नए साल की खास बात ये होती है कि आदमी बड़ी शोचनीय मुद्रा में पहुंच जाता है. हजारों कॉन्टैक्ट्स पर एक साथ हैप्पी न्यू इयर लिखकर कैसे भेजें? अब तो खैर पुराना जमाना नहीं रहा जब मोबाइल कंपनियां 31 दिसंबर से 1 जनवरी तक औकात दिखा देती थीं. सारे मैसेज पैक सत्यानाश हो जाते थे. अब वो सिस्टम खतम हो गया है. भटसप पर चले जाते हैं बधाई संदेश. लेकिन एक चीज कभी नहीं बदलेगी. हर न्यू इयर में सेम रहेगी. वो है रिजोल्यूशन. आदमी हर साल लेता है और तीन दिन बाद भूल जाता है. लेकिन इस साल जो रिजोल्यूशन लिया जाएगा वो बांगुर सीमेंट का बाप होगा. सस्ता नहीं सबसे अच्छा. किसी तरह टूटेगा नहीं. मैं इनमें से एक रिजोल्यूशन ले सकता हूं. आप अपना देख लो भई.
1.
हर हफ्ते एक किताब पढ़ूंगा: मैं बड़ा आलसी हूं भाई. दफ्तर से घर पहुंचते ही इतनी तेज की निन्नी आती है कि राम से काम. लोरी वोरी का काम नहीं. सीधे बिस्तर में पहुंच के खर्राटे शुरू. ये निन्नी चेन तोड़नी है इस साल. कम से कम एक किताब गिरा देनी है.
लेकिन यार ज़िंदगी भी तो एक किताब है. जिसे हम सब बिना रुके बिना थके पढ़ते जा रहे हैं. निरंतर. और हम किताब पढ़ते किसलिए हैं? कुछ सीखने के लिए. सबसे बड़े सबक तो जिंदगी सिखाती है. तो जिंदगी की किताब ही ठीक है.
2.
फर्स्ट जनवरी से जिम चालू: देखो तोंद साली बाहर निकलती दिख रही है. मुझसे आगे मेरी तोंद चलती है. और शास्त्र भी स्वस्थ जीवन के लिए आलस्य त्यागने को जरूरी बताते हैं. तो सुबह एक किलोमीटर की दौड़ और एक घंटा जिम. डन.
लेकिन यार उन्हीं शास्त्रों में ये भी तो लिखा है कि इस नश्वर शरीर से मोह न करो. मिट्टी का बना है एक दिन मिट्टी में मिल जाना है. जीवन एक बार मिला है. इसको मौज में गुजारो. शास्त्रों की ये बात ज्यादा प्रैक्टिकल है.
3.
शराब का सेवन बंद: इस बात को मैं पिछले 6 महीने से महसूस कर रहा हूं. कि शराब ने मुझे बड़ा नुकसान पहुंचाया है. पैसा बड़ा बरबाद हुआ. घर वालों ने बुरी तरह पीटा. टिलुआ की बारात में पी लिया था तो जेब से 3 हजार रुपए, ड्राइविंग लाइसेंस, निर्वाचन कार्ड और एसबीआई का एटीएम गिर गया. पता भी न चला. तो पहली से दारू बंद.
लेकिन यार नफा नुकसान तो किस्मत के हाथ है. इसमें बेचारी दारू का क्या कुसूर. तुलसीदास ने लिख रखा है कि 'हानि लाभ जीवन मरण जस अपजस विधि हाथ.' दारू के हाथ तो कुछ नहीं. फिर दारू पर मेरा गुस्सा फालतू है यार. छोड़ो बे. दारू नहीं, दारू छोड़ने का आइडिया.
4.
सुबह उठना शुरू: अजीब ही आदत पड़ गई है यार. रात में चाहे जित्ते बजे बिस्तर पर लुढ़कें. सुबह 10 बजे से पहले नींद ही नहीं खुलती. बाप कहता है "पिछवाड़े पर धूप लगे तो उठना." रोज रोज की बेज्जती से तंग हूं यार. अब और नहीं. पहली तारीख से एकदम सुबह उठना है.
लेकिन यार सुबह उठकर भी लोग कौन सा तीर मार लेते हैं. दूध वालों को देखो. पेपर डालने वालों को देखो. कौवे के लैटरिंग पर बैठने से पहले उठ जाते हैं. लेकिन उनकी जिंदगी सुबह उठने की वजह से बेहतर न हुई. मुझे अगर कुछ बड़ा करना है तो देर तक सोना ही होगा.
5.
फेसबुक बंद: फेसबुक भटसप ने मेरा इतना टाइमनास किया भाईसाब. तुम टाइमपास कह सकते हो काहे कि इसके नशे में फंसे नहीं हो. बहुत कुत्ती चीज है. सारा दिन आंखें नोटिफिकेशन पर लगी रहती हैं. इसकी वजह से सेमेस्टर अटक गया. नहीं तो पास होने से कौन रोक सकता था. अब इस दुश्मन को अनइंस्टाल ही करना है फोन से.
लेकिन फेसबुक भटसप पर जानकारी भी तो मिलती है यार. दुनिया भर की इन्फो. वहां ट्रंप कितनी वोटों से आगे चल रहा था, बिना फेसबुक के कैसे पता चलता. तहसील में कहां क्रिकेट मैच है. एग्जाम कब शुरू होगा. तैयारी कैसे करनी है. सब लोग अपना अपना प्लान इधर शेयर करते हैं. हमको किस पार्टी को टिकट देना है ये सोशल मीडिया से तय होता है. अब बताओ. मेरा पर्सनल करियर जरूरी है कि देश का विकास?
6.
गाली देना बंद: गालियों ने कम नुकसान नहीं किया मेरा. अपनी बुलेट लेकर मंटू की टांगों के बीच घुस गया था. उसने कहा "देखकर चलो." तो हमने बुलेट के भौकाल में गरिया दिया. फिर मंटू ने जो धोया है कि दिमाग ठंडा हो गया. लेकिन आदत नहीं छूटी. इस बार छोड़ देती है.
लेकिन यार गालियां तो आज के टाइम पर चरित्र की पहली आवश्यकता है. हमेशा मार पीट करके थोड़ी मामला निपटाना चाहिए. गालियां मार पीट से बचा लेती हैं. गालियों का साथ न छोड़ेंगे. भले दुनिया छूट जाए.
7.
पैसे की उधारी बंद: पहली से ये कसम खा लेते हैं कि पैसे का लेन देन बंद. न किसी से उधार लेना है न किसी को देना.
लेकिन यार देने का तो सवाल ही नहीं. मेरी लाइफ खुद उधारी से चल रही है. अगर लोगों से उधार लेना बंद कर दिया तो कमला पसंद के भी लाले पड़ जाएंगे. नहीं नहीं. अपने साथ ये अत्याचार ठीक नहीं है.
8.
पॉर्न देखना बंद: इतना नेटपैक और इतना टाइम खा गया है ये ऐब कि पूछो मत. हाल ये है कि बहुत टाइम हुआ. कोई फिल्म देखी ही नहीं. अब ये सब बंद. स्वच्छ सात्विक जीवन व्यतीत करना है.
लेकिन यार स्वच्छ और सात्विक जीवन का पॉर्न से क्या लेना देना. हम साला सात्विक हो जाएंगे तो इन मासूम पॉर्न स्टार्स का घर कैसे चलेगा यार. अगर हमारे 5 मिनट बरबाद करने से किसी की दाल रोटी चलती है तो पॉर्न अच्छा है. जो लोगों के लिए पढ़ना किसी मुसीबत से कम नहीं है उनको रिजोल्यूशन लेने की जरूरत नहीं. बस ये वीडियो देख लो. https://www.youtube.com/watch?v=6M43bUMk6iE
ये भी पढ़ें:
सिंह राशि वाले इस साल अमर सिंह की तरह एटीट्यूड में रहेंगे