सोशल मीडिया पर हिरनों के झुंड की एक तस्वीर वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर हालिया लॉकडाउन के वक्त की है. बताया जा रहा है कि तस्वीर तमिलनाडु के ऊटी-कोयम्बटूर रोड पर ली गई है.
फ़ेसबुक यूजर सुब्रमनियम स्वामीनाथन ने ये तस्वीर पोस्ट (आर्काइव लिंक
) करते हुए लिखा,
ऊटी-कोयंबटूर रोड पर इसके असली मालिक वापस आ चुके हैं.
Ooty Coimbatore road being reclaimed by its original owners
Posted by Subramaniam Swaminathan
on Wednesday, 25 March 2020
ये दावा ट्विटर
पर भी वायरल हो रहा है.
पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ ने इस दावे की पड़ताल की. हमारी जांच में वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया जाने वाला दावा ग़लत निकला. गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि ये तस्वीर जापान के नारा शहर की है.
एक वेबसाइट है soranews24.com. 25 जुलाई, 2014 को पब्लिश हुई रिपोर्ट
में ये तस्वीर लगी है. रिपोर्ट का टाइटल है,
‘नारा के हिरन शहर की सड़कों को कब्ज़े में लेने की परंपरा निभाते हुए’.यही तस्वीर, 28 जुलाई, 2014 को Japan Today की वेबसाइट पर पब्लिश एक आर्टिकल
में दिखी.
इसके अलावा साइनबोर्ड जापानी भाषा में हैं. तस्वीर में दिख रहा सड़क सिस्टम, लाइट सिस्टम, पार्किंग साइन, घर का डिज़ाइन- कुछ भी भारत का नहीं है.

इस तस्वीर में सड़क पर लगे साइनबोर्ड में जापानी भाषा में लिखा है(असल तस्वीर)
जापान में ताकेमिकाज़ुची बादल और बिजली के देवता माने जाते हैं. मान्यता है कि वो सफ़ेद हिरन पर बैठकर धरती पर नारा में आए थे. नारा के लोग मानते हैं कि हिरन शहर और देश की सुरक्षा करते हैं. इसलिए उनको नारा पार्क और शहर की सड़कों में खुलेआम घूमते हुए देखा जा सकता है.
नतीजा
सड़क पर बैठे हिरनों की तस्वीर को लॉकडाउन के दौरान ऊटी-कोयंबटूर रोड का बताकर वायरल किया जा रहा दावा ग़लत है. दरअसल ये तस्वीर छह साल पुरानी है और जापान के नारा शहर की है. इसका ऊटी-कोयंबटूर रोड या कोरोना वायरस लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है.
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पर. हम दावे की पड़ताल करेंगे और आप तक सच पहुंचाएंगे.