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'लगान' फेम अखिलेंद्र मिश्रा बोले, कैरेक्टर आर्टिस्ट गुमनामी और गरीबी में मर जाते हैं

Akhilendra Mishra ने कहा, नए लोग फोन पर पैसे का लेन-देन डिस्कस करते हैं. उन्हें मालूम ही नहीं कि कौन क्या है. वो बस मोलभाव करते हैं.

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अखिलेन्द्र मिश्रा ने लगान में 'अर्जन' का रोल किया था.

Aamir Khan की Lagaan के एक्टर Akhilendra Mishra ने  इंडस्ट्री में एक्टर्स को मिलने वाली फीस पर बात की. उनका कहना है कि कॉस्ट कटिंग में एक्टर्स के एक्सपीरिएंस को कम आंकते हुए उनकी फीस में से पैसा काटा जाता है. उन्होंने कहा कि मेकर्स फोन पर पैसे का नेगोसिएशन करते हैं और टैलेंटेड एक्टर्स को सिर्फ एक सामान की तरह ट्रीट करते हैं.

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हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए अखिलेन्द्र ने कहा,

''हर प्रोड्यूसर पैसा कम देना चाहता है. कोई लिहाज़ नहीं करता. अब तो कॉरपोरेट कल्चर आ गया है तो नए लोग फोन पर पैसे का लेन-देन डिस्कस करते हैं. वो लोग जो आपके काम को जानते तक नहीं. उन्हें मालूम ही नहीं है कौन क्या है. वो बस फोन उठाकर कॉल कर देते हैं और मोलभाव करते हैं.''

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अखिलेन्द्र ने आगे कहा,

''इस इंडस्ट्री में पैसा सिर्फ स्टार्स के पास है और किसी के पास नहीं. प्रोड्यूसर सिर्फ उसी को पैसा दे रहे हैं. आज भी कैरेक्टर आर्टिस्ट अगर हॉस्पिटल में एडमिट हे जाए तो दवाई का भी पैसा नहीं है, इकट्ठा करना पड़ता है. वो गुमनामी और गरीबी में मर जाते हैं और पता भी नहीं चलता.''

अखिलेन्द्र ने इसी इंटरव्यू में ये बात मानी कि फिल्मों के चलने के लिए स्टार पावर की ज़रूरत होती है. स्टार्स और एक्टर्स को मिलने वाले पैसे के बीच के फर्क पर बोले,

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''अब कैरेक्टर आर्टिस्ट के नाम पे तो फिल्म बिकने वाली है नहीं. पर फिल्म की आत्मा कैरेक्टर आर्टिस्ट ही होता है. अगर फिल्म में अच्छा कैरेक्टर आर्टिस्ट नहीं है तो पिक्चर में आत्मा ही नहीं बचती. क्योंकि फिल्म में कोई परफॉर्मेंस ही नहीं होती.''

अखिलेन्द्र मिश्रा बहुत सीनियर आर्टिस्ट और एक्टर हैं. उन्हें 'लगान' से इतर 'सरफरोश', 'गंगाजल', 'द लेजेंड ऑफ भगत सिंह', 'रेडी', 'दो दूनी चार', 'दिल्ली 6' और 'शूटआउट एड लोखंडवाला' जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है. अखिलेन्द्र ने 'देवों के देव महादेव', 'जीत जाएंगे हम' और 'प्यार के पापड़' जैसे सीरियल्स में भी काम किया है.

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