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फिल्म इंस्टिट्यूट में गंदा पानी, बिल्डिंग में गेट तक नहीं, प्रोटेस्ट पर उतरे छात्र

स्टूडेंट्स ने बताया, जब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता, वो लोग एकेडमिक एक्टिविटीज़ बंद रखेंगे. और आंदोलन अनिश्चितकाल तक चलेगा.

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FTI-AP में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं. बिल्डिंग तक जर्जर है.

Film and Television Institute, Arunachal Pradesh (FTI-AP) के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं. ये प्रदर्शन असुरक्षित कैम्पस और बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी के चलते किया जा रहा है. छात्रों का कहना है कि संस्थान में पीने को साफ़ पानी नहीं है. घंटों तक बिजली नहीं रहती है. क्लासरूम फंक्शनल नहीं हैं. फिल्म इंस्टिट्यूट है मगर यहां न स्टेज है. न स्टूडियो है. बस इमारत है और वो भी दुरुस्त नहीं है. यहां तक कि कॉलेज का कोई फुल टाइम डायरेक्टर तक नहीं है. ऐसे में स्टूडेंट्स को उनकी पहचान, उनका भविष्य ख़तरे में नज़र आ रहा है. 2024 से वो इसके खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं. मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. इसलिए 15 मई से वो अनिश्चितकालीन आंदोलन पर उतर आए हैं. 

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कॉलेज में एडमिशन का प्रोसेस अक्टूबर में ही पूरा हो गया था. तब से अब तक एक भी ऑफलाइन क्लास नहीं हुई है. जिसके खिलाफ छात्रों ने मार्च में भी मोर्चा खोला था. उसके बाद ये उनका दूसरा प्रोटेस्ट है. FTI-AP के स्टूडेंट्स ने दी लल्लनटॉप को भी अपनी पनरेशानियों और इस प्रोटेस्ट के बारे में ईमेल किया. स्टडेंट्स ने लिखा -

"हम FTI-AP के स्टूडेंट्स बेहद तनाव की स्थिति में आपके पास आए हैं. लगातार हुए औपचाकिरक संवाद और महीनों तक इंतज़ार के बाद भी हमारी परेशानियों का कोई हल नहीं निकल पाया है. अब ये समस्याएं अपनी चरम सीमा पर हैं."

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बदहाल है Film and Television Institute, अरुणाचल प्रदेश की बिल्डिंग. इसकी स्थापना मार्च 2025 में हुई थी. 

कॉलेज में स्टूडेंट्स को किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, ये भी स्टूडेंट्स ने बताया. उन्होंने लिखा -

*  घंटों तक बिजली नहीं रहती है. जिसके कारण क्लासेज़, स्क्रीनिंग और पूरा रूटीन गड़बड़ा जाता है. 

* अकैडमिक ब्लॉक और होस्टल में इन्फ्रास्ट्रक्चर अधूरा और असुरक्षित है. सुरक्षा के कोई इंतज़ाम नहीं हैं.   

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* वर्क स्टेशन और वाई-फाई कनेक्टिविटी जैसे ज़रूरी संसाधन उपलब्ध नहीं हैं.

* खाना पकाने और पीने के लिए गंदे पानी इस्तेमाल करना पड़ रहा है. इसके चलते सेहत दांव पर लग गई है. 

* मेडिकल सपोर्ट और इमरजेंसी सिचुएशन की कोई तैयारी यहां नहीं है. 

* झूठे वादे, कोई सुनवाई नहीं और कोई जवाबदेही भी नहीं है. 

"इसीलिए हम एकेडमिक एक्टिविटीज़ को बंद कर रहे हैं. ये तब तक बंद रहेंगी, जब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता. शिक्षा, सेहत और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे हम.”

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FTI-AP में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं. भवन जर्जर है. पीने का पानी गंदा है. बिल्डिंग चारों तरफ से खुली है. मेन गेट तक नहीं है.  

अरुणाचल प्रदेश में FTI-AP की स्थापना 10 मार्च, 2025 में हुई थी. जर्जर बिल्डिंग में ही स्टूडेंट्स को बुला लिया गया. विरोध के स्वर शुरू से उठते रहे. मगर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. 1960 में स्थापित FTII (फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया) Pune में भी किसी न किसी कारण से विरोध होता ही रहा है. कभी डायरेक्टर के नाम पर तो कभी फैकल्टी न होने की वजह से. बहरहाल  FTI-AP में 15 मई से ये प्रोटेस्ट जारी है. स्टूडेंट्स बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.  

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