The Lallantop

राग दरबारी : वो किताब जिसने सिखाया कि व्यंग्य कितनी खतरनाक चीज़ है

पढ़िए इस किताब से कुछ हाहाकारी वन लाइनर्स.

Advertisement
post-main-image
फोटो - thelallantop
अपनी किताब 'राग दरबारी' के लिए पहचाने जानेवाले शुक्ल जी ने कुल 25 किताबें लिखीं. उनकी पहली किताब ‘अंगद का पांव’ भी चर्चित हुई थी. मगर 'राग दरबारी' के साथ जो मुकाम शुक्ल जी ने पाया वो साहित्य में कम ही लोगों को मिला है. व्यंग्य प्रधान उपन्यास में ग्रामीण भारत और सरकारी तंत्र का जो खाका शुक्ल जी ने खींचा है, उसकी बराबरी नहीं हो सकती. मगर खुद श्रीलाल शुक्ल इस किताब से खुश नहीं रहते थे. उनका कहना था कि राग दरबारी ने उनकी दूसरी रचनाओं को दबा दिया. ‘मकान’, ‘विश्रामपुर का संत’ और ‘राग विराग’ जैसी किताबों की चर्चा उतनी नहीं हुई, जितनी 'राग दरबारी' की हुई. 'राग दरबारी' के व्यंग्य आज के समय में भी उतने ही खरे और चोट करने वाले हैं. पेश हैं 31 दिसंबर को पैदा हुए श्रीलाल शुक्ल की सबसे चर्चित किताब से कुछ व्यंग्य. 1
  2
  3psd
  5
  6
  7
ये भी पढ़ें :

'एजुकेशन सिस्टम वो कुतिया है जिसे...'

Advertisement
अदम गोंडवी के 20 शेर जो कुर्सी वालों को नश्तर की तरह चुभेंगे! क्या दलित महिला के साथ हमबिस्तर होते वक़्त छुआछूत छुट्टी पर चला जाता है? सब मुहम्मद रफ़ी को सुनते हैं, रफ़ी इनके दीवाने थे इस एक्टर के पिता ने उनकी मां और बहन का मर्डर कर ख़ुदकुशी कर ली थी
वीडियो देखें:

ये स्टोरी अनिमेष ने लिखी है.

Advertisement
Advertisement
Advertisement