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कान फिल्म फेस्टिवल ने नेकेड और लंबे-चौड़े गाउन क्यों बैन कर दिए?

कान फिल्म फेस्टिवल के ऑर्गनाइज़र्स ने मुख्यत: दो वजहों से ये बड़ा फैसला लिया. मगर इससे कोई फैशन स्टाइलिश हैरान क्यों नहीं हुआ?

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वॉल्यूमिनस गाउन बैन करने के बावजूद सेलेब्रिटीज़ कान फिल्म फेस्टिवल में ऐसे कपड़े पहनकर आ रहे हैं.

78th Cannes Film Festival शुरू हो गया है. ये इवेंट 13 मई से लेकर 24 मई तक चलेगा. इस फेस्टिवल में दुनियाभर की फिल्में दिखाई जाती हैं. कान फिल्म फेस्टिवल का रेड कार्पेट फैशन के लिए भी बेहद खास है. तमाम फिल्म सेलेब्रिटीज, अतरंगी कपड़ो में यहां वॉक करते हैं. मगर इस बार कान फिल्म फेस्टिवल में कुछ खास किस्म के कपड़ों को बैन कर दिया गया है. इस साल फेस्टिवल ने एक नया ड्रेस कोड लागू किया है. इसके तहत रेड कार्पेट पर वॉक करने वाले सेलेब्रिटीज नेकेड-शीयर ड्रेस और वॉल्यूमिनस गाउन नहीं पहन पाएंगे.

# Cannes Film Festival में ये कपड़े क्यों हुए बैन?

इस साल इस फेस्टिवल के ऑर्गनाइज़र्स ने ऐन वक्त पर एक बड़ा बदलाव किया. उन्होंने 10 दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल के लिए एक नया ड्रेस कोड जारी किया है. जो भी सेलेब्रिटीज इस फेस्टिवल में हिस्सा लेने आएंगे, उन्हें इस ड्रेस कोड का पालन करना पड़ेगा. इस बार कान में नेकेड ड्रेस और शीयर एंड वॉल्यूमिनस गाउन पहनने पर रोक लगा दी गई है. वॉल्यूमिनस गाउन यानी बड़े साइज़ का गाउन. इसका कारण ये बताया जा रहा है कि बड़े ट्रेल और घेरे वाले स्कर्ट की वजह से रेड कार्पेट पर आवाजाही धीमी हो जाती है. क्योंकि बड़े गाउन पहनकर आए सेलेब्स तेज़ी से नहीं चल पाते हैं. कान फिल्म फेस्टिवल के नियमों के मुताबिक हर सेलेब्रिटी को रेड कार्पेट पर 10 मिनट का समय दिया जाता है. मगर इस तरह के कपड़े पहनने की वजह से उन्हें इससे अधिक वक्त लग जाता है. जो पूरी फिल्म फेस्टिवल के टाइम-टेबल को प्रभावित करता है.

नेकेड और शीयर ड्रेस यानी ऐसे कपड़े, जिसमें नग्नता शामिल हो या पहनने वालों का बदन नज़र आता हो. इस तरह के कपड़ों पर रोक इसलिए लगाई गई है, ताकि फेस्टिवल की 'शालीनता' को बरकरार रखा जा सके. फेस्टिवल के कर्मचारियों को यह अधिकार दिया गया है कि वो ऐसे किसी भी व्यक्ति को रेड कार्पेट पर न जाने दें, जिन्होंने इन नियमों का पालन नहीं किया हो.  

# इस बैन पर क्या बोले एक्सपर्ट्स?

कल्चर क्रिटिक लुईस पिसानो ने कान फिल्म फेस्टिवल के इस नए नियम पर बात की है. उन्होंने बताया कि ये फेस्टिवल हमेशा से अपने नियम-कानूनों को लेकर सख्त रहा है. और हाल के सालों में उनके नियम और भी कड़े हो गए हैं. बकौल लुईस-

"पहले उन्होंने कहा कि महिलाओं को हील्स पहननी जरूरी है, जिसके चलते 2015 में फ्लैट फुटवियर पहनने वाली महिलाओं को फेस्टिवल में एंट्री नहीं दी गई. फिर 2018 में सेल्फी लेने पर रोक लगा दी गई. अब नियम यह है कि हील वाले या बिना हील वाले सुंदर जूते और सैंडल पहने जा सकते हैं. लेकिन इस साल फेस्टिवल शुरू होने से ठीक पहले पतले और लंबे कपड़ों पर रोक लगाने से सेलीब्रिटीज़ के स्टाइलिस्ट काफी परेशान हैं. उन्हें आखिरी वक्त पर अपने प्लान बदलने पड़ रहे हैं."

रेड कार्पेट ड्रेसिंग के लिए दुनियाभर में मशहूर स्टाइलिस्ट रोज़ फोर्ड ने भी कान फिल्म फेस्टिवल में बैन किए गए कपड़ों पर बात की. रोज़ ने बताया कि उनको इस बदलाव की जानकारी सोशल मीडिया से मिली. उनका भी यही मानना है कि कान हमेशा से कपड़ों के नियमों को लेकर बहुत सख्त रहा है. इसलिए उन्हें इस नियम के बारे में जानकर ज़्यादा हैरानी नहीं हुई. उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें पहले भी उन्हें कई बार ये चेक करना पड़ता था कि कान फिल्म फेस्टिवल के रेड कार्पेट पर क्या पहनना अलाउड है. ये बात महिलाओं और पुरुषों, दोनों के कपड़ों पर लागू होती है.  

हालांकि दिलचस्प बात ये कि कान फिल्म फेस्टिवल के नियमों के बावजूद कई सेलेब्रिटीज़ बड़े और वॉल्यूमिनस कपड़े पहनकर ये इवेंट अटेंड कर रहे हैं.


ये आर्टिकल हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं कनिष्का ने लिखा है

वीडियो: होमबाउंड ने बनाई कान फिल्म फेस्टिवल में अपनी जगह