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CBI से बचने के लिए खंडाला में किराए के गेस्ट हाउस में रह रहे थे वधावन ब्रदर्स

लॉकडाउन ने पोल खोल दी और पकड़े गए.

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बाएं से दाएं: धीरज वधावन और कपिल वधावन और उनका परिवार.

दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DHFL). इसके प्रमोटर्स वधावन ब्रदर्स- कपिल और धीरज, पुलिस की हिरासत में क्वारंटीन कर दिए गए हैं. 21 अन्य लोगों के साथ. 9 अप्रैल की रात महाबलेश्वर स्थित एक बंगले से इनको हिरासत में लिया गया. ये 23 लोग लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए, अपनी पांच कारों में खंडाला से महाबलेश्वर पहुंचे थे. 8 मार्च से ही वधावन ब्रदर्स और उनका परिवार छिपते-छिपाते खंडाला के एक गेस्ट हाउस में रह रहा था.

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लेकिन, छिपते-छिपाते क्यों?

दरअसल, कपिल वधावन और धीरज वधावन, यस बैंक मामले में आरोपी हैं. दोनों इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) से छिपकर खंडाला में रह रहे थे. 'आज तक' के दिव्येश सिंह ने जानकारी दी कि जब 8 मार्च को यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को ED ने गिरफ्तार किया, तब से ही वधावन ब्रदर्स खंडाला में रह रहे हैं.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, वधावन ब्रदर्स को जब हिंट लगा कि यस बैंक मामले में वो भी लपेटे में आ सकते हैं, तब वो मुंबई से बाहर चले गए. कई सारी जगहों पर रहे. उसके बाद आखिर में खंडाला में गेस्ट हाउस किराए पर ले लिया. उनके दोस्त, परिवार वाले, हाउस कुक, हाउस सर्वेंट भी उनके पास आ गए.

इधर, ED और CBI ने वधावन ब्रदर्स को यस बैंक मामले में पूछताछ करने के लिए कई मौकों पर समन भेजा, लेकिन दोनों ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और हेल्थ का हवाला देते हुए पेश होने से मना कर दिया. दोनों एजेंसियों के अधिकारियों ने वधावन के मुंबई वाले घर और महाबलेश्वर के उनके बंगले में उन्हें खोजा, वो नहीं मिले.

लॉकडाउन ने मुश्किल बढ़ा दी

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वधावन ब्रदर्स की मुश्किल तब बढ़ी, जब कोरोना के चलते देश लॉकडाउन हो गया. गेस्ट हाउस का मालिक लगातार उनके ऊपर प्रेशर बनाने लगा. गेस्ट हाउस खाली करने का प्रेशर. वधावन ब्रदर्स को डर था कि अगर मुंबई गए, तो ED और CBI वाले पकड़ लेंगे, इसलिए उन्होंने महाबलेश्वर जाने का प्लान बनाया. कथित तौर पर उन्होंने अपने कॉन्टैक्ट्स का इस्तेमाल करते हुए मदद ली. फिर एक लेटर को पास के तौर पर इस्तेमाल करते हुए महाबलेश्वर पहंच गए.

उस लेटर में महाराष्ट्र सरकार के होम डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमिताभ गुप्ता के साइन थे. लिखा था,

‘ये सभी मेरे परिचित हैं और मेरे पारिवारिक दोस्त हैं. फैमिली इमरजेंसी की वजह से खंडाला से महाबलेश्वर जा रहे हैं. इन कारों से (आगे कार का नंबर और उन सभी परिचित लोगों के नाम लिखे थे). इसलिए इस लेटर के ज़रिए आपको जानकारी दी जा रही है कि इन्हें सहयोग दें.’


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वो लेटर जो वधावन्स ने पुलिस को दिया. अमिताभ गुप्ता के साइन वाला लेटर.

महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर अनिल देशमुख ने ट्वीट कर बताया कि अमिताभ गुप्ता को तुरंत ही कंपलसरी छुट्टी पर भेज दिया गया है. वो मामले की जांच होते तक छुट्टी पर रहेंगे.


सतारा पुलिस के अधिकारियों ने भी ये कन्फर्म किया कि 23 लोगों के ग्रुप ने खंडाला से महाबलेश्वर की यात्रा की है. सरकार ने कहा है कि वो मामले की जांच कर रहे हैं.

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वीडियो देखें: अर्थात: यस बैंक क्राइसिस के बारे में RBI और मोदी सरकार को सब पता था!

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