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फिल्म रिव्यू- स्टेट ऑफ सीज: टेंपल अटैक

अक्षय खन्ना स्टारर 'स्टेट ऑफ सीज- टेंपल अटैक' एक साधारण फिल्म है. यही इसकी खासियत है और दिक्कत भी.

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फिल्म के एक सीन में हनुत सिंह नाम के एनएसजी कमांडर का रोल करने वाले अक्षय खन्ना.
ज़ी5 पर एक फिल्म रिलीज़ हुई है, जिसका नाम है 'स्टेट ऑफ सीज- टेंपल अटैक'. इसे डायरेक्ट किया है 'इश्क विश्क' फेम केन घोष ने. ये फिल्म हमने देख ली है. आगे हम इसी बारे में बात करेंगे कि 'स्टेट ऑफ सीज' हमें कैसी लगी.
# फिल्म की कहानी
'स्टेट ऑफ सीज- टेंपल अटैक' की कहानी बड़ी सिंपल सी है. गुजरात के कृष्ण धाम मंदिर में चार हथियारबंद आतंकवादी घुस जाते हैं. कई लोगों की जान लेते हैं और कइयों को बंधक बना लेते हैं. इनसे निपटने के लिए हनुत सिंह की अगुवाई में NSG कमांडर्स की एक टीम में मंदिर में जाती है. उनका मक़सद इन आतंकवादियों को खत्म करके, बंधक लोगों की जानें बचाना है. दूसरी तरफ बंधक लोगों की जान बख्शने के बदले आतंकवादियों की एक मांग है. सरकार को आतंकियों की मांग पूरी करने पड़ती है या NSG कमांडो टेररिस्ट लोग को निपटा देते हैं? यही इस फिल्म की मोट-मोटी कहानी है, जो थोड़े-बहुत टर्न एंड ट्विस्ट के साथ घटती है.
'स्टेट ऑफ सीज- टेंपल अटैक' 2002 में गुजरात के स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर अटैक पर बेस्ड है. उस हमले में 30 लोगों की जानें गईं थीं और 80 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे.
पाकिस्तान से आए चार आतंकवादी कृष्ण धाम मंदिर में घूमने गए लोगों को अपने कब्जे में ले लेते हैं.
पाकिस्तान से आए चार आतंकवादी कृष्ण धाम मंदिर में घूमने गए लोगों को अपने कब्जे में ले लेते हैं.


# एक्टर्स और उनकी परफॉरमेंस
इस फिल्म अनुभवी NSG कमांडों हनुत सिंह का रोल किया है अक्षय खन्ना है. अक्षय खन्ना की एक खासियत है कि आप उन्हें जो भी करने को देंगे, वो उसे आपकी उम्मीद से बेहतर करने की कोशिश करते हैं. मगर इस फिल्म में उन्हें प्रॉपर हिंदी फिल्म हीरो की तरह पेश किया गया है. कई बार तो ऐसा लगने लगता है कि इस फिल्म, इस कहानी और इस अटैक से भी ज़्यादा ज़रूरी है हनुत सिंह. क्योंकि उसके इंटरफेयर किए बिना कोई काम, कोई बात पूरी नहीं होती. भले उसकी टीम में चार लोग हों, मगर वो वन मैन आर्मी है. ऐसा फिल्म हमें विश्वास दिलाना चाहती है.
वन मैन आर्मी- हनुत सिंह.
वन मैन आर्मी- हनुत सिंह.


इसके अलावा फिल्म में कई किरदार आते हैं. मगर कुछ ही मिनट के भीतर मार दिए जाते हैं. जो बचते हैं उन्हें क्लीशे सीन्स के बोझ तले दबा दिया जाता है. परविन डबास ने कर्नल नागर का रोल किया है. तमाम फिल्मी सीनियर ऑफिसर्स की तरह उनका काम अपने जूनियर्स की सलाह को नज़रअंदाज़ करना है. उसकी हर रिक्वेस्ट को मना करना है. विवेक दहिया ने रोहित बग्गा नाम के कमांडो का रोल किया है, जो हनुत सिंह को नीचा दिखाने की कोशिश करता रहता है. फिल्म में दो एक्टर्स ऐसे हैं, जिनकी परफॉरमेंस सींसियर लगती है. पहले एक्टर हैं गौतम रोडे, जिन्होंने मेजर समर चौहान का रोल किया है. इनके रोल की लंबाई उतनी नहीं है. मगर जितना है परफॉरमेंस वाइज़ सॉलिड है. दूसरे एक्टर हैं मृदुल दास, जिन्होंने फारूक़ नाम के आतंकवादी का रोल किया है. ये थोड़ा सा सनकी किरदार है, जिसे मिशन के सफल होने या नहीं होने की परवाह नहीं है. इसे बस अपनी चुल्ल मिटानी है. मृदुल को परफॉर्म करते देखकर ये लगता है कि वो अपना काम एंजॉय कर रहे हैं. इनके अलावा फिल्म में मिर सरवर और मंजरी फड़नीस भी नज़र आती हैं.
आतंकी फारूक़ का रोल करने वाले एक्टर मृदुल झा.
आतंकी फारूक़ का रोल करने वाले एक्टर मृदुल दास.


# फिल्म की अच्छी बातें
अच्छा-बुरा कुछ नहीं होता. किसे क्या अच्छा लगा, सारा खेल इसी नज़रिए का है. 'स्टेट ऑफ सीज- टेंपल अटैक' एक साधारण फिल्म है. यही इसकी खासियत है और दिक्कत भी. दिक्कत वाली बाते आगे करेंगे, पहले इसकी अच्छी बातें जान लेते हैं. ये फिल्म किसी भी सीक्वेंस या सीन को ओवर-ड्रमैटाइज़ नहीं करती. ना ही बिल्कुल रियल रखती है. इसने एक बीच का रास्ता पकड़ा, जिस पर दर्शकों को भरोसा हो जाता है. ज़ाहिर तौर अच्छी बातों का ज़िक्र हो रहा है, तो अक्षय खन्ना का स्पेशल मेंशन होगा. क्योंकि वो वाकई पूरी फिल्म को अपने कंधे पर ढोते नज़र आते हैं. और बेस्ट चीज़ ये कि सालों बाद मेकर्स उन पर इतना भरोसा दिखा रहे हैं. हालांकि इसमें ओटीटी का भी बड़ा रोल है क्योंकि अब अक्षय पर ओपनिंग या वीकेंड कलेक्शन का लोड नहीं है.
फिल्म के ट्रेलर से बना कोलाज.
फिल्म के ट्रेलर और पोस्टर्स की मदद से बना कोलाज.


# फिल्म की बुरी बातें
'स्टेट ऑफ सीज- टेंपल अटैक' हर वो चीज़ करती है, जो आपने पहले कई देशभक्ति या देसी वॉर फिल्म में देखा होगा. इसमें कैची वॉर क्राई से लेकर जीत के बाद बैकग्राउंड में बजने वाला बैंड तक शामिल है. फिल्म में पाकिस्तान से आए आतंकवादियों को पंजाबी भाषा में बात करते दिखाया गया है. वो लोग गलत और टूटी-फूटी पंजाबी बोल रहे हैं, ये समझने के लिए आपका पंजाब से होना ज़रूरी नहीं है. वो बहुत क्लीयर दिखाई-सुनाई देता है. ये फिल्म असल घटना से प्रेरित है. मगर इसमें कोई ऐसी बात नहीं दिखाई गई है, जो पहले से पब्लिक डोमेन में उपलब्ध न हो. ऊपर से क्रिएटिव फ्रीडम के नाम पर फिल्म की कहानी को असल से ज़्यादा फिक्शनल बना दिया गया है.

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ये उसी सीन का स्क्रीनग्रैब है, जिसका ज़िक्र हम ऊपर कर रहे थे. इस सीन में अक्षय खन्ना के साथ अक्षय ओबेरॉय नज़र आ रहे हैं.
ये उसी सीन का स्क्रीनग्रैब है, जिसका ज़िक्र हम ऊपर कर रहे थे. इस सीन में अक्षय खन्ना के साथ अक्षय ओबेरॉय नज़र आ रहे हैं.


# ओवरऑल एक्सपीरियंस
'स्टेट ऑफ सीज- टेंपल अटैक' एक औसत फिल्म है, जिसमें ऐसी कोई चीज़ नहीं है, जो आपने पहले न देखी हो. हां, अगर अक्षय खन्ना को काफी टाइम से मिस कर रहे हैं, तो ये फिल्म पक्का वन टाइम वॉच है.

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