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जम्मू के इस गांव में फैली 'रहस्यमय' बीमारी, 3 परिवारों के 13 सदस्यों की मौत, जानिए राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने क्या दावा किया

इस रहस्यमय बीमारी का पहला केस 7 दिसंबर को आया था. तब एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत की ख़बर आई थी. इसके बाद 12 दिसंबर को तीन बच्चों की मौत हई. हालांकि राज्य की स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि मौतें किसी बीमारी या वायरस की वजह से नहीं हो रही हैं.

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जम्मू के राजौरी ज़िले के बडाल गांव में ये बीमारी फैली है

जम्मू के राजौरी ज़िले में कथित तौर पर एक रहस्यमय बीमारी फैल रही है. बीमारी का असर ऐसा है कि अब तक इससे 13 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 10 बच्चे शामिल हैं. बीमारी से प्रभावित सभी लोग ज़िले के ‘बडाल’ गांव से हैं.

खबर लिखे जाने तक इस बीमारी से एक बुज़ुर्ग की मौत होने की भी जानकारी आई थी. उनका नाम मोहम्मद यूसुफ है. वो 62 साल के थे और इसी ‘रहस्यमय’ बीमारी से पीड़ित थे. उनसे पहले, एक ही परिवार के 6 बच्चों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जिनमें से तीन की मौत हो गई थी. मरने वाले बच्चों में एक बच्ची 5 साल की थी, जबकि बाकी दो बच्चे 10 और 14 साल के थे.

राजौरी के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. मनोहर लाल ने The New Indian Express से बातचीत में कहा कि ये बीमारी फिलहाल गांव के तीन परिवारों तक ही सीमित है. उनका कहना है कि प्रभावित लोगों ने बीमार होने से पहले कुछ चीज़ें खाई थीं. अभी तक बीमारी के फैलने की वजह पता नहीं चल सकी है.

हालांकि न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर की स्वास्थ्य मंत्री सकीना मसूद इट्टू ने साफ किया है कि इन 13 लोगों की मौत किसी रहस्यमय बीमारी या वायरस से नहीं हुई है. क्योंकि, सभी टेस्ट रिज़ल्ट निगेटिव आए हैं.

मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब पहली बार 5 लोगों की मौत हुई थी. तब हेल्थ डिपार्टमेंट ने घर-घर जाकर 3,500 लोगों के सैंपल लिए थे. मगर जब दोबारा, तीन लोगों की मौत हुई. तो बाहर से टीमों को बुलाया गया.

मट्टू ने आगे कहा, ‘ये तीसरी बार है और अब 5 लोगों की जान गई है. वो भी 40 दिन बाद. अगर कोई बीमारी होती, तो वो अब तक फैल चुकी होती. जितने भी सैंपल्स की जांच की गई, वो सभी निगेटिव आए हैं. कुछ टेस्ट पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में किए गए थे. और, उन सबके नतीजे निगेटिव रहे. नई दिल्ली से नेशनल सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल की रिपोर्ट्स भी निगेटिव रही हैं. जम्मू के ICMR वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब में भी टेस्ट किए गए. मगर, अभी तक कोई बीमारी या वायरस नहीं पाया गया है.’

उन्होंने ये भी कहा कि तीन परिवारों में हुई इतनी मौतें चिंता की बात हैं. पुलिस और ज़िला प्रशासन इस मामले की जांच करेंगे.

वैसे ये बीमारी और लोगों में न फैले, इसके लिए लगातार कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और सैंपलिंग की जा रही है.

‘बडाल’ गांव की आबादी 5700 है. बीमारी को लेकर यहां 12 हज़ार से ज़्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं. पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पीजीआई चंडीगढ़, एम्स दिल्ली और नेशनल सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल की एक टीम ने गांव पहुंचकर खाने और पानी के सैंपल भी लिए. ताकि इनकी क्वालिटी और सेफ्टी की जांच हो सके, यानी ये पता किया जा सके कि कहीं खाने या पानी में कोई दिक्कत तो नहीं. जिसकी वजह से ये बीमारी फैल रही है.

प्रशासन ने गांव में एक मोबाइल मेडिकल यूनिट और एंबुलेंस भी तैनात की है. ताकि इमरजेंसी में लोगों को तुरंत उपचार मिल सके.

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बीमारी से पीड़ित बच्चों को बुखार आ रहा है (सांकेतिक तस्वीर)

इस रहस्यमय बीमारी का पहला केस 7 दिसंबर को आया था. तब एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत की ख़बर आई थी. इसके बाद 12 दिसंबर को तीन बच्चों की मौत हई. मरने वाले सभी बच्चों में कुछ खास तरह के लक्षण देखे गए थे. जैसे बुखार होना, खूब पसीना आना, उल्टी आना, शरीर में पानी की कमी होना और बार-बार बेसुध हो जाना.

राजौरी में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. आशुतोष गुप्ता का कहना है कि शुरुआती जांच में ये वायरल इंफेक्शन लग रहा है, लेकिन फिलहाल कुछ भी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता. वहीं हाल ही में मरने वाले 3 बच्चों के पिता मोहम्मद असलम ने ट्रिब्यून से बातचीत में कहा कि अगर ये वायरस या इंफेक्शन होता तो दूसरे गांववालों पर भी असर होता, लेकिन सिर्फ कुछ ही परिवारों के लोग प्रभावित हुए हैं.

हमने डॉक्टर धीरेन गुप्ता से इस रहस्यमय बीमारी पर बात की.

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डॉ. धीरेन गुप्ता, सीनियर पेडियाट्रिशियन, सर गंगा राम हॉस्पिटल, दिल्ली

उनका कहना है कि इसकी ठीक से जांच होनी चाहिए. स्थानीय स्तर पर इसके फैलने का कारण पता चलना चाहिए. डॉक्टर का कहना है कि फिलहाल ये बड़ा खतरा नहीं लगती. इसलिए, बाकी लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है.

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