थक गए हैं. मेट्रो में गलती से लेडीज बोगी में घुसते-घुसते. बार-बार टोकन के लिए लाइन में लगते-लगते. बैग्स के ढेर में बैग ढूंढते हुए और लिफ्ट के लिए भागते हुए! तो न घबराएं, यहां आएं. हम बताते हैं आपको मेट्रो के 10 दांव-पेच जो आपकी जिंदगी बना देंगे आसान.
1. ताबीज धारण करें, कभी टॉप के फेर में न पड़ें
आपने जिंदगी में हमेशा टॉप किया. क्लास में पहली लाइन में बैठे. अव्वल आने की आपको लत लग चुकी है पर मेट्रो में ‘पहले’ के मोह से बचिए. अगर नए हैं और Sex में M के आगे टिक लगाते हैं तो याद रखिए. पहले डिब्बे में कभी भी न चढ़िए. “गति की दिशा में पहला डिब्बा महिलाओं के लिए आरक्षित है.” इस मंत्र का सुबह उठकर 11 बार जाप कीजिए और ताबीज बनवाकर गले में धारण कर लीजिए. [caption id="" align="alignnone" width="438"]
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2. टोकन को न कहिए
मेट्रो में अक्सर आना जाना होता हो तो एक कार्ड बनवा ही लीजिए. दुगनी मेहनत न करनी पड़ेगी. पहले तो टोकन की लाइन में नहीं लगना होगा,फिर एंट्री करने की लाइन में भी पीछे खड़े होने से बच जाएंगे. [caption id="" align="alignnone" width="428"]
टोकन लेने आती हुई भीड़ ( Source-giphy )[/caption]
3. उम्मीदें मत पालिए
घर से ये सोचकर निकलिए कि मुझे तो सीट मिलेगी ही नहीं. हो सके तो और बुरा सोचिए ‘मुझे तो खड़े होने की जगह भी न मिलेगी’. ‘खड़े होने को क्या मेट्रो में घुसने को भी न मिलेगा’. मेट्रो आदमी को आस्तिक बनाती है, सीट मिल जाए तो भेरू बाबा की जय बोलिए न मिले तो खुद के अंदर समाए भविष्यवक्ता को शाबासी दीजिए.ऐसे में होता क्या है कि खड़े-खड़े धक्के खाते वक़्त बुरा कम लगता है. [caption id="" align="alignnone" width="500"]
और अगर सीट मिल जाए Source- Smallworlds[/caption]
4. अपने आस-पड़ोस को जानिए
कार्ड पंच करने की लाइन में लगे-लगे देखिये बैगेज स्कैनिंग मशीन किस ओर लगी है. आमतौर पर मेट्रो स्टेशन पर बैगेज स्कैनिंंग मशीन एक और एंट्री लाइन दो लगती हैं. स्कैनिंग मशीन से दूर वाली लाइन में लगने वालों को लाइन छोड़कर बैगेज स्कैन कराने होता है. आप पहले ही सुनिश्चित कर लें आप उस तरफ खड़े हो रहें हैं, जिधर से स्कैनिंग मशीन पास पड़ती हो. कई बार खाली हाथ वालों को पहले एंट्री मिल जाती है. अलर्ट रहें. [caption id="" align="alignnone" width="420"]
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5. उल्टे काम कीजिए
बैगेज स्कैनिंंग मशीन में बैग उल्टा रखिए. उठाने में आसानी होगी. दूसरा फायदा ये होगा कि बैग्स की भीड़ में अपना बैग पहचानना आसान होगा. कोशिश कीजिए कि काला बैग न ले जाएं. गोरेपन के लिए बौराए हम भारतीय 'जल्दी गंदा नहीं होगा!' सोचकर काले बैग ही लेना पसंद करते हैं. नतीजा ये निकलता है कि बैगेज स्कैनिंग मशीन पर जल्दी में समझ नहीं आता अपना बैग उठाया है या पड़ोसी का. [caption id="" align="alignnone" width="436"]
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6. दूसरों पर रहम कीजिए
डियोड्रेंट इस्तेमाल कीजिए. गैस-नो गैस के फेर में न पड़िए. कोई भी एक डियो उठाकर छिड़क लीजिए.पड़ोसी को आपके पसीने की मादक महक न मिल पाएगी. हो सकता है लजाकर वो भी अगले दिन इत्र छिड़क आए और तीसरा कोई उसकी मानुषी गंध से बच जाए. यही तो भलाई की चेन है. [caption id="" align="alignnone" width="480"]
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7. लिफ्ट का मोह छोड़िए
मेट्रो से उतरते ही नीचे जाने को लिफ्ट की ओर न दौड़िए. यकीन मानिए ऐसा करने वाले आप अकेले न होंगे और न इतने भाग्यशाली ही होंगे कि आपके पहुंचते तक वो बंद या ओवरलोड न हो जाए. वैसे भी लिफ्ट सयानों और बीमारों के लिए होती है, उन्हें ही जाने दीजिए. [caption id="" align="alignnone" width="500"]
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8. सीढ़ियों का प्रयोग करें
एस्केलेटर पर जाइएगा? जनता भूखे-टूटों जैसे उस पर चढ़ी होगी. एस्केलेटर जब तक ऊपर ले जाएगा तब तक में आप मेट्रो को अपनी आंखो के सामने दरवाजे बंद करते पाएंगे. बेहतर है सीढ़ियों पर भागिए. सीढ़ियों पर भीड़ कम होगी. वर्जिश भी हो जाएगी. मेट्रो के दरवाजे बंद होने के ठीक साढ़े सात सेकेंड पहले दौड़ते-भागते-हांफते जब आप अपना बायां कंधा घुसाते हुए हीरो माफ़िक़ ट्रेन में धंसेंगे. षोडशियों की इश्श्श् निकल जाएगी. माताएं आप जैसा पुत्र पाने की कामना करेंगी. 45 की उम्र में वरिष्ठ नागरिकों की सीट पर टिके मर्द आपकी बलिष्ठ देह को जल-भुन कर देखेंगे. इस मौके पर आप बिना इनकी ओर देखे बाहर झांकिएगा. एस्केलेटर से आ रहे सुकुमार हाथ मलते, ओह शिट करते दिखेंगे. [caption id="" align="alignnone" width="453"]
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9. चालें चलिए
हर मर्द की जिन्दगी में एक ऐसा वक़्त आता है जब वो उम्मीद करता है उसकी नजर के सामने अब एक भी लड़की न पड़े. ये वो वक़्त होता है जब वो मेट्रो में महिलाओं के लिए रिजर्व सीट पर बैठा होता है.ऐसे मौके पर चालें चलिए अगल-बगल नजर दौड़ाइए.हो सकता है. आपसे दो सीट आगे कोई महिला अनारक्षित सीट पर बैठी हो, उन्हें महिलाओं के लिए आरक्षित सीट पर बैठा दीजिये आप उनकी सीट पर जा जमिए. मजाल है कोई आकर उठा जाए. [caption id="" align="alignnone" width="500"]
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10. उम्र से मत खेलिए
बाल पकने लगे हों तो बालों में हेयर डाई लगाना बंद कर दीजिये. सफेद बाल नजर आने दीजिए. मेट्रो में घुसने से पहले शर्ट को पतलून और बेल्ट के बंधन से मुक्त कर दीजिए. बिलकुल थके-हरे नजर आइए. और फिर जाकर वरिष्ठ नागरिकों वाली सीट पर हक़ जमाइए. [caption id="" align="alignnone" width="500"]
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ये सब पढ़ने के बाद उम्मीद है अगली बार आप इन ट्रिक्स का इस्तेमाल मेट्रो यात्रा के वक़्त करेंगे. लेकिन ध्यान रखें अगर दिल्ली मेट्रो में हैं. राजीव चौक पर चढ़ना-उतरना है तो तमाम ट्रिक्स भूल जाएं. वहां आपकी मदद ऊपरवाला भी नहीं कर सकता. आपकी यात्रा शुभ हो.
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