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एयर प्यूरिफायर लेते वक्त ये बातें ध्यान रखें, वर्ना पैसे तो डूबेंगे ही साफ हवा भी नहीं मिलेगी

हमेशा HEPA फ़िल्टर वाला एयर प्यूरिफ़ायर खरीदें. इन पर H13/ H14 की रेटिंग होती है. आपके एयर प्यूरिफ़ायर में HEPA फ़िल्टर लगा है या नहीं, ये आप दुकानदार से पूछ सकते हैं.

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एयर प्यूरिफ़ायर इस्तेमाल करना आज ज़रूरत बन गया है (फोटो: Freepik)

एक ज़माना था, जब घर में वॉटर फ़िल्टर लगाना नई बात थी. लेकिन, ज़रूरत बन गई थी. अगर साफ पानी चाहिए तो घर में वॉटर फ़िल्टर होना ज़रूरी है.

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अब वो वक्त आ गया है, जब साफ हवा एक लग्ज़री है. देश के कई हिस्सों में प्रदूषण से बुरा हाल है. AQI यानी एयर क्वॉलिटी इंडेक्स रोज़ नए मुकाम छू रहा है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. खांसी जा नहीं रही. सिरदर्द, आंखों में जलन, बेहिसाब दिक्कतें हैं.

ऐसे में ठीक वॉटर फिल्टर की तरह, घरों और ऑफिसेज़ में एयर प्यूरिफ़ायर एक ज़रूरत बन गई है. अगर साफ़ हवा चाहिए तो एयर प्यूरिफ़ायर लगाना पड़ेगा. यही सोचकर लोग एयर प्यूरिफ़ायर ख़रीद रहे हैं, उन्हें इस्तेमाल कर रहे हैं. मगर ये सारी मेहनत बेकार है, अगर आप कुछ बातों का ध्यान नहीं रखते. तब आपके पैसे भी जाएंगे और साफ़ हवा भी नहीं मिलेगी.

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किन बातों का ध्यान रखना है, जल्दी से बताते हैं.

1. HEPA फ़िल्टर वाला एयर प्यूरिफ़ायर खरीदें.

इन पर H13/ H14 की रेटिंग होती है. आपके एयर प्यूरिफ़ायर में HEPA फ़िल्टर लगा है या नहीं, ये आप दुकानदार से पूछ सकते हैं या वेबसाइट पर प्रोडक्ट डिटेल्स में देख सकते हैं. HEPA टाइप या HEPA लाइक वाले एयर प्यूरिफ़ायर ख़रीदना अवॉयड करें.

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आपका रूम कितना बड़ा या छोटा है, उस हिसाब से एयर प्यूरिफ़ायर खरीदें (फोटो: Freepik)

2. अपने घर के हिसाब से एयर प्यूरिफ़ायर खरीदें.

एक छोटा एयर प्यूरिफ़ायर, बड़े एरिया में असरदार नहीं होगा. इसके लिए आप अपने एयर प्यूरिफ़ायर का CADR चेक कर सकते हैं. CADR यानी क्लीन एयर डिलीवरी रेट. 

अगर आपके एयर प्यूरिफ़ायर में एक्टिवेटिड कार्बन लेयर है, तो आपका एयर प्यूरिफ़ायर स्मॉग में मौजूद गैसेज़, चूल्हे से उठने वाला धुंआ और ओडर यानी बदबू को भी दूर कर सकता है. ये अकेले HEPA फ़िल्टर नहीं कर पाएगा.

3. जब एयर प्योरिफायर चलाएं तो खिड़की-दरवाज़े बंद रखें. 

जब ऐसा करेंगे, तभी आपका एयर प्यूरिफ़ायर ठीक से काम कर पाएगा.

4. एयर प्यूरिफ़ायर कमरे के कोने में न रखें.

इसे कमरे के बीच रखें ताकि हवा का बहाव रुके नहीं.

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एयर प्यूरिफ़ायर का फिल्टर समय-समय पर बदलते रहें (फोटो: Freepik)

5. एयर प्यूरिफ़ायर में मौजूद प्री-फ़िल्टर को समय-समय पर साफ़ करते रहें.

HEPA या कार्बन फिल्टर्स को समय-समय पर बदलते रहें. दरअसल HEPA और कार्बन फ़िल्टर नॉन-वॉशएबल होते हैं. उन्हें पानी से धोएं नहीं. ये ख़राब हो जाएंगे. जब इनका वक़्त खत्म हो जाए, तो नए फ़िल्टर खरीदें और उन्हें एयर प्यूरिफ़ायर में लगाएं.

6. एयर प्यूरिफ़ायर को हर थोड़ी देर में चलाकर बंद न करें.

एयर प्यूरिफ़ायर लगातार कुछ घंटे चलने दें. वरना मशीन अपना काम ठीक से नहीं कर पाएगी.

अगर इन टिप्स का आपने ख्याल रखा, तो आपका एयर प्यूरिफ़ायर बढ़िया काम करेगा और आपके आसपास की हवा काफ़ी हद तक साफ़ रहेगी. 

अब ज़रा डॉक्टर साहब से भी जान लेते हैं कि एयर प्यूरिफ़ायर इस्तेमाल करना क्यों ज़रूरी है. ये कैसे काम करता है और कुछ काम की टिप्स.

एयर प्यूरीफ़ायर कैसे काम करता है?

ये हमें बताया डॉक्टर अरुणेश कुमार ने. 

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डॉ. अरुणेश कुमार, डायरेक्टर एंड हेड, पल्मोनोलॉजी, पारस हेल्थ

आजकल प्रदूषण की वजह से AQI (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) बहुत हाई है. AQI अलग-अलग कारणों से बढ़ता है. इसमें अलग-अलग हानिकारक तत्व होते हैं. जिसमें एक है PM 2.5 और दूसरा है अल्ट्रा फाइन पार्टिकल. इसे नैनो पार्टिकल भी कहते हैं. ये ऐसे धूलकण हैं, जो सांस के ज़रिए फेफड़े और ब्लड वेसेल्स यानी खून की नालियों तक पहुंच जाते हैं. वहां से ये शरीर के किसी भी अंग में जा सकते हैं. इसलिए ये बेहद ख़तरनाक होते हैं. 

एयर प्यूरीफ़ायर को हम घर और ऑफिस में इस्तेमाल कर सकते हैं. एयर प्यूरीफ़ायर आसपास मौजूद PM 2.5, वायरस, बैक्टीरिया को साफ़ करता है. एयर प्यूरीफ़ायर में 3-4 तरह के फ़िल्टर लगे होते हैं. ये फ़िल्टर हवा में मौजूद प्रदूषण के अलग-अलग तत्वों को साफ़ करते हैं. हवा इन फ़िल्टर से होकर गुज़रती है. फ़िल्टर हवा में मौजूद प्रदूषण के अलग-अलग कणों को साफ़ करता है. फिर साफ़ हवा बाहर आती है. इससे कमरे की हवा में PM 2.5 की मौजूदगी खत्म हो जाती है.

एयर प्यूरीफ़ायर को इस्तेमाल करते हुए किन बातों का ध्यान रखें?

एयर प्यूरीफ़ायर फूलप्रूफ़ तरीका नहीं है. कोई एयर प्यूरीफ़ायर कितना असरदार होगा, ये कमरे के साइज़ पर निर्भर करता है. कमरे के साइज़ के हिसाब से एयर प्यूरीफ़ायर खरीदें. अगर सांस से जुड़ी कोई बीमारी है, तो दवाइयों का इस्तेमाल करें. स्मोकिंग न करें. दरवाज़े, खिड़कियां बंद रखें ताकि प्रदूषण अंदर न आ पाए.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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