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Bihar Chunav: कांग्रेस-RJD के बीच सीट शेयरिंग पर फंसा पेंच, राहुल-खरगे से मिले बिना ही बिहार लौटे तेजस्वी, कहा- 'देखेंगे'

Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर खींचतान अभी भी जारी है. सूत्रों के मुताबिक सोमवार को दिल्ली में Tejashwi Yadav और Congress के नेताओं के बीच हुई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद तेजस्वी मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से बिना मिले ही दिल्ली से पटना लौट गए.

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कांग्रेस-राजद के बीच सीटों के बंटवारे पर पेंच अभी भी फंसा हुआ है. (Photo: File/ITG)

बिहार में महागठबंधन में शामिल Congress और RJD के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति नहीं बन पा रही है. सूत्रों के मुताबिक दोनों पार्टियों के बीच सीटों की संख्या पर तो बात लगभग बन गई है, लेकिन अब पेंच फंस गया है कि कौन किस सीट पर चुनाव लड़ेगा. सूत्रों के अनुसार इस पर तल्खी इतनी बढ़ गई कि तेजस्वी यादव सोमवार, 13 अक्टूबर को मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से बिना मिले ही दिल्ली से पटना लौट गए. 

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आजतक से जुड़ी मौसमी सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक तेजस्वी यादव ने सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए सोमवार को कांग्रेस के कई नेताओं के साथ बैठक की थी. हालांकि, बैठक का कोई खास नतीजा नहीं निकला. इसके बाद तेजस्वी, कांग्रेस आलाकमान से मिले बिना ही पटना लौट गए. सूत्रों के मुताबिक वह बैठक से कहकर गए कि मौजूदा हालात में गठबंधन आगे नहीं बढ़ सकता. इसके बाद कथित तौर पर कहा कि ‘देखेंगे और जवाब देंगे’. इतना कहकर वह बैठक से चले गए.

कहां फंसा है पेंच?

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कांग्रेस की डिमांड 61 सीटों की है. राजद यह देने को तैयार है, लेकिन कांग्रेस कुछ ऐसी सीटें मांग रहीहै, जिन्हें लालू परिवार छोड़ने को राजी नहीं है. इसी पर दोनों के बीच खींचतान बनी हुई है. सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को अपनी तरफ से फाइनल ऑफर दे दिया है. पर राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस के नेताओं को और कड़ा मोलभाव करने को कहा है. 

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कहा जा रहा है कि कांग्रेस और राजद के बीच कहलगांव, नरकटियागंज, वारिसलीगंज, चैनपुर और बछवाड़ा विधानसभा सीट पर पेंच फंसा हुआ है. कहलगांव सीट को कांग्रेस अपन मजबूत गढ़ मान रही है. इस पर 2015 तक नौ बार कांग्रेस का कब्जा रहा है. वहीं नरकटियागंज में मुस्लिम आबादी अधिक है. यहां के सामाजिक समीकरणों की वजह से कांग्रेस इस सीट रप लड़ना चाहती है. वारिसलीगंज सीट पर भी कांग्रेस को पिछले चुनाव में मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. चैनपुर और बछवाड़ा को छोड़कर बाकी सीटों पर सहमति नहीं बन सकी है.

इससे पहले खबर आई थी कि कांग्रेस और राजद के बीच सीट बंटवारे पर बात लगभग फाइनल हो चुकी है. केवल 2 या 3 सीटें ही बचीं हैं, जिन पर अभी सहमति नहीं बन पाई है. कांग्रेस के सूत्रों ने यह भी बताया था कि पार्टी लगभग 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा मंगलवार, 14 अक्टूबर को होने की संभावना भी जताई गई है. 

15 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे तेजस्वी

इधर, तेजस्वी यादव 15 अक्टूबर को राघोपुर सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे. पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. समर्थकों ने सोशल मीडिया पर इसके पोस्टर जारी किए हैं और लोगों से नामांकन समारोह में शामिल होने की अपील की है. पार्टी इस मौके को अपने चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत के रूप में देख रही है.

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बता दें कि तेजस्वी तीसरी बार राघोपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले वह 2015 और 2020 में इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. यह सीट लालू परिवार का पारंपरिक गढ़ मानी जाती है. खुद लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी दो-दो बार यहां से चुनाव लड़ चुके हैं.

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