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चुनाव से पहले इलेक्शन कमीशन का ये फैसला केसीआर का नुकसान करा देगा!

तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव हैं. अब इन विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग ने एक आदेश जारी किया है. फैसला तेलंगाना के किसानों से जुड़ा है.

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तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव. (फोटो-एक्स)

तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव हैं. और मतदान से ठीक पहले चुनाव आयोग ने एक आदेश जारी किया है. ये फैसला तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और उनकी पार्टी के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है. चुनाव आदेश में तेलंगाना सरकार की रायथु बंधु योजना की किश्त रोकने का दिया है. 

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क्या है रायथु बंधु योजना?

तेलंगाना सरकार ने 2018 में रायथु बंधु योजना की शुरुआत की. इसे किसान निवेश सहायता योजना (FISS) के नाम से भी जाना जाता है. रायथु बंधु योजना के तहत लाभार्थियों यानी किसानों को हर मौसम से पहले प्रति एकड़ 4000 रुपए की सहायता राशि मिलती है. योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को बीज, फर्टिलाइजर, कीटनाशकों और खेती की तैयारी पर आने वाले खर्चों में मदद मिलती है. तेलंगाना सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राज्य के 31 जिलों में 1.42 करोड़ एकड़ कृषि भूमि को शामिल किया गया है और कृषि भूमि का मालिक प्रत्येक किसान इस योजना का लाभ ले सकता है. तेलंगाना सरकार के मुताबिक योजना के 92% लाभार्थियों के पास 5 एकड़ से कम, 5% लाभार्थियों के पास 5-10 एकड़ और बचे हुए 3% लोगों के पास 10 एकड़ से ज्यादा जमीन है.

किश्त जारी करने पर रोक

चुनाव आयोग ने सीएम केसीआर की पार्टी बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) को कुछ शर्तों पर चुनाव आदर्श आचार संहिता के दौरान भी रायथु बंधु योजना की किश्त जारी करने की इजाजत दी थी. चुनाव आयोग ने कहा था कि चुनाव प्रचार के दौरान इस योजना का जिक्र नहीं किया जा सकता. ये आचार संहिता का उल्लंघन होगा. इसके बावजूद तेलंगाना के वित्त मंत्री टी हरीश राव के बयान के बाद किश्त रोकने का फैसला लिया है. वित्त मंत्री ने योजना की किश्त के बारे में सार्वजनिक घोषणा करते हुए कह दिया था कि 27 नवंबर को किश्त जारी कर दी जाएगी. किसानों का चाय-नाश्ता खत्म होने से पहले उनके खाते में पैसे पहुंच जाएंगे. चुनाव आयोग ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए रायथु बंधु योजना की किश्त को रोकने का आदेश दिया है.

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