इस सब के बीच कुछ लोग ऐश्वर्या को भी याद कर रहे थे. ऐश्वर्या राय बच्चन को. ‘इरुवर’ के चलते. जानना चाहेंगे क्या है ऐश्वर्या का ‘जयललिता’ और ‘इरुवर’ कनेक्शन?

वैरमुत्तु रामस्वामी. तमिल के एक फेमस कवि. कवि ही नहीं, गीतकार, उपन्यासकार और वो सब कुछ जो आदमी एक कलम के बल पर हो सकता है. पद्म श्री, पद्म भूषण, साहित्य अकादमी और लगभग वो सारे बड़े इनाम जो एक कलम के बल पर मिल सकते हैं इन्हें मिल चुके हैं. इलैयाराजा के साथ मिलकर बीस सालों तक लिरिक्स लिखीं. फिर मणिरत्नम के लिए एक कहानी लिखी.# इरुवर
मणिरत्नम, ‘दिल से’ और ‘बॉम्बे’ वाले. जितना बड़ा नाम वो बॉलीवुड में हैं उससे भी बड़ा नाम साउथ, खास तौर पर तमिल फिल्म इंडस्ट्री में. मणिरत्नम ने वैरमुत्तु की कहानी को स्क्रिप्ट में बदला. सुहासिनी ने इस मूवी के लिए डायलॉग्स लिखे. सुहासिनी साउथ की दिग्गज एक्ट्रेस भी हैं. इन दिग्गजों के एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर आने से जो मूवी बनने वाली थी उसका नाम था ‘इरुवर’. इरुवर का हिंदी तर्ज़ुमा ‘जोड़ी’ या ‘हम दोनों’ किया जा सकता है. मूवी का म्यूज़िक देने वाले एक और जीनियस- ए. आर. रहमान.
आनंदन एक स्ट्रगलिंग एक्टर है. एक ऑडिशन के दौरान वो एक पार्ट टाइम राइटर और पॉलिटिशियन तमिलसेल्वन से मिलता है. तमिलसेल्वन की हेल्प से आनंदन का ऑडिशन क्लियर हो जाता है. आनंदन धीरे-धीरे मूवीज़ में नाम कमाने लगता है. गांव की एक लड़की पुष्पावल्ली से उसकी शादी हो जाती है. फिर एक दौर ऐसा भी आता है जब उसकी मूवीज़ डब्बा बंद होने लगती हैं. पुष्पावल्ली गुज़र जाती है. फिर से आनंदन का राइज़ होता है. फिर से एक दूसरी लड़की रमानी से शादी करता है. तमिलसेल्वन के साथ उसकी पार्टी के लिए भी काम करने लगता है. एमएलए का चुनाव लड़ता है. बड़े मार्जिन से जीत भी जाता है. लेकिन जब तमिलसेल्वन सीएम बनता है तो आनंदन से डरने लगता है, कि कहीं मेरी कुर्सी न छीन ले. इसलिए उसे कोई मंत्रालय भी नहीं देता.# इरुवर की कहानी

बहरहाल आनंदन पार्टी से ध्यान हटाकर मूवीज़ में लगा देता है और एक ऑडिशन के दौरान उसको कल्पना मिलती है. जिसकी शक्ल हूबहू पुष्पावल्ली से मिलती है. दोनों में प्रेम हो जाता है. उधर पॉलिटिकल फ्रंट में तमिलसेल्वन आनंदन को पार्टी से निकाल देता है. आनंदन नई पार्टी बनाता है. बहुमत पाता है. सीएम बनता है. आनंदन और तमिलसेल्वन की दुश्मनी इतनी बढ़ जाती है कि एक दंगे के बाद आनंदन, तमिलसेल्वन की गिरफ्तारी के आदेश दे देता है. इस दौरान कल्पना का एक्सीडेंट हो जाता है. बाद में तमिलसेल्वन और आनंदन की दुश्मनी में उतनी धार नहीं रहती. शायद बुढ़ापे ने उन्हें थका दिया है. एक जगह तो वो पुराने दोस्ती के दिनों को भी याद करते हैं. अंत में आनंदन की मृत्यु में वो अंतिम संस्कार में नहीं जा पाता तो अकेले में बैठकर कविता पढ़ता है. उधर आनंदन की मृत्यु के बाद उसके पार्थिव शरीर के पीछे उसके फैन और फोलोवर्स की लाइन लगी है.
ऊपर हमने जो मूवी की स्टोरी बताई है वो इसलिए थोड़ी विस्तार से बताई है ताकि आप इसे MGR, एम. करुणानिधि और जयललिता की स्टोरी के साथ रिलेट कर सकें. जैसे कल्पना का एक्सीडेंट, पुष्पावल्ली की मौत, आनंदन और तमिलसेल्वन का रिश्ता, आनंदन और कल्पना का रिश्ता वगैरह.# कल्ट
हालांकि जयललिता और करुणानिधि दोनों जीते जी इस बात से इंकार करते रहे कि फिल्म की स्टोरी का उनसे किसी भी तरह का कोई कनेक्शन है. लेकिन ये बात कितनी सच है, इसका पता इसी बात से चल जाता है कि 14 जनवरी, 1997 को जब मूवी रिलीज़ हुई तभी से इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन होने शुरू हो गए थे. सेंसर बोर्ड ने मूवी को ‘रिव्यू’ के लिए गृह मंत्रालय भी भेजा. कई लोगों और लीडर्स ने कहा कि मूवी द्रविड़ आंदोलन की छवि खराब करती है. क्यूंकि MGR, एम. करुणानिधि और जयललिता तीनों ही द्रविड़ियन पार्टी से थे और फिल्म में इन तीनों के किरदार को थोड़ा-बहुत करप्ट दिखाया गया था.

लेकिन धीरे-धीरे मूवी ने कल्ट का दर्ज़ा पा लिया. खुद मणिरत्नम इसे अपनी आज तक की सबसे बेस्ट मूवी कहते हैं. टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में फिल्म को अवॉर्ड भी मिला था.
कभी ‘दिल से’ के टाइटल सॉन्ग का पिक्चराईज़ेशन देखिए. ऐसा लगता है कि कोई चलती फिरती कविता हो. कोई शब्द चित्र. विनिएट. ‘इरुवर’ के लिए तो पूरी मूवी को लेकर समीक्षक यही कहते हैं. इसमें फिल्माए गए लॉन्ग शॉट्स केवल दर्शकों को ही नहीं फिल्म स्कॉलर्स के लिए भी एक ‘सब्जेक्ट’ एक पाठ सरीखे हैं. और इस ‘शब्द चित्र’ के चलते संतोष सिवान को सिनेमेटोग्राफी का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था.
केवल डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, राइटर ही नहीं, फिल्म की स्टार कास्ट भी कमाल की थी. सुपरस्टार मोहनलाल ने करुणानिधि से इंस्पायर्ड आनंदन के कैरेक्टर को प्ले किया था. प्रकाश राज, जो अब बॉलीवुड में भी जाना माना नाम हैं, तमिलसेल्वन बने थे. उनका ये रोल MGR यानी एम. जी. रामचंद्रन से इंस्पायर्ड था. और उन्हें इस रोल के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था.# ऐश्वर्या का ‘इरुवर’ कनेक्शन
हालांकि फिल्म आनंदन, तमिलसेल्वन और उनके बनते बिगड़ते रिश्तों के बारे में थी लेकिन इसमें ऐश्वर्या का किरदार भी कम महत्वपूर्ण नहीं थे. वो डबल रोल में थीं. गांव की पुष्पावल्ली और आनंदन की म्यूज़ कल्पना. कल्पना का किरदार काफी जयललिता से इंस्पायर्ड था. ‘इरुवर’ की रिलीज़ से 3 साल पहले ही (1994 में) मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीतने वाली ऐश्वर्या की ये पहली मूवी थी. लेकिन फिर भी उनके काम की बहुत तारीफ़ हुई. बाद में मणिरत्नम ने उन्हें अपने कई प्रोजेक्ट्स में बतौर लीड लिया. जैसे ‘रावण’, ‘गुरु’.

केवल ‘इरुवर’ ही नहीं एक और बात थी जो ऐश्वर्या को जयललिता से जोड़ती थी. और वो थीं खुद जयललिता. जयललिता खुद चाहती थीं कि उनकी बायोपिक में अगर कोई ‘जयललिता’ का किरदार निभाए तो वो ऐश्वर्या ही हों. रोंडेवू विद सिमी ग्रेवाल. स्टार में एक प्रोग्राम आता था. कुछ-कुछ कॉफ़ी विद करण सरीखा. उसमें सिमी ग्रेवाल से बातचीत करते वक्त जयललिता ने बताया था-# ऐश्वर्या का जयललिता कनेक्शन
ऐश्वर्या राय मेरी युवावस्था वाले दिनों को बेहतर तरीके से पोट्रेट कर पाएंगी. लेकिन जैसी मैं अब हूं या जैसी मेरी भविष्य होने की संभावना है. वो किरदार निभाने में उन्हें थोड़ी मुश्किल होगी.इसलिए ही तो लोग ऐश्वर्या की तुलना जयललिता और कंगना दोनों से करने में लगे हैं. ऐश्वर्या तमिल काफी अच्छे से बोल समझ सकती हैं. ये बात भी उनके पक्ष में जाती थी.
वैसे आपको बता दें कि ए. प्रियदर्शनी भी जयललिता के ऊपर एक बायोपिक बना रही हैं. ‘दी आयरन लेडी’. इसमें भी ऐश्वर्या नहीं हैं. ये मूवी 20 फरवरी, 2020 को रिलीज़ होनी तय हुई है. 24 फरवरी को जयललिता का बड्डे होता है. ये मूवी तमिल में होगी और साउथ की सुपरस्टार निथ्या मेनन इसमें आयरन लेडी, यानी जयललिता का रोल प्ले करेंगी. जहां तक कंगना रनौत की ‘थलैवी’ का सवाल है वो रिलीज़ होगी 26 जून को. जाते-जाते उसका टीज़र देख जाइए. वो टीज़र जिससे ये पूरी बात शुरू हुई थी-
वीडियो देखें:
शाहरुख खान और अभिषेक बच्चन 'कहानी' वाले बॉब बिस्वास पर फिल्म बना रहे हैं-