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पड़ताल: क्या 14% टेंडर वोट पड़ने से फिर से वोटिंग होगी?

जानिए, टेंडर वोट और चैलेंज वोट से क्या होता है...

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ये मैसेज हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में वायरल हो रहा है.
चुनाव का मौसम है. प्रचार खूब ज़ोरों से चल रहा है. साथ ही इलेक्शन के नाम पर अफवाह भी खूब चल रही हैं. ये जानकारियां कितनी सच हैं, कितनी झूठ, जानते हैं.
क्या है दावा सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि अगर आपका नाम वोटिंग लिस्ट में नहीं है, तब भी आप वोट दे सकते हैं. आपको आधार कार्ड या वोटर आईडी दिखाई है और आप चुनौती वोट यानी चैलेंज वोट की मांग कर सकते हैं. इसके अलावा 2 और दावे किए जा रहे हैं.
क्या लिखा है वो पढ़ लीजिए
1.अगर नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो बस अपना आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र दिखाएं और धारा 49 ए के तहत "चुनौती वोट" मांगें और अपना वोट डालें.
2.किसी ने आपका वोट पहले ही डाल दिया है, तो "टेंडर वोट" मांगें और अपना वोट डालें.
3.कोई भी पोलिंग बूथ 14% से अधिक टेंडर वोट रिकॉर्ड करता है, तो ऐसे पोलिंग बूथ में पुनर्मतदान किया जाएगा.
ये है पोस्ट.
वॉट्सएप पर वायरल हो रही जानकारी.
वॉट्सएप पर वायरल हो रही जानकारी.

ये वायरल मैसेज फेसबुक, वॉट्सएप और ट्विटर पर धड़ल्ले से शेयर हो रहा है.
फेसबुक और ट्विटर पर बहुत फैल रही है ये अफवाह.
फेसबुक और ट्विटर पर बहुत फैल रही है ये अफवाह.

सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की 1-तीन दावों में से पहला दावा बिलकुल आधारहीन है. दावा किया गया है कि वोटिंग लिस्ट में नाम ना होने पर धारा 49 ए के तहत वोट डाली जा सकती है. ये सरासर गलत जानकारी है. भारत में चुनाव 'चुनाव संचालन नियम, 1961' के तहत होता है. हमने चुनाव संचालन नियमावली में ढूंढा तो धारा 49A में ऐसा कोई प्रावधान नहीं मिला.
49A में वोटिंग मशीन के डिजाइन का जिक्र है. धारा 49J में पहचान का ज़िक्र है.
49A में वोटिंग मशीन के डिजाइन का जिक्र है. धारा 49J में पहचान का ज़िक्र है.

ये धारा वोटिंग मशीन के डिज़ाइन लिए है. चैलेंज वोट के बारे में धारा 49J में जिक्र है. सरल भाषा में चैलेंज वोट भी जान लीजिए. अगर किसी वोटर की पहचान पर शक हो तो चैलेंज वोट यानी चुनौती वोट तब इस्तेमाल होता है. चुनाव अधिकारी वोटर का नाम और पता चैलेंज वोटों की सूची में रखता है और वोट करने दी जाती है. लेकिन अगर नाम ही नहीं है वोटर लिस्ट में तो वोट नहीं  सकते.
वेबसाइट SM Hoax Slayer के एक ट्वीट के जवाब में चुनाव आयोग ने साफ किया, अगर वोटर लिस्ट में नाम नहीं है तो वोट नहीं डाल सकते.
वेबसाइट SM Hoax Slayer के एक ट्वीट के जवाब में चुनाव आयोग ने साफ किया, अगर वोटर लिस्ट में नाम नहीं है तो वोट नहीं डाल सकते.

2-दूसरा दावा- 'टेंडर्ड वोट' के बारे में है. ये दावा दुरुस्त है. अगर किसी वोटर की जगह किसी और ने पहले वोट डाल दिया हो तो वोटर टेंडर्ड वोट की मांग कर सकता है. इसके लिए वोटर को प्रीज़ाइडिंग ऑफिसर के सामने अपनी पहचान साबित करनी होगी. 17B फॉर्म भरना होता है. ये वोट बैलट पेपर पर डाली जाती  है. ईवीएम में नहीं. एक और बात, इनकी गिनती उसी सूरत में होती है जब हार-जीत का फासला टेंडर वोट से कम हो या मुकाबला क़रीबी हो. हालांकि ये पेचीदा प्रोसेस है.
धारा 49P के मुताबिक टेंडर्ड वोट डाली जा सकती है. हालांकि इसकी प्रकिया पेचीदी है. अगर चुनाव अधिकारी संतुष्ट होता है तभी वोट डाल सकते हैं.
धारा 49P के मुताबिक टेंडर्ड वोट डाली जा सकती है. हालांकि इसकी प्रकिया पेचीदी है. अगर चुनाव अधिकारी संतुष्ट होता है तभी वोट डाल सकते हैं.

3-तीसरा दावा है री-पोलिंग का. 14% से ज्यादा टेंडर्ड वोट वाली बात. ये दावा सही नहीं है. दोबारा मतदान करवाना या ना करवाना, ये चुनाव आयोग के विवेक पर निर्भर करता है. लेकिन, टेंडर्ड वोट की वजह से चुनाव दोबारा हो ऐसा चुनाव संचालन नियमावली में कहीं नहीं है. कोई बड़ी गड़बड़ी की सूरत में चुनाव आयोग का फैसला ही अंतिम होता है.
तीन दावे हैं तो नतीजे भी तीन आए
1. धारा 49 ए का हवाला देकर चैलेंज वोट कर सकने का दावा बिल्कुल गलत है. वोटर लिस्ट में नाम न होने पर आप वोट नहीं डाल सकते.
2. दूसरा दावा सही है. टेंडर्ड वोट कर सकते हैं. लेकिन, ये तभी संभव है जब चुनाव अधिकारियों के सामने अपनी पहचान साबित की जा सके.
3. तीसरा दावा भ्रामक है. चुनाव में भारी गड़बड़ी होने की स्थिति में ही चुनाव दोबारा होते हैं और ये पूरी तरह चुनाव आयोग के विवेक पर निर्भर करता है.
अगर आपके आसपास भी कोई ऐसी खबर घूम रही हो तो हमें ईमेल करें. हम पड़ताल करेंगे.
हमारी मेल आईडी है- Padtaalmail@gmail.com



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