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जेल में बंद आजम खान के बेटे ने पापा का हाल बताया और कैमरे पर रोने लगे!

आजम खान ने रामपुर वालों के लिए क्या संदेशा भेजा है?

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अब्दुल्ला आजम ने अपने समर्थकों को पिता का भेजा संदेश सुनाया( पहला फोटो: सपा/ट्विटर, दूसरा: आजतक)
अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान के बेटे हैं. बीते हफ्ते ही वह जेल से बाहर आए हैं. बुधवार 19 जनवरी को अब्दुल्ला आजम ने रामपुर के सपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान वे अपने पिता आजम खान के साथ जेल में गुजारे 23 महीने का जिक्र करते हुए रोने लगे. बीते साल आजम खान सीतापुर जेल में ही कोरोना पॉजिटिव हुए थे, जिसके बाद उनकी तबियत काफी बिगड़ गई थी, उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल के ICU में भर्ती करवाया गया था. अब्दुल्ला आजम ने पिता की हालत बताते हुए कहा,
"हम दोनों अलग-अलग कमरों में थे वो आईसीयू में थे, पिता की तबियत अचानक बिगड़ी...तो मुझसे डॉक्टर ने खुद कहा जो हमसे बन पा रहा है हम वो कर रहे हैं, बाकी ऊपरवाला मालिक है और जब उनको वहां से ले जाने लगे तो वे बेहोशी की हालत में थे. जाते वक्त 2 मिनट को आंख खुली और मुझसे बात की...मैंने दुआ की कि अल्लाह जेल तो मैं काट ही रहा हूं, मुझे कोई शिकायत नहीं है, बस तू मेरे वालिद को बचा ले...बहुत बुरा दौर देखा है, बहुत-सी रातें ऐसी आईं जब लगा कि आने वाला सवेरा अब देखने को नहीं मिलेगा और जेल में ही मार दिए जाएंगे."
आजम खान का संदेश सुनाया अब्दुल्ला आजम ने आगे कहा कि इस चुनाव में जिम्मेदारी बहुत बड़ी है, मुकाबला बहुत बड़ी ताकत से है और वह ताकत सियासत की भी होगी और दौलत की भी होगी, ज्यादती की भी होगी और नाइंसाफी की भी होगी. उन्होंने आगे कहा,
"आजम खान साहब ने मुझे यह पैगाम देकर भेजा था, जब तमाम लोग पूरे जिले के आएं, तो उन्हें सबसे पहले यह समझाएं कि मुखालिफ यानी विरोधी उनकी ताकत के सामने बहुत बड़ा है, उस ताकत का मुकाबला धैर्य के साथ करना होगा. आप सभी जानते हैं, यह वह जिला है, जहां एक रात ये नारा लगा था 'वजीरे आजम बनाम आजम', और इस नारे के बाद भी हम ही जीते थे."
'इस बार इंकलाब आएगा' अब्दुल्ला आजम ने रामपुर के अपने समर्थकों से कहा कि इस बार उनकी लड़ाई किसी पार्टी से नहीं है, बल्कि सीधे सरकार से है. उन्होंने कहा,
"आजम खान 8 बाई 8 की कोठरी में अकेले बंद हैं, वो मेरे और आपके फैसले का इंतजार कर रहे हैं. आपकी लड़ाई बहुत बड़ी है, ना आपकी लड़ाई बहुजन समाज पार्टी से है और ना ही कांग्रेस से है, आपकी लड़ाई सरकार से है, आपका चुनाव सरकार से है. इस बार ये सरकार चुनाव में आपको ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी, कुछ लोग जीतने के लिए नहीं, आपको हराने के लिए ही चुनाव लड़ रहे हैं...लेकिन, जब बेगुनाह लोगों पर भैंस चोरी, बकरी चोरी, पायल चोरी, मिट्टी चोरी, किताब चोरी, शराब की बोतल चोरी और 16 हजार 600 रुपये की चोरी के मुकदमे लिखाए जाएंगे तो जाहिर है कि इंकलाब आएगा."
रामुपर की दो सीटों के बारे में क्या कहा? समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों से ऐसी खबरें मिली हैं कि सीतापुर जेल में बंद आजम खान रामपुर की शहर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला आजम रामपुर जिले की ही स्वार सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे. बुधवार 19 जनवरी को अब्दुल्ला आजम इन दो सीटों के बारे में भी बोले, उन्होंने कहा,
"लगता है पिछली बार स्वार (विधानसभा सीट) में ठीक से इनकी (BJP की) फिल्म पिट नहीं पाई थी, पिछली बार ही स्वार में अगर इनकी फिल्म ठीक से फ्लॉप हो गई होती...वैसे तो बहुत ही शानदार फ्लॉप हुई थी, लेकिन अभी कुछ कसर बाकी है और इस बार दोनों सीटों पर इनकी फिल्म एक साथ पिटेगी..पिछली बार वही दो (सीटें) थीं, इस बार दोनों की बलि तैयार है."