
# वो स्टार किड जिसे इंडिया के टॉप खान ने फिल्मों में लॉन्च किया! फरदीन खान का जन्म 8 मार्च, 1974 को बंबई में हुआ था. इनके पिता फिरोज़ खान इंडिया के सबसे हैंडसम एक्टर्स और स्टाइलिश फिल्ममेकर्स में गिने जाते थे. फिरोज़ का बचपन काफी मुश्किल रहा था. क्योंकि जब वो 16 साल के था तभी उनके पिता की ब्रेन ट्यूमर की वजह से डेथ हो गई. 6 भाई-बहनों समेत पूरे घर की ज़िम्मेदारी अचानक से फिरोज़ के कंधों पर आ गई. मजबूरन उन्हें पढ़ाई छोड़ घर चलाने के लिए पैसे कमाने निकलना पड़ा. खैर, फिरोज़ को हमेशा इस बात का अफ़सोस रहा कि वो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए. इसलिए वो अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते थे. फरदीन की स्कूली पढ़ाई-लिखाई मुंबई के ही जमना बाई नारसी स्कूल से हुई. आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें अमेरिका भेजा गया. फरदीन ने यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स से बिज़नेस मैनेजमेंट में ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की. इसके बाद वो फिल्मों में काम करने के लिए इंडिया आ गए.
फिल्मों में आना तो ठीक है, मगर फरदीन के साथ दो बुनियादी दिक्कतें थीं. पहली, उन्हें एक्टिंग का बिल्कुल ज्ञान नहीं था. दूसरी, वो काफी वेस्टर्नाइज़ हो गए थे. हिंदी में बोलें, तो मामला बहुत अंग्रेज़ीदां था. एक्टिंग ट्रेनिंग के लिए तो उन्हें किशोर नमित कपूर के एक्टिंग ट्रेनिंग स्कूल भेजा गया. कहा गया कि बाकी चीज़ें फिल्मों में काम करते-करते अपने ठीक हो जाएंगी. एक्टिंग कोर्स पूरा होने के बाद फिरोज़ खान ने खुद अपने बेटे को लॉन्च करने का प्लान बनाया. 'प्रेम अगन' नाम की फिल्म से फरदीन का एक्टिंग डेब्यू हुआ. मगर ये फिल्म टिकट खिड़की पर बुरी तरह पिट गई. दूसरी तरफ इंडस्ट्री फरदीन की जितनी मदद कर सकती थी, उन्होंने की. पहली फिल्म में औसत परफॉरमेंस के बावजूद फरदीन खान को बेस्ट डेब्यू एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला.

फरदीन की डेब्यू फिल्म 'प्रेम अगन' का पोस्टर.
# जिस राम गोपाल वर्मा से इंडस्ट्री कांपती थी, एक साथ उनकी तीन फिल्में कर रहे थे फरदीन! राम गोपाल वर्मा अपने दौर के सबसे चर्चित फिल्ममेकर्स में से थे. उनकी फिल्में क्रिटिकली भी सराही जाती थीं और टिकट खिड़की पर पैसे भी कमाती थीं. 'रंगीला' जैसी सुपरहिट और 'सत्या' जैसी कल्ट फिल्म देने के बाद रामू 'जंगल' नाम की फिल्म बनाने जा रहे थे. अपने करियर की दूसरी फिल्म में फरदीन खान रामू के साथ पहली बार काम कर रहे थे. फिल्म की शूटिंग शुरू हुई. जो सीन सबसे पहले शूट हुआ, उसमें फरदीन को जंगल में दौड़ना था. सीन शूट होने के बाद फरदीन रामू के पास पहुंचे और प्रेशर और नर्वसनेस के मिश्रित भाव से पूछा कि उनका शॉट कैसा था. रामू ने कहा कि दौड़ते हुए आदमी को देखकर कैसे कहा जा सकता है कि वो अच्छा एक्टर है या नहीं. उनका कहने का मतलब था कि अभी दूसरे सीन्स शूट करिए, फिर बताता हूं. रिलीज़ के बाद 'जंगल' की तारीफ हुई. मगर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ कमाल नहीं कर पाई.
मगर रामू को फरदीन का ऐटिट्यूड ठीक लगा. जिन राम गोपाल वर्मा के अक्खड़ और मुंहफट रवैए से पूरी इंडस्ट्री कांपती थी, वो फरदीन के साथ दो और फिल्में बना रहे थे. पहली फिल्म थी रोमैंटिक थ्रिलर 'प्यार तूने क्या किया'. राम गोपाल वर्मा के प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म को रजत मुखर्जी ने डायरेक्ट किया था. 'प्यार तूने क्या किया' फरदीन खान के करियर की पहली क्लीन हिट फिल्म साबित हुई. रामू के प्रोडक्शन में फरदीन को लेकर बनी अगली फिल्म थी 'लव के लिए कुछ भी करेगा'. इसे शूल फेम ईश्वर निवास ने डायरेक्ट किया था. इसे इंट्रेस्टिंग कॉमेडी फिल्म की तरह देखा गया. मगर ये फरदीन के करियर के लिए कुछ खास मददगार साबित नहीं हुई.

फिल्म 'जानवर' के एक सीन में उर्मिला मातोंडकर के साथ फरदीन खान.
# जब कोकीन खरीदते फरदीन को पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ लिया फरदीन के लिए करियर वाइज़ सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. उनकी बैक टु बैक फिल्में पिट रही थीं. मगर पहली फिल्म सफल हुई और फरदीन के लिए आफत आ गई. हुआ ये कि मुंबई में फिल्म 'प्यार तूने क्या किया' की सक्सेस पार्टी चल रही थी. फैमिली के साथ डिनर वगैरह करने के बाद देर रात फरदीन अपनी कार लेकर जुहू साइड निकल गए. वो वहां एक पेडलर से ड्रग्स खरीदने गए हुए थे. मगर मुलाकात से पहले वो पास के एटीएम पहुंचे. पैसे निकालने की कोशिश में कार्ड मशीन में फंस गया. 5 मई, 2001 की सुबह 3 बजे नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने फरदीन और उनके पेडलर को ड्रग्स की खरीद-फरोख्त करते रंगे हाथों पकड़ लिया. बताया जाता है कि फरदीन उस पेडलर से 1 ग्राम कोकीन लेने गए थे, जिसकी कीमत 2500 रुपए थी. उसी के लिए कैश निकालने फरदीन एटीएम गए और वहीं ये सारा कांड हो गया.
NCB उन्हें उठाकर पूछताछ के लिए ले आई. फरदीन से देर रात तक पूछताछ की गई. इस दौरान फरदीन ने ये बात कबूली कि वो नियमित रूप से ड्रग्स लेते थे. जब उनसे इसके पीछे की वजह पूछी गई, तो उन्होंने बताया कि वो फिल्म बिज़नेस में हैं. रात को सोने में देरी हो जाती है. मगर फिल्मों की शूटिंग के दौरान उन्हें फ्रेश दिखना होता है. इसीलिए वो ड्रग्स लेते था. मार्केट इन अफवाहों से गर्म था कि फरदीन ने फिल्म इंडस्ट्री के 6 और लोगों के नाम बताए हैं, जो ड्रग्स लेते हैं. मगर उनकी पूछताछ से जुड़े ऑफिसर्स ने इस खबरों को निराधार बताया. पुलिस मुख्यत: इस मसले की जांच कर रही थी कि फरदीन सिर्फ ड्रग यूज़र हैं या वो ड्रग्स को दूसरे लोगों तक पहुंचाने का भी काम करते हैं. मगर छानबीन के बाद पता चला कि वो महज़ एक ड्रग यूज़र थे. फरदीन के खिलाफ कार्रवाई इसलिए नहीं की जा सकी क्योंकि उनके पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुआ था. उन्हें अस्पताल में डि-एडिक्शन कोर्स करवा के छोड़ दिया गया.

ड्रग कांड में पकड़े जाने के बाद नार्कोटिक्स ब्यूरो के अफसरों के साथ फरदीन खान.
दिक्कत वाली बात ये थी कि फरदीन का करियर पहले ही रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा था. ऐसे में ड्रग कांड में नाम आना इंडस्ट्री और जनता के बीच उनकी इमेज और खराब कर रहा था. उससे भी ज़्यादा प्रॉब्लमैटिक चीज़ ये कि फरदीन ने अपनी पहली हिट फिल्म की सफलता एंजॉय करने के चक्कर में अपने नाम पर बट्टा लगवा लिया था. # साल की सबसे बड़ी फिल्म देने के बावजूद फरदीन का करियर बर्बाद कैसे हो गया? फरदीन ने आगे 'खुशी', 'ओम जय जगदीश' और 'भूत' जैसी फिल्मों में काम किया. इनमें से भूत इकलौती फिल्म रही, जो थोड़ी-बहुत कमाई कर पाई. मगर इसमें फरदीन का रोल कुछ 15-20 मिनट का रहा होगा. बेटे के करियर को रसातल में जाते देख फिरोज़ खान दोबारा एक्टिव हुए. उन्होंने 'जानशीन' नाम की एक फिल्म प्लैन की. ये अपने समय में थोड़ी नई किस्म की फिल्म थी. इस फिल्म के बाइक रेसिंग सीक्वेंस वगैरह की खूब तारीफ हुई. मगर ये फिल्म भी नहीं चली. 'जानशीन' के ठीक अगले साल बाइक्स के इर्द-गिर्द घूमने वाली एक और फिल्म रिलीज़ हुई. इस फिल्म का नाम था- 'धूम' जिसने इंडिया में बाइक कल्चर को मजबूत किक दी.
1980 में आई फिल्म 'कुरबानी' की सफलता की खुशी में फिरोज़ खान ने अपने बेटे फरदीन को एक बाइक गिफ्ट की थी. तब फरदीन बच्चे थे. उन्हें बाइक वगैरह चलानी नहीं आती थी. उसी बाइक को फिल्म 'जानशीन' के कई सीक्वेंस में इस्तेमाल किया गया. फिरोज़ ने उसे एक तरह से फरदीन के लकी चार्म की तरह यूज़ करना चाहा. मगर वो बाइक भी 'जानशीन' को पिटने से नहीं बचा पाई. फरदीन को लगने लगा था कि उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर तो कुछ कमाल कर नहीं पा रहीं, तो क्यों ना क्रिटिकल अक्लेम ही एंजॉय किया जाए. इसलिए वो उसी तरह के फिल्ममेकर्स के साथ काम कर रहे थे, जिनकी फिल्में समीक्षकों को पसंद आती हैं. उनकी फिल्मोग्राफी में शामिल ऐसी ही एक फिल्म थी- 'देव'. गोविंद निहलानी डायरेक्टेड इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, ओम पुरी और करीना कपूर के साथ फरदीन भी नज़र आए थे. अमिताभ बच्चन के स्टार पावर के बावजूद ये फिल्म नंबर्स स्कोर नहीं कर पाई.
ढेर सारी असफलताओं के बीच फरदीन के खाते में वो फिल्म आई, जिसके लिए उन्हें आज और आगे भी याद किया जाएगा. फिल्म थी अनिस बज़्मी डायरेक्टेड- 'नो एंट्री'. सलमान खान और अनिल कपूर के साथ इस फिल्म में फरदीन ने भी काम किया. 'नो एंट्री' साल 2005 की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी. मगर इसके बाद भी फरदीन की फिल्मों के पिटने का सिलसिला जारी रहा. वो आगे 'प्यारे मोहन', 'हे बेबी' और 'ऑल दी बेस्ट' जैसी फिल्मों में नज़र आए.

फिल्म 'नो एंट्री' के एक सीन में अनिल कपूर के साथ फरदीन. इस फिल्म में सलमान खान ने भी एक्सटेंडेड गेस्ट अपीयरेंस किया था.
# फिल्मों से दूर क्यों हो गए फरदीन खान? फरदीन खान ने 14 दिसंबर, 2005 को नताशा माधवानी से शादी कर ली. नताशा मशहूर फिल्म एक्ट्रेस मुमताज की बेटी हैं. शादी तो हो गई मगर मेडिकल कॉम्प्लिकेशंस की वजह से फरदीन की फैमिली आगे नहीं बढ़ पा रही थी. 2010-11 में फरदीन अपनी पत्नी के साथ लंदन चले गए. उन्हें लगा 2-3 साल में उनका काम हो जाएगा और वापस इंडिया आकर फिल्मों में दोबारा एक्टिव हो जाएंगे. IVF की मदद से फरदीन को एक बेटी पैदा हुई. उसकी देख-रेख में समय जाने लगा. इसके कुछ सालों बाद वो एक बेटे के पिता बने. पिता का दायित्व निभाते हुए अपने बच्चों को समय देने के लिए वो लंदन में ही रहे. हालांकि इस दौरान वो रियल एस्टेट बिज़नेस में लग गए. उनका बिज़नेस सही चल रहा था. इसलिए फिल्मों में आने की कोई मजबूरी या जल्दी नहीं थी. हालांकि बिज़नेस के चक्कर में उन्हें मुंबई आते-जाते रहना पड़ता था. फरदीन का ये अनप्लान्ड ब्रेक कब 11 साल लंबा हो गया, उन्हें भी नहीं पता चला.

अपनी पत्नी नताशा के साथ फरदीन.
# आज कल कहां हैं फरदीन खान? फरदीन खान लंबे समय बाद 2016 में वापस मीडिया की नज़रों में आए. जब उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर आई, तो लोग उन्हें ट्रोल करने लगे. क्योंकि इन तस्वीरों में फरदीन का वजन बढ़ा हुआ था. पिछले दिनों में दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस पैंडेमिक की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान फरदीन लंदन में ही फंस गए थे. इस दौरान उन्होंने पूरे 10 महीने लंदन में गुज़ारे. बकौल फरदीन, लंदन में एक साथ इतना लंबा समय उन्होंने इससे पहले कभी नहीं गुज़ारा था. मगर उन्हें इसका फायदा भी मिला. उन्होंने लॉकडाउन के 6 महीनों में अपना वजन 18 किलो कम किया. लॉकडाउन खत्म होने के बाद उन्हें इंडिया में कास्टिंग डायरेक्टर टर्न्ड फिल्ममेकर मुकेश छाबड़ा के ऑफिस से निकलते स्पॉट किया गया. इन तस्वीरों में फरदीन काफी फिट लग रहे थे. अटकलें लगने लगीं कि फरदीन फिल्मों में वापसी करने वाले हैं. ये बात सही साबित हुई. इन दिनों फरदीन खान संजय गुप्ता के प्रोडक्शन में बन रही फिल्म 'विस्फोट' में काम कर रहे हैं. 'बिग बुल' फेम कूकी गुलाटी डायरेक्टेड इस फिल्म में फरदीन के साथ रितेश देशमुख और क्रिस्टल डिसूज़ा भी नज़र आने वाले हैं. 'विस्फोट' वेनेजुएलन फिल्म Rock, Paper, Scissors की ऑफिशियल रीमेक है.