साल 2020 में Uttar Pradesh के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने अनाउंस किया था कि उनके राज्य में Film City बनाई जाएगी. अस दौरान एंटी-बॉलीवुड सेंटीमेंट भी अपने चरम पर था. तब कहा गया कि ये प्रोजेक्ट सिर्फ राजनीति साधने के मकसद से अनाउंस किया गया है. बहरहाल अब उस प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा अपडेट आया है. खबर आ रही है कि Akshay कुमार और Boney Kapoor जैसी शख्सियतों ने उत्तरप्रदेश वाली इस नई सिटी के लिए ठेका भरा है. ये फिल्म सिटी 1000 एकड़ में बनेगी. सरकार ने पहले फेज़ के लिए टेंडर निकाले थे. उसी के लिए अक्षय कुमार की Cape of Good Films, Maddock Films की Supersonic Technobuild Private Limited, बोनी कपूर की Bayview Projects, T-Series और KC बोकाड़िया की कंपनी Lions Films Private Limited ने बिड सबमिट की हैं.
नोएडा में फिल्म सिटी बनाएंगे अक्षय कुमार! 10,000 करोड़ की लागत से तैयार होगी
साल 2020 में Uttar Pradesh के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने अनाउंस किया कि वो राज्य में नई Film City बनाने जा रहे हैं. अब वहां इंवेस्ट करने के लिए Akshay Kumar, Boney Kapoor जैसे नाम आगे आए हैं.

Economic Times में छपी रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म सिटी के निर्माण के पूरे प्रोजेक्ट को तीन फेज़ में पूरा किया जाएगा. पहला फेज़ 230 एकड़ में बनेगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि फिल्म सिटी का पूरा काम 2028 या 2029 तक खत्म हो जाएगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट की मानें तो 1000 एकड़ में से 740 एकड़ का हिस्सा शूटिंग के लिए बनाया जाएगा. 40 एकड़ फिल्म इंस्टिट्यूट्स के लिए होगा. 120 एकड़ में अम्यूज़मेंट पार्क बनाए जाएंगे. बाकी 100 एकड़ की जगह कमर्शियल यूज़ के लिए रखी जाएगी. इस फिल्म सिटी में मीडिया इंडस्ट्री के ऑफिस, थीम पार्क, होटल और रीटेल स्टोर भी बनाए जाएंगे.
सिर्फ इतना ही नहीं, फिल्म सिटी में एडिटिंग और VFX के लिए भी संसाधन तैयार किए जाएंगे. प्लान है कि उनका स्केल ग्लोबल हो. नोएडा में एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम चल रहा है. ये फिल्म सिटी सिर्फ उससे चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगी. ताकि यहां पहुंचने वालों के लिए रास्ता बिल्कुल सुगम हो. एयरपोर्ट से फिल्म सिटी के बीच पॉड कार चलाई जाएंगी.
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पॉड टैक्सी या पॉड कार को औपचारिक रूप से पर्सनल रैपिड ट्रांजिट कहा जाता है. ये पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एक तरीका है. दुनिया के बहुत कम देशों में इस तरीके का ट्रांसपोर्ट सिस्टम मौजूद है. इसके तहत छोटी कार जैसे वाहन होते हैं. ये कारें ऑटोमेटेड या गाइडेड ट्रैक पर चलती हैं. माने इनमें ड्राइवर नहीं होता. इसके ट्रैक, रेलवे के ट्रैक या फिर केबल नेटवर्क की तरह के होते हैं.
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