Jaideep Ahlawat आज तो सफल एक्टर हैं. मगर एक दौर था जब वो फौज में जाना चाहते थे. दो बार SSB (Service Selection Board) का पेपर भी दिया. मगर सिलेक्शन नहीं हुआ. पिछले दिनों जब वो The Lallantop के ख़ास कार्यक्रम Guest In The Newsroom में आए, तो शब्दों से SSB परिसर के मंज़र की तस्वीर उकेर दी. उन्होंने बताया कि वो रिजेक्शन आज भी उन्हें सालता है. अपना अनुभव सुनाते हुए उन्हें कहा,
जब जयदीप SSB का पेपर देने पहुंचे और फेल होने पर ऑफिसर शाहरुख-अमिताभ का उदाहरण देने लगा
जयदीप अहलावत आर्मी में जाना चाहते थे. दो बार SSB का पेपर दिया. दोनों बार फेल हो गए.

“दोनों ही बार इलाहाबाद में टेस्ट हुआ. दोनों में फेल हुआ मैं. तीसरे में गया ही नहीं. दिमाग ख़राब हो चुका था मेरा. NDA का तो रिटन भी क्लियर नहीं हुआ था. जब तक समझ आया कि NDA क्या है, तब तक उम्र निकल चुकी थी. तो पहला SSB हुआ इलाहाबाद में. 116-117 लोग थे. जिनमें से 111 स्क्रीन आउट हो गए. 16 लोग बचे थे. मेरा चेस्ट नंबर था 15. एक ही लड़का सिलेक्ट हुआ था. चेस्ट नंबर फोर. अनिरुद्ध नाम था शायद उसका.”
SSB परिसर का माहौल जो उन्होंने सालों पहले देखा था, उसके बारे में जयदीप ने कहा,
"बहुत ख़तरनाक दृश्य होता है जब 16 लोग चुने जाते हैं और बाकी 111 उसी बस में लौट रहे होते हैं जिससे आए थे. दूसरी बार डर तब लगता है जब उस रूम में पहुंचते हैं, जहां रिज़ल्ट सुनाया जाना है. मुझे लगता है वो जान बूझकर इंतज़ार करवाते हैं. ये सोचकर कि और धडकनें बढ़ने दो इनकी. फिर उस पैनल में से एक ऑफिसर आएंगे और स्पीच देंगे. कहेंगे कि यहां फेल होने का ये मतलब नहीं कि आप जीवन में भी फेल हो जाओगे. और वो नाम लेते हैं अमिताभ बच्चन का. एपीजे अब्दुल कलाम का. शाहरुख खान का. मगर उस वक्त कुछ सुनने का मन नहीं होता. आप बस ये कह रहे होते हो कि भाई तू चेस्ट नंबर बोल फटाफट."
जब अफ़सर ने रिजल्ट सुनाया और उसमें जयदीप का नाम नहीं था. इस पर अपनी प्रतिक्रिया बयान करते हुए जयदीप ने कहा,
"एक पल में उन्होंने फैसला सुना दिया. चेस्ट नंबर फोर रुके. बाकी सब चले जाएं. वो ऑफिसर रिज़ल्ट सुनाकर जा चुका है. मगर एक भी आदमी हिला नहीं है अब तक. सब सोच रहे हैं कि वापस तो नहीं आएगा कहीं. अगले दो-तीन मिनट तक मुर्दा शांति पसर गई थी कमरे में."
जयदीप ने बताया कि SSB टेस्ट के दौरान कैंडिडेट आपस में एक गेम खेलते हैं. इस बारे में उन्होंने कहा,
“इस गेम में सब बताते हैं कि उनके मुताबिक किसका सिलेक्शन होगा. इंटरव्यू में भी पूछा जाता है कि किसका सिलेक्शन होगा. मेरे बैच में 12 लोगों ने मेरा नाम लिया था. एक अकेला आदमी था मैं जिसने उस लड़के का नाम लिया था जिसका सिलेक्शन हुआ. ऐसा नहीं था कि वो बड़ी भारी-भरकम कदकाठी का था. आम सा, शांत सा लड़का था. पर अगले दिन वही सिलेक्ट हुआ. रिजेक्शन के बाद उस SSB परिसर से बाहर निकलना बहुत मुश्किल था. पहला SSB तो कोई नहीं भूलता. मुझे आज तक याद है.”
जयदीप अहलावत के वर्कफ्रंट की बात करें, तो उन्होंने डेब्यू किया साल 2010 में आई फिल्म ‘आक्रोश’ से. इसमें परेश रावल, अजय देवगन और अक्षय खन्ना जैसे एक्टर्स थे. ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘कमांडो’ और ‘राज़ी’ ने उन्हें अलग पहचान दी. फिर ‘पाताललोक’ ने उन्हें फैन फेवरेट स्टार बना दिया. अब जयदीप शाहरुख खान की मेगाबजट फिल्म ‘किंग’ में नज़र आएंगे.
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