चुनाव का बिगुल बजा तो जमघट भी वापस आ गया. लल्लनटॉप का वो सियासी मंच जहां एडिटर सौरभ द्विवेदी सत्ता के दावेदारों से सवाल पूछते हैं. हिमाचल के बाद अब ये मंच लगा है गुजरात (Gujarat) में. गुजरात के कई बड़े नेताओं से जमघट के तहत बातचीत हुई. इनमें से एक हैं शंकर सिंह वाघेला (Shankersinh Vaghela). गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रजा शक्ति डेमोक्रेटिक पार्टी के मुखिया. सौरभ द्विवेदी ने उनसे लंबी बातचीत की. वर्तमान चुनाव से लेकर उनके पांच दशक लंबे राजनीतिक इतिहास से जुड़े भी कई सवाल पूछे.
मोरारजी देसाई ने जब गिलास बढ़ाया तो शंकर सिंह वाघेला क्या समझकर डर गए?
शंकर सिंह वाघेला ने लल्लनटॉप को सुनाई पूर्व PM मोरारजी देसाई से हुई मुलाकात की कहानी

इस दौरान शंकर सिंह वाघेला से एक सवाल ये भी पूछा गया कि क्या उनकी पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से कभी मुलाकात हुई थी? और अगर हुई तो वो कैसी रही थी?
कांग्रेस के पूर्व नेता शंकर सिंह वाघेला इस सवाल को सुनते ही जोर से हंसे. फिर सवाल का जवाब देते हुए बोले,
'देखिए मैं मोरारजी भाई से मुलाकात का किस्सा आपको सुनाता हूं. दिवाली के आसपास का समय था, मैं परिवार के साथ उनसे मिलने दिल्ली गया था. पीएम बंगले में पहुंचा तो उनसे मिलते ही मैंने उन्हें चरण स्पर्श किया. फिर मेरे बीवी बच्चे वहां मौजूद लोगों से बातचीत करने लगे. मोरारजी भाई मुझे अंदर एक कमरे में लेकर गए. वो गाय का दूध पीते थे, जो पीला होता है. उन्होंने गाय का दूध मुझे अपने गिलास में से पीने के लिए दिया. सबको पता था कि मोरारजी भाई अपना यूरिन (पेशाब) पीते थे. इसलिए मुझे दूध का पीलापन देखकर डर लगने लगा. मुझे लगा कि ये कहीं इन्होंने मुझे पेशाब तो नहीं दे दिया. वो आराम से पी रहे थे, तो मुझे लगा कि ये पेशाब तो नहीं होगा, वरना वो फटाक से पी जाते. ये बात सोचकर मैंने वो गाय का दूध पी लिया.'
शंकर सिंह वाघेला ने आगे बताया कि उन्हें वो दूध पीते समय ये भी लगा कि अगर पेशाब होती तो मोरारजी कम से कम उनके सामने तो नहीं ही पीते.
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