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कहीं आपके सर्वाइकल पेन की वजह हेवी ब्रेस्ट तो नहीं? दर्द से निजात पाने के लिए क्या करना है, जान लीजिए

जिन महिलाओं के ब्रेस्ट का साइज़ ज़्यादा होता है. आमतौर पर D कप या उससे ज़्यादा. उनमें सर्वाइकल पेन की शिकायत हो सकती है.

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सर्वाइकल पेन यानी गर्दन में होने वाला भयंकर दर्द (फोटो: Freepik)

सर्वाइकल का दर्द. एक बहुत ही आम दिक्कत. इसमें गर्दन में बहुत दर्द होता है. जकड़न महसूस होती है. साथ ही, सिरदर्द और कंधों में भी दर्द होता है. जी मिचलाता है और हाथ-पैर में झुनझुनी हो सकती है.

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किसी को सर्वाइकल पेन होता क्यों है, इसकी कई सारी वजहें हैं. जैसे घंटों कंप्यूटर-लैपटॉप के सामने बैठकर काम करना. गर्दन झुकाकर काम करना. गलत पोश्चर में बैठना. सोते समय ऊंचा तकिया लगाना. बहुत स्ट्रेस में रहना.

लेकिन महिलाओं में सर्वाइकल पेन होने की एक वजह और है. हालांकि ज़्यादातर महिलाओं को इसके बारे में जानकारी नहीं है. वजह हैं हैवी ब्रेस्ट. जिन महिलाओं के ब्रेस्ट बहुत हैवी होते हैं. उन्हें भी सर्वाइकल पेन की शिकायत हो सकती है. मगर ऐसा होता क्यों है? ये हमें बताया सी.के. बिड़ला हॉस्पिटल में प्लास्टिक्स एंड एस्थेटिक्स सेंटर के एसोसिएट डायरेक्टर, डॉक्टर अनमोल चुघ से.

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डॉ. अनमोल चुघ, एसोसिएट डायरेक्टर, प्लास्टिक्स एंड एस्थेटिक्स सेंटर, सी.के.बिड़ला हॉस्पिटल

डॉक्टर अनमोल चुघ बताते हैं कि जिन महिलाओं के ब्रेस्ट का साइज़ ज़्यादा होता है. आमतौर पर D कप या उससे ज़्यादा. उनमें सर्वाइकल पेन की शिकायत हो सकती है. दरअसल हैवी ब्रेस्ट शरीर को आगे की ओर खींचते हैं. इससे रीढ़ की हड्डी और खासकर गर्दन और कंधे की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ जाता है. नतीजा? सर्वाइकल पेन.

हैवी ब्रेस्ट का शरीर के पोश्चर पर भी असर पड़ता है. महिला को थोरासिक काइफोसिस हो सकता है. यानी पीठ के बीच वाले हिस्से का आगे की ओर ज़्यादा झुकना. इससे वो हिस्सा गोल या हंप जैसा दिखने लगता है. साथ ही, सर्वाइकल लॉर्डोसिस भी बढ़ सकता है. यानी गर्दन के कर्व में ज़्यादा झुकाव आना.

वज़न की वजह से कंधे और पीठ नीचे की ओर खिंचते हैं. इससे स्लाउचिंग और फॉरवर्ड स्टूपिंग हो सकती हैं. स्लाउचिंग माने पीठ और कंधे झुकाकर बैठना या खड़े होना. इससे उनमें तनाव बढ़ता है और फिर दर्द होता है. वहीं फॉरवर्ड स्टूपिंग भी हो सकती है. यानी शरीर का आगे की ओर झुक जाना. इससे गर्दन, कंधों और पीठ की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और उनमें दर्द हो सकता है.

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बॉडी मास इंडेक्स यानी BMI से भी पोश्चर पर असर पड़ता है. BMI एक स्केल है, जो बताता है कि आपका वज़न आपकी हाइट और उम्र के हिसाब से ठीक है या नहीं.

जब पोश्चर सही नहीं होता, तब सर्वाइकल पेन होने का चांस बढ़ जाता है.

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सर्वाइकल पेन से बचना है तो अपना पोश्चर सही रखें (फोटो: Freepik)

सर्वाइकल पेन से निजात पाने के लिए गर्दन को सीधा रखकर काम करें. आपकी गर्दन पर किसी तरह का तनाव नहीं पड़ना चाहिए. अपना पोश्चर सुधारें और स्ट्रेस कम लें.

सर्वाइकल पेन से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी भी बहुत काम आती है. लेकिन, ये एक्सरसाइज़ेस आपको किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करनी चाहिए. हॉट एंड कोल्ड थेरेपी, जिसमें गर्म और ठंडी सिकाई की जाती है, भी काफ़ी कारगर है.

इनके अलावा दर्द से राहत पाने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं भी देते हैं. पर कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के हरगिज़ न लें.

अगर ब्रेस्ट साइज़ बहुत ज़्यादा है, तो ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी भी कराई जा सकती है. इसमें ब्रेस्ट से एक्स्ट्रा फैट, कुछ खास टिशूज़ और स्किन निकालकर उनका साइज़ कम किया जाता है. इससे गर्दन और पीठ दर्द से आराम मिलता है. पोश्चर ठीक होता है. अगर कोई महिला ये सर्जरी कराना चाहती है, तो इसे किसी अच्छी जगह और एक्सपर्ट से ही कराएं.

हालांकि ये भी जान लें कि सर्जरी के निशान स्किन पर रहते हैं. निप्पल की संवेदनशीलता में बदलाव हो सकता है. कुछ मामलों में, स्तनपान कराना मुश्किल हो सकता है. बाकी किसी सर्जरी से जुड़े जो आम रिस्क होते हैं, वो तो रहते ही हैं. जैसे इंफेक्शन होना, ब्लीडिंग होना और एनेस्थीसिया रिस्क वगैरह.

अगर आप हैवी ब्रेस्ट के चलते सर्वाइकल पेन से परेशान हैं, तो चुपचाप सहिए मत. डॉक्टर से मिलिए. अपनी परेशानी बताइए. आपको सही इलाज मिलेगा.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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