तमाम देशों के रिसर्चर कोविड वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं. इनमें ब्रिटेन, रूस, अमेरिका शामिल हैं. साथ ही भारत में भी कोवैक्सीन नाम से वैक्सीन टेस्ट की जा रही है. (फाइल फोटो- PTI)
कोवैक्सीन. भारत की अंडर ट्रायल कोरोना वैक्सीन. इसका पहले फेज़ के ट्रायल का पहला हिस्सा पूरा हो चुका है. नतीजे अच्छे रहे. पीजीआई रोहतक में ट्रायल हो रहे हैं और वहां के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर का कहना है कि पहले फेज के पहले पार्ट का ट्रायल 25 जुलाई को पूरा हुआ और नतीजे उत्साह बढ़ाने वाले रहे हैं. वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल 17 जुलाई को शुरू हुआ था, जिसमें कुछ वॉलंटियर्स को कोवैक्सीन की डोज़ दी गई थी.
कौन और कैसे तैयार कर रहा वैक्सीन? भारत बायोटेक, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी (NIV) मिलकर कोवैक्सीन पर काम कर रहे हैं. ICMR और NIV ने मिलकर SARS-CoV-2 का एक स्ट्रेन यानी एक कोशिका को अलग किया है और इसी के ज़रिये अब वैक्सीन तैयार करने की कोशिश की जा रही है. वैक्सीन ट्रायल टीम की प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ सविता वर्मा ने बताया कि-
“अभी कोवैक्सीन के पहले फेज़ का पहला ट्रायल पूरा हुआ है. देश से 50 लोगों को वैक्सीन की डोज़ दी गई थी, जिसके नतीजे उत्साहजनक रहे हैं. फेज़-1 के दूसरे पार्ट में भी 25 जुलाई को छह लोगों को वैक्सीन दी गई. सबसे पहले एक 30 साल के करीब के व्यक्ति को वैक्सीन दी गई थी. अब तक कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है.”
इससे पहले एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया था कि ट्रायल दो फेज़ में पूरा किया जाएगा. ट्रायल के लिए अब तक 1800 लोगों ने रजिस्टर किया है. उन्होंने बताया कि पहले फेज़ में 18-55 साल और दूसरे फेज़ में 12-65 साल के लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा. पहले फेज़ में 375 लोगों पर ट्रायल किया जाएगा. वहीं दूसरे फेज़ के लिए 750 लोगों को चुना जाएगा. उन्होंने बताया था कि इस ट्रायल में महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा. इसके लिए ये जरूरी होगा कि उनका प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव हो.
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