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"अनुराग कश्यप ने कुछ ज़्यादा ही दुश्मन बना लिए हैं, गुस्से में अपना ही हाथ तोड़ डाला"

मनोज बाजपेयी ने कहा कि उन्हें खुद भी काफी गुस्सा आता है. लेकिन वो अनुराग की तुलना में उन चीज़ों से ज़्यादा प्रैक्टिकल तरीके से डील करते हैं.

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दोनों के बीच एक बार ऐसी अनबन हुई कि उन्होंने 11 सालों तक बात नहीं की.

Manoj Bajpayee और Anurag Kashyap, Satya (1998) के दिनों से एक-दूसरे को जानते हैं. आगे उन्होंने Shool और Kaun जैसी फिल्मों पर साथ काम किया. मगर उनका सबसे आइकॉनिक कोलैबोरेशन Gangs of Wasseypur को माना जाता है. अनुराग के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म को मनोज अपने करियर की सबसे अच्छी फिल्मों में गिनते हैं. लेकिन अनुराग से इस जुड़ाव का श्रेय वो अब भी फिल्मों से ज़्यादा दोनों के गुस्से को ही देते हैं. 

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बॉलीवुड हंगामा से हुई बातचीत में मनोज ने अनुराग के गुस्सैल स्वभाव का ज़िक्र किया. वो कहते हैं,

"अनुराग अपने सिद्धांतों के बल पर ही अब तक खड़े हैं. इस चक्कर में उन्होंने कई दुश्मन भी बना लिए. गुस्से में उन्होंने कभी शीशे तोड़े, कभी अपना ही हाथ तोड़ लिया. बीमार भी पड़े. लेकिन अपने फैसलों पर डटे रहे. वो बाकी फिल्ममेकर्स के लिए एक अच्छा उदाहरण बन सकते हैं. लोग सिर्फ उनकी फिल्में देखते हैं. लेकिन उन्हें अनुराग की पूरी जर्नी को समझना चाहिए और उससे सीख लेनी चाहिए."

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मनोज ने बताया कि अनुराग की तरह वो खुद भी काफी गुस्सैल हैं. मगर वो अपने गुस्से से प्रैक्टिकल तरीके से डील करते हैं. इस बारे में मनोज कहते हैं,

"मैं ये कहूंगा कि मैं अनुराग की तुलना में ज़्यादा प्रैक्टिकल हूं. वो भी प्रैक्टिकल हैं. लेकिन अक्सर अपना आपा खो देते हैं. जिस दिन वो ट्रोल्स को जवाब देने लगते हैं, मैं समझ जाता हूं कि उन्होंने अपना बैलेंस खो दिया है. लेकिन फिर वो वापस लाइन पर भी आ जाते हैं."

मनोज और अनुराग के बीच भी लड़ाईयां होती रहती हैं. एक बार तो उनकी अनबन हुई कि दोनों ने एक-दूसरे से 11 साल तक बात नहीं की. द लल्लनटॉप से हुई बातचीत में मनोज बताते हैं कि अनुराग उनके हिसाब की फिल्में नहीं बना रहे थे. लेकिन असली दिक्कत तब शुरू हुई, जब किसी ने अनुराग को उनके खिलाफ भड़का दिया. अनुराग दूसरों की बातों पर जल्दी भरोसा कर लेते थे और इसी कमी ने मनोज से उनकी दूरी बढ़ा दी. दोनों ने लंबे समय तक कोई बात-मुलाकात नहीं की. मगर जब मनोज ने अनुराग की ‘देव D’ देखी, तो उससे इम्प्रेस हुए बिना नहीं रह सके. उन्होंने अनुराग की तारीफ करने के लिए उन्हें कॉल किया. दोनों में बात तो हुई मगर फिर अगले दो सालों तक उनमें कोई कॉन्टैक्ट नहीं रहा. सही मायनों में उनकी दूरी तब जाकर मिटी, जब अनुराग ने मनोज को ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ऑफर की. इस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनने के लिए मनोज आधी रात को अनुराग के ऑफिस पहुंच गए थे. वहां उन्होंने फिल्म की स्क्रिप्ट सुनी, शराब पी, गले मिले और दोबारा दोस्त बन गए.

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बता दें कि मनोज इस वक्त 'इंस्पेक्टर झेंडे' फिल्म में नजर आ रहे हैं. असली घटना से प्रेरित ये फिल्म 05 सितंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है. मनोज ने इसमें मधुकर झेंडे नाम के उसी पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाया है, जिन्होंने कुख्यात सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को गिरफ्तार किया था. इस मूवी को चिन्मय मांडलेकर ने लिखा और डायरेक्ट किया है. मनोज के अलावा इसमें जिम सार्भ, सचिन खेड़ेकर, गिरिजा ओक, भालचंद्र कदम और वैभव मांगले जैसे एक्टर्स ने काम किया है.

वीडियो: अनुराग ने खुद को शाहरुख से ज्यादा बिजी क्यों बताया?

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