भारत में पिछले कुछ समय से जब भी चुनाव के रिजल्ट आते हैं तो नतीजों के अलावा EVM की चर्चा बहुत जोर-शोर से होती है. विपक्ष के कई नेता कई बार सत्ता पक्ष पर EVM के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा चुके हैं. हाल में पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद EVM की चर्चा ने फिर तुल पकड़ा. इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर पीएम नरेंद्र मोदी का एक वीडियो क्लिप वायरल है. इसमें वे कह रहे हैं, ’अरे दुनिया के पढ़े-लिखे देश भी न, जब चुनाव होता है तो बैलेट पेपर पर नाम पढ़कर फिर ठप्पा मारते हैं.’
'PM मोदी, EVM विरोधी' साबित करने के लिए वायरल किए गए वीडियो का सच
PM Modi का एक वीडियो वायरल है जिसमें वे बैलट पेपर पर वोट देने के बारे में कुछ बोल रहे हैं. लोग इसे शेयर करके उन्हें EVM विरोधी बता रहे हैं.

इसे शेयर करके कुछ लोग पीएम मोदी को EVM विरोधी बता रहे है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘MP Youth Congress’ के हैंडल से वायरल वीडियो को शेयर करके लिखा गया, “मोदी जी का EVM के विरोध का पुराना वीडियो, बड़ी मुश्किल से मिला!”

इसके अलावा कई अन्य यूजर्स ने वीडियो को फेसबुक पर इसी तरह के दावों के साथ शेयर किया है, जिसे आप यहां देख सकते हैं.
क्या पीएम नरेंद्र मोदी वायरल वीडियो में EVM का विरोध कर रहे हैं?
इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स सर्च किए. लेकिन कोई ऐसी रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें पीएम मोदी ने खुले तौर पर EVM का मंच से विरोध किया हो.
इसके बाद हमने वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया. हमें Narendra Modi के undefined चैनल पर साल 2016 में अपलोड किए गए एक वीडियो में वायरल वीडियो का हिस्सा मिला. इसे सुनकर साफ है कि अधूरा वीडियो शेयर करके भ्रम फैलाया जा रहा है.

असल में पीएम मोदी यूपी के मुरादाबाद में भाषण दे रहे थे जहां वे तकनीक के क्षेत्र में हुए विकास की तारीफ कर रहे थे. वीडियो के 55वें मिनट पर पीएम कहते हैं,
“कुछ लोग कहते हैं हमारा देश गरीब है, लोग अनपढ़ हैं, लोगों को कुछ आता नहीं है. दुनिया के पढ़े-लिखे देश भी जब चुनाव होता है न तो बैलट पेपर पर नाम पढ़ करके फिर ठप्पा मारते हैं. आज भी, अमेरिका में भी. ये हिंदुस्तान है, जिसको आप अनपढ़ कहते हो, गरीब कहते हो, वो बटन दबाकर वोट देना जानता है.”
इससे साफ है कि पीएम नरेंद्र मोदी ईवीएम की बुराई नहीं बल्कि EVM को लेकर भारत के लोगों की तारीफ़ कर रहे हैं.
नतीजाकुल मिलाकर, द लल्लनटॉप की पड़ताल में साफ है कि पीएम नरेंद्र मोदी का 7 साल पुराना वीडियो एडिट करके भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. वीडियो में पीएम मोदी ईवीएम के खिलाफ़ नहीं बोल रहे हैं.
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