साल 2009 में आई Salman Khan स्टारर फिल्म Wanted में Prakash Raj विलन बने थे. गनी भाई नाम का उनका किरदार बहुत पसंद किया गया. उसके डायलॉग फिल्म की हाईलाइट माने गए. ख़ासकर वो सीन जिसमें वो कहते हैं, “गनी मेरी जान सोना नहीं है. वरना ये मार देंगे”. पिछले दिनों जब प्रकाश राज The Lallantop के ख़ास कार्यक्रम Guest in the Newsroom में आए, तब उन्होंने बताया कि ये डायलॉग्स खुद उन्होंने इम्प्रोवाइज़ किए थे. ‘वॉन्टेड’ की स्क्रिप्ट में ये डायलॉग ऐसे नहीं थे. प्रकाश राज ने इन्हें अपनी क्रिएटिविटी से दिलचस्प बनाया. ये किस्सा सुनाते हुए प्रकाश राज ने कहा -
"वॉन्टेड के बाद हिंदी फिल्मों में काम नहीं मिला, सिंघम ने मुझे मशहूर किया"
Prakash Raj ने सुनाए Wanted और Singham से जुड़े किस्से. बताया, शूटिंग करते हुए ही सूझा था उन्हें गनी भाई का 'सोना नहीं मार देंगे' वाला डायलॉग.

"सोना नहीं मार देंगे वाला डायलॉग ऐसे ही आया. शूटिंग कर रहा था मैं. बहुत छोटा सा रोल था वो. मैंने इम्प्रोवाइज किया. सोचा कुछ एंटरटेनिंग करते हैं. सिर्फ ऑडियंस को डराना थोड़े ही है. वो बिल्कुल इम्प्रॉम्प्टु था. स्क्रिप्ट में कहीं नहीं था वो. गनी भाई का वो कैरेक्टर पहले सिर्फ पांच दिन का था. मैंने कहा कुछ इंट्रेस्टिंग करेंगे इसके साथ."
इस बातचीत में प्रकाश राज से कई सवाल किए गए. हाल ही में देखी वो कौन सी फिल्म है, जिसने उन पर गहरा असर किया, इस सवाल के जवाब में प्रकाश ने कहा,
"आट्टम. आट्टम है वो फिल्म जा मैंने देखी और अवाक् रह गया. आनंद एकाशी की मलयालम फिल्म है. 12 रंगकर्मियों को लेकर बनाई है. मज़े की बात ये है कि ये सब पर्दे पर पहली बार आए. डायरेक्टर की भी ये पहली ही फिल्म है. ये लोग मिले. तीन महीने रिहर्सल की और फिल्म बना दी. क्या कमाल फिल्म बनाई. मैंने आट्टम क्रू के साथ एक इंग्लिश फिल्म शूट की."
प्रकाश राज ने बताया कि ‘वॉन्टेड’ के बाद उन्हें बहुत फिल्में नहीं मिलीं. मगर ‘सिंघम’ के बाद उन्हें काफी ऑफर्स आए. बॉलीवुड में होने वाली पॉलिटिक्स की तरफ़ हल्का सा इशारा करते हुए प्रकाश राज ने कहा,
"हिंदी सिनेमा में पहली फिल्म मैंने की ‘खाकी’. फिर ‘वॉन्टेड’. ‘वॉन्टेड’ के बाद फिल्म्स नहीं आईं मेरी. ‘सिंघम’ जो मैंने तमिल में की, फिर हिंदी में भी की, उसने मुझे मशहूर किया. ‘सिंघम’ के बाद बहुत ऑफर्स आए. पॉलिटिक्स भी है. वो हर जगह है. जब आप एक आउटसाइडर होते हैं, तो ये तो होता ही है. एक दम से काम नहीं मिलता. आपको मुंबई में रहना पड़ता है. मगर मैं तो अपने खेत में ही रहता हूं. मेरी दुनिया अलग है. मैं शायद एक ही एक्टर हूं इस देश में जिसका कोई मैनेजर नहीं है. मैं अपनी कहानी खुद सुनता हूं. अपना रेट खुद तय करता हूं. कोई मेरी कीमत तय नहीं करता."
# 'सिंघम' से पैसा लूंगा, कांजीवरम से नहीं लूंगा
प्रकाश राज से पूछा गया कि क्या उन्हें ये दुविधा रहती है कि वो आर्ट सिनेमा कर रहें हैं तो टाइपकास्ट हो जाएंगे? जवाब में प्रकाश राज ने कहा,
"आप एक्टर के तौर पर नेगोशिएट कैसे करते हैं, वो महत्वपूर्ण है. अलग-अलग भाषाओं में काम करने के लिए मैं बहुत होमवर्क करता हूं. मैं कुछ फिल्में पैसों के लिए करता हूं. कुछ फिल्मों का मैं बिल्कुल पैसा नहीं लेता. मैं कहता हूं कि मैं तुम्हारे हिसाब से पैसा नहीं ले रहा. मगर अपने तरीके से वसूल रहा हूं. 'सिंघम' का पैसा मैं लूंगा. 'कांजीवरम' के लिए नहीं लूंगा. नहीं लिया मैंने."
अजय देवगन स्टारर ‘सिंघम’ में प्रकाश राज के किरदार का नाम था जयकांत शिकरे. ये भी बहुत मशहूर हुआ. प्रकाश राज ने चुनिंदा हिंदी फिल्में की हैं, मगर वो तकरीबन तीन दशक से एक्टिंग कर रहे हैं. थिएटर वो सालों से करते आ रहे हैं और आज भी कर रहे हैं. अब वो ड्रामा स्क्रिप्ट भी लिख रहे हैं. एक्टिंग के लिए प्रकाश राज चार नेशनल अवॉर्ड जीत चुके हैं.
वीडियो: गेस्ट इन द न्यूजरूम: प्रकाश राज ने PM मोदी, राहुल, केजरीवाल पर कसे तंज, सिंघम और वॉन्टेड पर क्या बताया?