राहुल गांधी को PM उम्मीदवार घोषित कर दिया, कांग्रेस तेजस्वी को CM फेस क्यों नहीं बता रही?
Bihar में कथित 'Vote Chori' के मुद्दे पर Tejashwi Yadav और Rahul Gandhi ने BJP और चुनाव आयोग के खिलाफ हल्ला बोला हुआ है. लेकिन एक सवाल लगातार उठ रहा है कि महागठबंधन तेजस्वी यादव को CM पद का चेहरा घोषित करने में देरी क्यों कर रहा है?

इसके बाद से चर्चा चल पड़ी है कि तेजस्वी ने तो राहुल गांधी को 2029 में प्रधानमंत्री बनाने का समर्थन कर दिया है, लेकिन क्या वजह है कि राहुल गांधी या कांग्रेस, तेजस्वी यादव का नाम मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर घोषित करने से बच रहे हैं? क्या तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने को लेकर कोई पेच फंसा हुआ है? एक सवाल ये भी है कि क्या कांग्रेस सीट शेयरिंग के मुद्दे पर RJD से मनचाही सीटें ना मिलने की स्थिति में तेजस्वी का समर्थन करने से परहेज कर रही है?

बता दें कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा चल ही रही है. अभी तक पांच राउंड की बैठक हो चुकी है, लेकिन किसी भी बैठक में कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है, खासकर सीट शेयरिंग को लेकर.
हालांकि, तेजस्वी यादव ने कई मौके पर स्पष्ट कर दिया है कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं है और वे ही मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे. 17 अगस्त को जब सासाराम से 'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत हुई थी, तो तेजस्वी यादव और राहुल गांधी एक खुली जीप में यात्रा की शुरुआत करते दिखे थे. उस दौरान तेजस्वी यादव ही जीप के स्टीयरिंग व्हील पर दिखे थे.

आजतक से जुड़े रोहित कुमार सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की जीप वाली तस्वीर को लेकर एक संदेश यह भी दिया जा रहा था कि भले ही राहुल गांधी राष्ट्रीय नेता हैं, लेकिन बिहार में कमान तो तेजस्वी यादव और RJD के ही हाथों में है.
इस वायरल फोटो से यह भी संदेश देने की कोशिश की गई कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी हो सकती है, लेकिन बिहार में उसे वही करना होगा जो RJD चाहती है. क्योंकि पिछले तीन दशक से दोनों पार्टियों के गठबंधन में हमेशा RJD ही ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रही है और कांग्रेस केवल RJD की सहयोगी बनकर काम करती आई है.
2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन सिर्फ 19 सीटें ही जीत पाई थी. तकरीबन 27 फीसदी ‘स्ट्राइक रेट’ के साथ कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था, जिसकी वजह से RJD सरकार बनाने से चूक गई थी.
ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार RJD कांग्रेस को इतनी सीट देने के मूड में नहीं है, जितनी 2020 में उसे दी गई थी. अगर 2024 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे को ही आधार बनाया जाए तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 40 में से 9 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इस आधार पर देखें तो विधानसभा चुनाव में कम से कम 54 सीटों पर उसकी दावेदारी बनती है. क्या RJD भी कांग्रेस को उतनी ही सीट देना चाह रही है?
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस चाहती है कि 2020 में जितनी सीटें विधानसभा चुनाव में उसको लड़ने के लिए मिली थीं, कम से कम उतनी ही सीटें एक बार फिर 2025 चुनाव में भी मिलनी चाहिए.
शायद यही वजह है कि कांग्रेस फिलहाल 'वेट एंड वॉच' के एजेंडे पर चल रही है और सीट बंटवारे का मसला सुलझने का इंतजार कर रही है. माना जा रहा है कि जब तक कांग्रेस को संतोषजनक सीटें नहीं मिल जातीं, तब तक वो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने से परहेज करेगी.
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