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हाई बीपी की दवा एक बार खाई तो उम्र भर खानी पड़ेगी? हाइपरटेंशन से जुड़े तीन बड़े मिथक

पहला मिथक हाई बीपी की दवाइयों से जुड़ा है. कई लोग मानते हैं कि अगर एक बार हाई बीपी की दवा खानी शुरू कर दो तो पूरी ज़िंदगी ये दवाएं खानी पड़ेंगी. जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है.

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हाई बीपी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है

हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी. हमारे देश में एक बहुत ही आम समस्या. ICMR के मुताबिक, देश में 31.5 करोड़ लोगों को हाई बीपी की शिकायत है. इसके बावजूद, हर 10 में से 3 भारतीय अपनी पूरी ज़िंदगी में कभी भी बीपी की जांच नहीं कराते. उन्हें पता ही नहीं चलता, उन्हें हाई बीपी की दिक्कत है. जो जांच करवाते हैं और हाइपरटेंशन के मरीज़ निकलते हैं, वो बीपी की दवा खाने से बचते हैं. वजह है इन दवाओं के साइड इफ़ेक्ट. 

मगर, बीपी की दवाओं के साइड इफ़ेक्ट क्या हैं? अगर साइड इफ़ेक्ट महसूस हों, तो क्या करना चाहिए? ये भी जानेंगे कि हाई बीपी से जुड़े कुछ बहुत ही आम मिथक क्या हैं. बीपी से जुड़ी 3 चौंकाने वाली बातें भी आपको बताएंगे.  

हाइपरटेंशन से जुड़ी 3 बातें जो आपको जानना ज़रूरी हैं

ये हमें बताया डॉक्टर विवेका कुमार ने. 

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डॉ. विवेका कुमार, वाइस चेयरमैन, कार्डियक साइंसेज़, मैक्स हॉस्पिटल, नई दिल्ली

हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर एक बहुत आम बीमारी है. पहली बात, हाल ही में देश में हुए एक सर्वे से जुड़ी है. इसमें देखा गया कि 40 साल से ज़्यादा उम्र के करीब 60% लोगों को हाई बीपी की शिकायत है. 

दूसरी बात, लोगों को लगता है हाई बीपी होने पर लक्षण दिखेंगे. मगर हाई ब्लड प्रेशर के अक्सर लक्षण दिखाई नहीं देते. इसके चलते लोग अनकंट्रोल्ड हाई बीपी से जूझने लगते हैं. इससे हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक होने का चांस बढ़ जाता है. 

तीसरी बात, हाई बीपी कंट्रोल करना यानी दिल सुरक्षित. अगर आप अपने बीपी को सिर्फ 10 mmHg तक भी कम करते हैं, तो हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का ख़तरा लगभग आधा हो जाता है. इसलिए, हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में ज़रूर रखें. 

हाइपरटेंशन से जुड़े 3 आम मिथक

पहला मिथक, लोग मानते हैं कि अगर एक बार हाई बीपी की दवा खानी शुरू कर दी तो पूरी ज़िंदगी ये दवाएं खानी पड़ेंगी. ऐसा नहीं है. अगर हाई बीपी की दवा खाने के साथ-साथ लाइफस्टाइल में भी बदलाव किए जाएं, तो ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और दवा भी कम की जाती है. धीरे-धीरे ये दवाएं बंद भी हो सकती हैं.

दूसरा मिथक, लोग सोचते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर होगा तो लक्षण ज़रूर दिखेंगे. मगर इसका पहला लक्षण सीधा हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक भी हो सकता है. इसलिए, रेगुलर हेल्थ चेकअप कराना ज़रूरी है. 

तीसरा मिथक, लोग मानते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ हाई ब्लड प्रेशर होना सामान्य बात है. ये एक गलतफहमी है. उम्र चाहें कितनी भी हो, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में होना ज़रूरी है. अगर उम्र बढ़ने के साथ ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं किया जाए, तो ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक आने का चांस बढ़ जाता है.

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हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना ज़रूरी है

हाइपरटेंशन की दवाओं के साइड इफ़ेक्ट

हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयों के कुछ साइड इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं. इनमें अलग-अलग ग्रुप की दवाइयां शामिल हैं, जैसे कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स. इससे पैरों में सूजन (एंकल एडिमा) हो सकती है. अगर बीटा ब्लॉकर्स दवाइयां खा रहे हैं, तो कमज़ोरी लग सकती है. हार्ट रेट यानी दिल की धड़कनें धीमी हो सकती हैं. कुछ पुरुषों के सेक्स करने की इच्छा कम हो सकती है. अगर डाययुरेटिक्स ग्रुप की दवाइयां खा रहे हैं, तो बार-बार पेशाब के लिए जाना पड़ सकता है. अगर आमतौर पर ली जाने वाली सेंट्रली एक्टिंग ड्रग्स खा रहे हैं. जैसे क्लोनिडीन वगैरह. तब व्यक्ति को सुस्ती महसूस हो सकती है. 

जिन्हें भी हाई बीपी की दवा खाने पर साइड इफ़ेक्ट्स दिख रहे हैं. उन्हें डॉक्टर से मिलना चाहिए ताकि उनकी दवा बदली जा सके. कई दवाइयां, जैसे ACE इनहिबिटर्स खाने पर खांसी की शिकायत हो सकती है. इसलिए, अगर ऐसा कुछ हो तो डॉक्टर से मिलें और हाई बीपी की दूसरी दवा लें. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना बहुत ज़्यादा ज़रूरी है.

हाइपरटेंशन को कंट्रोल में कैसे रखें?

हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना ज़रूरी है. इसके लिए अपनी दवाइयां समय पर लें. बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में रहने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, इसलिए खुद को रिलैक्स रखें. योग करें और ध्यान लगाएं. इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहेगा. साथ ही, अच्छी नींद लें. रोज़ 7 से 8 घंटे सोएं. अपने खाने में नमक कम करें. कई लोग रोज़ पेनकिलर्स या NSAIDs दवाओं का इस्तेमाल करते हैं. इनसे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, तो इन्हें कम खाएं. अगर आप रोज़ टहलते हैं, 10 हज़ार से ज़्यादा कदम चलते हैं, तो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कम किया जा सकता है. ओवरवेट लोगों को भी हाई बीपी की दिक्कत हो सकती है. इसलिए, ऐसे लोग अपना वज़न कंट्रोल में लाएं. अगर ये चीज़ें करेंगे, तो आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहेगा.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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