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पड़ताल: क्या आदिवासियों ने नमाज पढ़ रहे मुस्लिमों पर तीर से हमला किया?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर की हकीकत क्या है?

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सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा पोस्ट
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. इसमें दिख रहा है कि एक व्यक्ति को तीर लगा है. तीर सीने में लगा है. कुछ लोग उसे टांग कर ले जा रहे हैं. इस तस्वीर के बारे में दावा किया जा रहा है कि आदिवासियों ने खुले में नमाज पढ़ने वालों पर तीर से हमला किया. दावा एक व्यक्ति के सीने में तीर लगी तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि,
किशनगंज से खुबसुरत तस्वीर आई है. आदिवाशियो ने खुले में नवाज पढ़ रहे मुल्ला को तीर से घायल कर दिया और अपने जमीन पर नवाज पढ़ने से रोका --अब कोई 🙏जय श्री राम🙏 बोल दो. Untitled design (5)
पड़ताल. हमने इस पोस्ट की पड़ताल शुरू की. पता चला कि यह तस्वीर बिहार के किशनगंज की है. यहां पिछले डेढ़ माह से चाय बागान पर आदिवसियों ने कब्जा किया हुआ था. 5 जून को पूजा कर रहे आदिवासियों को रोकने के लिए बागान मालिक के कुछ लोग वहां पहुंचे. इसके बाद आदिवासियों ने तीर से हमला कर दिया.  कई लोग घायल हो गए. तीर एक युवक के सीने में जा लगा. उसकी हालत गंभीर है. उसी युवक की तस्वीर को सोशल मीडिया पर अलग संदर्भ में शेयर किया जा रहा है. हिन्दुस्तान अखबार ने खबर की है. पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं. हालांकि यह पहली बार नहीं है कि चाय बगान खाली कराने गए लोगों पर आदिवासियों ने पहली बार हमला किया हो. 15 मई की दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक कब्जा हटवाने गए लोगों पर तीर से हमला कर दिया था. दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक 30 अप्रैल को 56 आदिवासी परिवारों ने मो. अनवारुल के चाय बागान पर कब्जा कर लिया था. प्रशासन ने दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी, लेकिन आदिवासी बागान में डटे रहे. उनकी मांग थी कि जब तक भूमिहीन आदिवासियों को रहने के लिए प्रशासन जमीन मुहैया नहीं कराता है तब तक वे यहां से नहीं हटेंगे. नतीजा. हमारी पड़ताल में पता चला कि पोस्ट भ्रामक है. इसे किसी और संदर्भ में शेयर किया जा रहा है. आपके पास भी कोई पोस्ट या फिर तस्वीर या फिर कोई वीडियो हो, जिसपर आपको शक हो तो उसकी पड़ताल के लिए भेजिए padtaalmail@gmail.com पर. हम उसकी पड़ताल करेंगे और आपको उसकी हकीकत बताएंगे.
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