सलमान खान. कटरीना कैफ. शाहरुख खान. टाइगर. ज़ोया. पठान. ये सब वो कीवर्ड्स हैं, जो डिजिटल मीडिया के लिए बड़े काम के हैं. भरपूर ट्रैफिक खींचते हैं. इन सबको एक ही जगह इस्तेमाल करने का मौक़ा मिले, तो समझो दिवाली हो गई. लिटरली भी और फिगरेटिवली भी. तो इन तमाम की-वर्ड्स से सुसज्जित फिल्म देखने हम पहुंचे सुबह-सुबह सिनेमा हॉल. टाइगर आया था. तीसरी बार. दहाड़ा या नहीं, आइए देखते हैं.
मूवी रिव्यू: टाइगर 3
कुछ चेज़ सीक्वेंस, कुछ जेल सीक्वेंस, थोड़ा धोखा, थोड़ा बलिदान, दो कैमियो, दो गाने, बहुत सारा एक्शन और तूफानी तोड़फोड़. कुल जमा 'टाइगर-3' इतनी ही फिल्म है. जो बीच-बीच में थोड़ी रोमांचित करती है और बाकी वक्त आप स्ट्रेट फेस से, जो भी परदे पर हो रहा हो उसे, देखते रहते हैं.
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