नीतीश कुमार सबके हैं. इस एक लाइन और नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ एक पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल है. दावा है नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद पटना में इस तरह का पोस्टर लगाया गया है.
इस्तीफे के बाद JDU ऑफिस के बाहर 'नीतीश सबके हैं' वाला पोस्टर लगा?
सोशल मीडिया पर पोस्टर वायरल है.

न्यूज़ एजेंसी ANI ने वायरल पोस्टर की तस्वीर ट्वीट कर लिखा, (आर्काइव)
पटना में जेडीयू मुख्यालय पर “नीतीश सबके हैं” पोस्टर लगा क्योंकि नीतीश कुमार ने NDA छोड़ने के बाद RJD के साथ गठबंधन कर लिया है.

हालांकि कुछ देर बाद ANI ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया.
ANI के हवाले से NDTV ने वायरल पोस्टर को ट्वीट किया और फिर कुछ देर बाद डिलीट भी कर दिया. (आर्काइव)

इसके अलावा Zee Hindustan, Zee Business, ABP News, India Ahead News और ABP न्यूज़ की पत्रकार मनोज्ञा लोईवाल ने पोस्टर को हालिया बताकर शेयर किया है.

'दी लल्लनटॉप' की पड़ताल में वायरल पोस्टर 2 साल पुराना निकला और इसका हाल-फिलहाल के घटनाक्रम से कोई संबंध नहीं है.
सबसे पहले हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद से वायरल पोस्टर को खोजा. सर्च से हमें वायरल पोस्टर पत्रकार नरेन्द्र नाथ मिश्रा के ट्विटर अकाउंट पर मिला. नरेन्द्र नाथ ने इस पोस्टर को साल 2020 में 7 अक्टूबर को ट्वीट किया था. तुलना करने पर आपको स्पष्ट तौर पर दोनों पोस्टर्स में समानता देखने को मिलेगी.

आगे कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें पोस्टर से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. tv9hindi.com पर छपी 7 अक्टूबर, 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक,
आरजेडी पोस्टरों के सहारे नीतीश कुमार पर हमला बोल रही है तो जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) भी इसी टोन में जवाब दे रही है. जेडीयू ने अपने चुनावी अभियान में आरजेडी नेताओं का ‘कच्चा चिट्ठा’ खोलने का दावा किया है जिसमें भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया जा रहा है. इन सबके बीच जेडीयू का पटना में एक ऐसा पोस्टर दिखा है जिस पर लिखा है-नीतीश सबके हैं. पोस्टर पर लिखी इस लाइन के कई मायने निकाले जा रहे हैं, जैसे कि ऐसा क्या हुआ जो जेडीयू को बताना पड़ रहा है कि नीतीश कुमार सबके हैं.
ABP न्यूज़ की वेबसाइट ने वायरल पोस्टर को लेकर 2 अक्टूबर, 2020 को रिपोर्ट पब्लिश की थी. इस रिपोर्ट का शीर्षक है,
Bihar Election: चुनावी सरगर्मी के बीच JDU कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर, लिखा- नीतीश सबके हैं
वायरल पोस्टर को ऑन एयर चलाने से पहले अगर ABP न्यूज़ में जिम्मेदार व्यक्ति अपनी ही वेबसाइट पर पोस्टर के बारे में सर्च कर पढ़ लेता तो शायद फेक न्यूज़ न फैलती.
नतीजाकुल मिलाकर बात इतनी सी है कि जिस 'नीतीश सबके हैं' वाले पोस्टर को हालिया बताया गया है वो लगभग 2 साल पुराना है. साल 2020 के अक्टूबर महीने में बिहार में विधान सभा चुनाव हो रहे थे और उसी समय जेडीयू ऑफिस के बाहर इस पोस्टर को लगाया गया था.
पड़ताल की वॉट्सऐप हेल्पलाइन से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
ट्विटर और फेसबुक पर फॉलो करने के लिए ट्विटर लिंक और फेसबुक लिंक पर क्लिक करें.
वीडियो: श्रीकांत त्यागी का बीजेपी कनेक्शन आया सामने!