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चुनाव के टाइम 50 हजार से ज्यादा का कैश हो रहा जब्त, वापस कैसे मिलेगा?

Election Commission ने अभी तक पूरे देश से कुल 4,650 करोड़ रुपये का सामान और कैश जब्त किया है. ये आंकड़ा तब का है, जब लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए मतदान भी नहीं हुआ है.

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चुनाव आयोग ने अभी तक पूरे देश से कुल 4,650 करोड़ रुपये का सामान और कैश जब्त किया है. (सांकेतिक तस्वीर)

उत्तर प्रदेश के नोएडा में 15 अप्रैल को दो व्यक्तियों से 3 लाख रुपये जब्त किए गए. यह कार्रवाई लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता के तहत हुई. व्यक्तियों की पहचान हारून राशिद और शमीम अहमद के तौर पर हुई. पुलिस ने बताया कि दोनों दिल्ली के रहने वाले हैं.

इस बीच खबर आई कि चुनाव आयोग ने अभी तक पूरे देश से कुल 4,650 करोड़ रुपये का सामान और कैश जब्त किया है. ये आंकड़ा तब का है, जब लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए मतदान भी नहीं हुआ है. साथ ही साथ यह आंकड़ा 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुई कुल जब्ती से भी अधिक है.

इस बीच सवाल उठ रहा है कि आखिर चुनाव के दौरान एक आम आदमी कितना नकद लेकर चल सकता है? चुनाव आयोग की तरफ से इस संबंध में घोषणा की जा चुकी है. घोषणा के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति 50 हजार रुपये से ज्यादा का कैश लेकर चल रहा है, तो उसे जब्त किया कर लिया जाएगा. वहीं उसके पास जूलरी या दूसरा कोई बहुमूल्य सामान 10 हजार रुपये से ज्यादा की कीमत का है, तो उसे भी जब्त कर लिया जाएगा.

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यह जब्ती तब नहीं होगी, जब व्यक्ति के पास नकद या बहुमूल्य सामान के दस्तावेजी सबूत होंगे. मसलन, व्यक्ति को पैसे का सोर्स बताना होगा. साथ ही साथ ये भी बताना होगा कि इस पैसे का उपयोग कहां होने जा रहा है. यह साबित करना होगा कि पैसों का संबंध चुनावों से बिल्कुल भी नहीं है.

इसके अलावा EC ने यह निर्देश दिए हुए हैं कि अगर 10 लाख रुपये से ज्यादा का कैश या एक किलो से ज्यादा का बुलियन बरामद होता है तो तुरंत इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को दी जाएगी. इसके बाद इनकम टैक्स विभाग को आयकर नियमों के मुताबिक, जरूरी वेरिफिकेशन करना होगा और अगर विभाग को इस संबंध में संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता है तो उसे जरूरी कदम उठाने होंगे. विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि कैश का संबंध किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार से नहीं है.

कैश जब्त होने के बाद क्या होता है?

कैश या दूसरा कोई सामान जब्त होने के बाद अधिकारियों को उन्हें वापस करना होगा, अगर उस कैश का संबंध किसी उम्मीदवार या किसी अपराध से नहीं है. चुनाव आयोग के मुताबिक,

"जब्ती के बाद, कोर्ट के निर्देशों के तहत जब्त किए गए नकद की एक कॉपी इनकम टैक्स विभाग को भेजी जाएगी."

इसके बाद एक जिला स्तर की कमेटी इस मामले को देखेगी. इस कमेटी में जिले के नोडल ऑफिसर और ट्रेजरी ऑफिसर शामिल होंगे. यह देखा जाएगा कि नकद का संबंध किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार से तो नहीं है. अगर सब कुछ सही है तो कमेटी जल्द से जल्द इन पैसों को वापस लौटाने के लिए कदम उठाएगी.

इसके अलावा, जब्त किए गए कैश का संबंध अगर चुनाव से निकल आता है तो उन पैसों को जिले की ट्रेजरी में जमा कर दिया जाता है.

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