ईरान, ईरानी महिलाएं और हिजाब बीते कुछ दिनों से चर्चा में हैं. वज़ह है ईरान में कई दिनों से हिजाब के विरोध में हो रहा आंदोलन (Iran Anti hijab Protest). पूरी दुनिया से ईरान के इस प्रोटेस्ट को समर्थन मिल रहा है. अलग-अलग ढंग से महिलाएं इसका विरोध कर रही हैं. महिलाएं सार्वजनिक तौर पर बाल काट रही हैं. हिजाब जला रही हैं. ईरान से इस्लामिक शासन को हटाने की मांग कर रही हैं. उन्होंने नारा दिया है, "हम लड़ेंगे! हम मरेंगे! मगर हम ज़िल्लत के साथ नहीं जिएंगे."
ईरानी महिलाओं के समर्थन में 'सेक्रेड गेम्स' की ऐक्ट्रेस ने कैमरे के सामने कपड़े उतारे
मासा अमीनी की मौत के खिलाफ हो रहे प्रोटेस्ट के समर्थन और मॉरल पुलिसिंग के विरोध में ऐक्ट्रेस ने ऐसा किया है.

इसी प्रोटेस्ट का समर्थन करते हुए सेक्रेड गेम्स फ़ेम ऐक्ट्रेस एलनाज नौरोजी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो डाला है. इसमें वो एक-एक करके अपने कपड़े उतारती नज़र आ रही हैं. ऐसा करके वो ईरानी महिलाओं पर हो रही मोरल पुलिसिंग का विरोध कर रही हैं. एलनाज ईरान की ही रहने वाली हैं.
उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा:
विश्व की हर महिला को, चाहे वो जहां से हो, अपनी मर्जी के मुताबिक कुछ भी पहनने का अधिकार है. वो जब, जैसा पहनना चाहे, पहन सकती है. किसी आदमी या किसी औरत को उसके कपड़ों को लेकर उसे ना ही जज करने या कुछ और पहनने के लिए कहने का अधिकार है.
उन्होंने आगे लिखा:
सबके अपने विचार और विश्वास होते हैं, उनका सम्मान किया जाना चाहिए. लोकतंत्र का अर्थ है निर्णय की शक्ति... हर औरत के पास उसके शरीर के बारे में निर्णय लेने की शक्ति होनी चाहिए. मैं नग्नता को नहीं, चुनने की आज़ादी को बढ़ावा दे रही हूं.
टाइट पैंट पहनने पर उठा ले गई थी ईरान की पुलिस
उन्होंने इससे पहले भी इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया था. जिसमें अपने साथ घटी एक घटना के बारे में बताया था. जब टाइट पैंट पहनने पर उनको पुलिस उठा ले गई थी. वो पुलिस की बर्बरता का शिकार हो चुकी हैं.
एक्ट्रेस ने अपने साथ हुए डरावने हादसे के बारे में कहा था कि मासा अमीनी के साथ जो हुआ वो मेरे साथ भी हो सकता था.
वहां की मॉरल पुलिस ‘गश्त-ए-इरशाद’ ने मुझे इसलिए पकड़ लिया था, क्योंकि मेरी पैंट टाइट थी. पैंट टाइट होने की वजह से मेरे टखने नजर आ रहे थे. सिर्फ इस वजह से मुझे वैन में बैठाकर 'री-एजुकेशन' सेंटर ले जाया गया. ये वही जगह है, जहां मासा अमीनी को ले जाया गया था. मुझे तब तक उस जगह पर रखा गया, जब तक कोई मेरे लिए वहां ढीले-ढाले कपड़े लेकर नहीं आया. जब मैं वहां पहुंची, उन्होंने मेरा फोन और पासपोर्ट दोनों ले लिए थे. वो लोग जिस तरह से डराते हैं, इन सब चीजों के साथ ईरान में कोई नहीं रह सकता है, क्योंकि वो लोग अजीबोगरीब चीजों के लिए पकड़कर ले जाते हैं. वे महिलाओं के नेल के कलर, कपड़े, हिजाब किसी भी चीज के लिए पकड़कर ले जाते हैं.
ईरान में क्यों हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन?
अभी ऊपर हमने मासा अमीनी की बात की थी. ये वही 22 साल की एक ईरानी लड़की है, जिसकी मौत के बाद से ईरान में प्रदर्शन हो रहे हैं. वो 13 सितंबर को अपने परिवार के साथ देश की राजधानी तेहरान में घूम रही थी. ईरान पुलिस की स्पेशल यूनिट 'गश्त-ए-इरशाद' ने मासा को हिरासत में ले लिया क्योंकि कथित तौर पर उन्होंने हिजाब क़ायदे से नहीं पहना हुआ था. मासा के भाई ने दावा किया कि अधिकारियों ने उसे टॉर्चर किया. इतना कि उसकी हालत बिगड़ गई. अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. तेहरान पुलिस ने तो यही कहा कि मासा को केवल ड्रेस-कोड के नियम समझाने के लिए हिरासत में लिया गया था, लेकिन अस्पताल से ख़बर आई कि वो कोमा में चली गईं. और, 16 सितंबर को मासा की मौत हो गई.
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