राजस्थान (Rajasthan Election) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाती नज़र आ रही है. ये खबर लिखे जाने तक राजस्थान में BJP 115 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. इनमें से 66 सीटें उसने जीत ली है और 49 पर आगे चल रही है. वहीं कांग्रेस 69 सीटें जीतती दिख रही है. 23 सीटों पर उसके प्रत्याशियों के जीतने की घोषणा हो चुकी है. 46 पर काउंटिंग जारी है.
राजस्थान का अगला CM कौन? और भी उम्मीदवार हैं वसुंधरा राजे के सिवा
राजस्थान में BJP ने बिना किसी CM फेस के चुनाव लड़ा है. दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे सिंधिया को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बताने से BJP ने परहेज किया. ऐसे में जानिए वसुंधरा नहीं, तो और कौन हैं BJP में CM पद के दावेदार.

इन सबके बीच सवाल ये कि अगर BJP चुनाव जीतती है, तो राजस्थान का मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा. ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि ये चुनाव BJP ने बिना CM उम्मीदवार की घोषणा के लड़ा है. साथ ही, कई सांसदों को भी चुनावी मैदान में उतारा.
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इस सवाल से एक और सवाल बनता है. क्या BJP दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) को अब मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं मानती है? ये सवाल इसलिए भी क्योंकि राजस्थान के CM दावेदारों में वसुंधरा राजे से इतर और भी कई नामों की चर्चा है. उनमें एक नाम ओम बिड़ला (Om Birla) का भी है.
राजस्थान CM के दावेदारों में ओम बिड़ला
लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे ओम बिड़ला भी राजस्थान के मुख्यमंत्री की रेस में हैं. कहा जा रहा है कि दिल्ली में वे अपनी दावेदारी मजबूती से पेश कर रहे हैं. राजस्थान में दैनिक भास्कर के स्टेट एडिटर मुकेश माथुर कहते हैं,
"ओम बिड़ला का नाम अचानक नहीं आया है. अंदरखाने में काफी समय से उनका नाम चल रहा है. मई में उनका कार्यकाल भी खत्म हो रहा है."
कोटा निर्वाचन क्षेत्र से दो बार के सांसद ओम बिड़ला इससे पहले तीन बार विधायक भी रह चुके हैं. उन्होंने 2003 में कोटा दक्षिण सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था. उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता शांति धारीवाल को चुनाव हराया था. इसके बाद उन्होंने 2008 और 2013 में भी इसी सीट से जीत हासिल की थी. 2014 में उन्हें लोकसभा चुनाव में कोटा से उम्मीदवार बनाया गया और उन्होंने कांग्रेस से यह सीट छीनी. 2019 में भी वे इसी सीट से सांसद चुने गए. सभी राजनीतिक पंडितों की भविष्यवाणियों को झुठलाते हुए तब ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करवाया गया था. ओम बिड़ला नरेंद्र मोदी और अमित शाह के विश्वास पात्रों में गिने जाते हैं.
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क्या वसुंधरा राजे नहीं हैं CM पद की दावेदार?
इस बार के चुनाव में वसुंधरा राजे सिंधिया ने फिर से झालरापाटन सीट से चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज कर ली है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के रामलाल को 53193 वोटों से हरा दिया है. वसुंधरा राजे 2003 से लगातार झालरापाटन से विधायक हैं.
वसुंधरा राजे सिंधिया, राजस्थान में BJP का काफी लोकप्रिय चेहरा रही हैं. उनकी अगुआई में BJP ने राज्य में दो बार जीत भी हासिल की है. वसुंधरा राजे 2003 और 2013 में राजस्थान की मुख्यमंत्री रही हैं. लेकिन पार्टी ने इस बार उनका चेहरा आगे करने से परहेज किया.
फिर भी राजे ने खुद को फ्रंट सीट पर दिखाने की पूरी कोशिश की है. चुनाव नतीजों से पहले भी उन्होंने कई मंदिरों का दौरा किया. इनमें दौसा का मेहंदीपुर बालाजी मंदिर और जयपुर का मोती डूंगरी मंदिर भी शामिल है. मतगणना के ठीक पहले वाली रात तक उन्होंने मीटिंग की. लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि पिछले कुछ साल से राजस्थान BJP में वसुंधरा राणे के वर्चस्व को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है. पार्टी के अंदर ही उनके कई प्रतिद्वंद्वी राज्य में पार्टी के चेहरे के तौर पर उभरने की कोशिश कर रहे हैं.
ऐसे में ये सवाल है कि राजस्थान में CM का ताज वसुंधरा राजे के ही सिर सजेगा या पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव लगाएगी? ओम बिड़ला के अलावा कुछ और नाम हैं, जिनकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में BJP के CM दावेदारों के तौर पर चल रही है.
राजस्थान के ‘योगी’ बालकनाथ
राजस्थान के CM पद के दावेदारों में बालकनाथ के नाम की भी काफी चर्चा है. तिजारा विधानसभा सीट से BJP के उम्मीदवार बालकनाथ सांसद हैं. बालकनाथ अशोक गहलोत के बाद CM पद के लिए दूसरा सबसे लोकप्रिय चेहरा बनकर उभरे हैं.
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में बालकनाथ को 10 फीसदी लोगों ने CM पद के लिए अपनी पहली पसंद बताया था. इस एग्जिट पोल के मुताबिक CM पद के लिए बालकनाथ BJP की ओर से सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं.
राजस्थान के अलवर से सांसद बालकनाथ उसी नाथ संप्रदाय से हैं, जिससे यूपी के CM योगी आदित्यनाथ आते हैं. वह हिंदू धर्म के नाथ संप्रदाय के 8वें महंत भी हैं. वह बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी (BMU) के चांसलर हैं. उन्हें राजस्थान का ‘योगी’ भी कहा जाता है.
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जयपुर राजघराने की दीया कुमारी
जयपुर राजघराने की दीया कुमारी को भी वसुंधरा राजे सिंधिया के विकल्प की तरह देखा जा रहा है. दीया कुमारी राजसमंद से सांसद हैं और BJP ने इस बार उन्हें भी विधानसभा चुनाव लड़वाया है. दीया कुमारी को पार्टी ने जयपुर जिले की विद्याधर नगर सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट को BJP का गढ़ माना जाता है.
दीया कुमारी ने इस सीट पर जीत हासिल कर ली है. उन्हें कुल 1 लाख 58 हजार 516 वोट मिले हैं. वो अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल से 71 हजार 368 वोटों से जीती हैं.
दीया कुमारी का राजनीतिक सफर शानदार रहा है. वो साल 2013 में BJP में शामिल हुई थीं. उसी साल सवाई माधोपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बनीं. इसके बाद 2019 में राजसमंद सीट से लोकसभा का चुनाव लड़कर सांसद बनीं. दीया कुमारी राजस्थान BJP में महिला मोर्चे की प्रदेश प्रभारी भी हैं.
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