इंडिया टुडे से बातचीत में सफाईकर्मियों ने कहा,
पिछले साल दिसंबर तक हमें 8,800 रुपए महीने मिलते थे. पिछले तीन महीनों से सैलरी नहीं मिल रही थी. हमने प्रदर्शन करना शुरू किया तो सैलरी दी गई, लेकिन काटकर.सफाईकर्मियों का कहना है,
हमारी सैलरी काटकर 6 से 7 हज़ार कर दी गई है. कई लोगों को जनवरी की सैलरी नहीं मिली है. हमें साप्ताहिक छुट्टी भी नहीं मिल रही है. अगर प्रशासन हमारी सैलरी नहीं बढ़ा सकता तो कम से कम तयशुदा 8,800 रुपए महीने ही दे.

सफाईकर्मियों की मांग है कि अगर सैलरी बढ़ नहीं रही तो तयशुदा सैलरी ही दी जाए. फोटो: India Today
काम पर लौटने की अपील
KGMU के शताब्दी ब्लॉक में इन सफाईकर्मियों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखने वाली कंपनी के सुपरवाइजर विजय शंकर अवस्थी कहते हैं,
66 सफाईकर्मियों में 18 लोगों को कुछ वजहों से जनवरी की सैलरी नहीं मिली है. उनकी चिंताओं को दूर करने की कोशिश की जा रही है. पहले कॉन्ट्रैक्ट दूसरी कंपनी के पास था, जो इससे अलग पैसे देती थी. हमने उनसे काम पर लौटने की अपील की है. हम बड़े पदाधिकारियों तक उनकी बात पहुंचाएंगे ताकि मांगों को पूरा किया जा सके.कोरोना के इस दौर में उनके साथ डटे रहने की जरूरत है जो इस लड़ाई में पहली पंक्ति में खड़े हैं. चाहे वो डॉक्टर्स हों, नर्स या सफाईकर्मी. वे अपने जान की परवाह किए बिना कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं.
कोरोना ट्रैकर:
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