फास्टैग स्कैम (FASTag Scam).बीते 24 घंटों में फास्टैग से जुड़ा स्कैम इंटरनेट की दुनिया में ट्रेंड में बना हुआ है. इस ट्रेंड के पीछे की वजह है एक वायरल वीडियो, जिसमें बिना टोल प्लाजा गए आपके फास्टैग से पैसे कटने का दावा किया जा रहा है. वायरल वीडियो में कुल जमा तीन लोग दिखाई दे रहे हैं. दो लोग गाड़ी के अंदर बैठे हैं और एक बच्चा, जो गाड़ी की सफाई कर रहा है. दावा है कि
कार की सफाई के बहाने फास्टैग से पैसे चुराने वाले वीडियो का सच ये निकला!
इंटरनेट पर फास्टैग से पैसा उड़ाने वाला वीडियो जमकर शेयर हो रहा है.
गाड़ी के सफाई के बहाने बच्चे ने फास्टैग को स्कैन कर Paytm से पैसे साफ कर दिए.
IAS अधिकारी अवनीश शरण ने वायरल वीडियो ट्वीट कर लिखा, (आर्काइव)
क्या यह सही है?
फेसबुक पर तो यह वीडियो जंगल में लगी आग की तरह फैल गया.
पड़ताल
'दी लल्लनटॉप' ने वायरल वीडियो का सच जानने के लिए पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किए जा रहा दावा गलत निकला.
सबसे पहले हमने वायरल वीडियो के जरिए असली वीडियो को सर्च करने की कोशिश की. असली वीडियो का पता लगाने के हमने वीडियो से जुड़े की-वर्ड FASTag की मदद ली. सर्च से हमें वायरल वीडियो का असली वर्जन फेसबुक पेज BakLol Video पर मिला. 24 जून को पोस्ट किए गए इस वीडियो का कैप्शन है,
अगर आपकी गाड़ी पे FASTAG है तो ये वीडियो जरूर देखे.
3 मिनट 45 सेकेंड के इस वीडियो में कहीं पर भी कोई डिस्क्लेमर नहीं डाला गया है और लोग इस घटना को सच मानकर धड़ल्ले से शेयर कर रहे हैं. एक दिन में वीडियो पर 21 मिलियन यानी 2 करोड़ से ऊपर व्यूज़ आ चुके हैं.
फेसबुक पेज BakLol Video के बारे में सर्च करने पर पता चला कि पेज के कर्ताधर्ता पंकज शर्मा है. हमने फेसबुक मैसेंजर के जरिए पंकज शर्मा से संपर्क किया. उन्होंने बताया,
'FASTag वाला वीडियो पूरी तरह से स्क्रिप्टेड है, जिसका मकसद जागरूकता फैलाना भर है. हमने कई जगह सुना था कि इस तरह के स्कैम हो रहे हैं इसलिए हमने फास्टैग स्कैम पर वीडियो बनाया. वीडियो में जो शख्स घनी दाढ़ी के साथ ड्राइविंग सीट पर बैठे हैं, उनका नाम अनुभव गोलिया है. अनुभव के बगल में रितिक बैठे हैं जबकि बच्चे के बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है क्योंकि उसको अनुभव ने कास्ट किया था.'
हमने आगे पंकज से बच्चे के हाथ में दिख रहे डिवाइस और डिस्क्लेमर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा,
'बच्चों के हाथ में दिख रहा डिवाइस एक सामान्य स्मार्टवॉच है जिसे हमने ऑनलाइन खरीदा था. जहां तक सवाल डिस्क्लेमर का है तो हम जल्द ही इसका टाइटल बदलने वाले हैं. हम इसमें Entertainment Purpose जोड़ेगें.'
पंकज से हमने अनुभव के बारे में पूछा तो उनका जवाब था कि अनुभव का मोबाइल अभी बंद है. जैसे ही उनका अनुभव से कोई संपर्क होगा, वो हमें सूचना देंगे.
वीडियो वायरल होने के बाद FASTag की तरफ से भी जवाब आया है. FASTag ने अपने ट्विटर अकाउंट से वायरल वीडियो पर एक ट्विटर यूज़र को रिप्लाई देते हुए लिखा,
'NETC FASTag लेनदेन केवल रजिस्ट्रेड मर्चेंट्स (टोल और पार्किंग प्लाजा ऑपरेटरों) द्वारा शुरू किया जा सकता है. जो केवल संबंधित जगहों से NPCI द्वारा ऑनबोर्ड हैं. कोई भी अनधिकृत उपकरण NETC FASTag पर कोई वित्तीय लेनदेन शुरू नहीं कर सकता है. यह बिल्कुल सुरक्षित है.'
चूंकि इस मामले में Paytm का भी नाम उछाला जा रहा था तो Paytm ने भी सफाई दी. पेटीएम ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा,
'एक वीडियो पेटीएम फास्टैग के बारे में गलत सूचना फैला रहा है, जो गलत तरीके से स्मार्टवॉच स्कैनिंग फास्टैग दिखाता है. NETC दिशानिर्देशों के अनुसार, FASTag भुगतान केवल अधिकृत व्यापारियों द्वारा शुरू किया जा सकता है, परीक्षण के कई दौर के बाद ऑनबोर्ड किया गया. पेटीएम फास्टैग पूरी तरह से सुरक्षित है.'
सरकारी संस्था PIB Fact Check ने भी ट्वीट कर वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावों को फर्जी बताया है.
वैसे सोचने वाली बात ये भी है अगर इस तरह FASTag स्कैन कर Paytm से पैसे उड़ाए जा सकते हैं तो सारी गाड़ियां तो पार्किंग में ही खड़ी रहती हैं. फिर अगर किसी को चोरी करनी हो तो चाहे जब किसी की भी गाड़ी का FASTag स्कैन कर पैसे उड़ा सकता है.
हमारी पड़ताल में फास्टैग स्कैम वाले दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो स्क्रिप्टेड निकला. वीडियो बनाने वाले फेसबुक पेज BakLol Video के एडमिन पंकज शर्मा ने 'दी लल्लनटॉप' से बातचीत में वीडियो के स्क्रिप्टेड होने की बात बताई. इसके अलावा FASTag, पेटीएम और PIB फैक्ट चेक ने भी वायरल वीडियो को फर्जी बताया है.
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