हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. भारत बायोटेक कंपनी ICMR के साथ मिलकर कोरोना की वैक्सीन कोवाक्सिन का निर्माण किया था. इसी के तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान उन्हें 20 नवंबर को टीका लगाया गया था. PGI रोहतक देश के उन तीन सेंटर्स में से है जहां तीसरे चरण के ट्रायल का टीका लगाया गया. कंपनी का दावा था कि उनकी वैक्सीन 90 प्रतिशत कारगर होगी. पर मंत्री के संक्रमित होने के बाद वैक्सीन को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
ट्रायल वैक्सीन लेने वाले मंत्री के कोरोना पॉजिटिव आने पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने क्या कहा है?
कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान अनिल विज को टीका लगाया गया था.
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हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री के कोरोना संक्रमित होने के बाद भारत बायोटेक की तरफ से जवाब आया है.
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कंपनी ने आगे कहा कि तीसरे फेज का ट्रायल डबल होता है. 50 फीसदी लोगों को वैक्सीन मिलती है. और 50 फीसदी को प्लासीबो दिया जाता है. यानी मरीज को किसी दवा से नहीं बल्कि दवा के भ्रम में कोई सामान्य पदार्थ दिया जाता है.
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वहीं, न्यूज़18 की रिपोर्ट के मुताबिक, AIIMS के पूर्व निदेशक एमसी मिश्र ने बताया है कि शायद अनिल विज को प्लासीबो दिया गया हो न कि कोवैक्सीन. क्योंकि अगर उन्हें प्लासिबो दिया गया है, तो उनका पॉजिटिव होना मुमकिन है. और अगर ऐसा नहीं है, मतलब अनिल विज को कोवैक्सीन की ही डोज दी गई है, तो भी वैक्सीन का असर होने में 28 दिन लगता है. क्योंकि उस दौरान शरीर में एंटीबॉडीज बनते हैं. वैसे भी अनिल विज को वैक्सीन लिए हुए अभी 15 दिन ही हुए हैं. इस दौरान उनके शरीर में अभी एंटीबॉडीज नहीं बनी हैं और वे संक्रमण की चपेट में आ गए हैं.
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