महागठबंन की ओर से 23 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में औपचारिक तौर पर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को सीएम फेस घोषित किया गया. और साथ में विकासशील इंसान पार्टी के चीफ मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) का नाम डिप्टी सीएम के लिए आगे आया. इसके बाद से ही सवाल उठने लगे कि गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने दलित वर्ग या फिर पार्टी के कोर वोटर माने जाने वाले मुस्लिम समुदाय से डिप्टी सीएम के लिए कोई चेहरा क्यों आगे नहीं किया गया. लल्लनटॉप के खास प्रोग्राम 'जमघट' में कृष्णा अल्लावरू ने इन सवालों का जवाब दिया है.
तेजस्वी को सीएम फेस बनाने में देरी क्यों हुई? कांग्रेस प्रभारी ने लल्लनटॉप को बताई वजह
बिहार कांग्रेस प्रभारी Krishna Allavaru ने Tejashwi Yadav को सीएम फेस घोषित किए जाने के पीछे की कहानी बताई है. साथ ही उन्होंने बताया कि महागठबंधन की ओर से बहुमत मिलने पर मुकेश सहनी के अलावा दूसरे जाति/समुदायों से भी Deputy CM बनाए जाएंगे.
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लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी ने कृष्णा अल्लावरू से सवाल किया, एक बहस सोशल मीडिया पर घूम रहा है कि मुस्लिम समाज की बिहार की आबादी में 17 फीसदी हिस्सेदारी है. स्टेज से तेजस्वी यादव को सीएम और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस घोषित किया गया. लेकिन गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है कांग्रेस उनकी तरफ से कोई कैंडिडेट घोषित नहीं किया गया. इसके पीछे क्या वजह है?
अल्लावरू ने जवाब दिया,
अगर आपने डिप्टी सीएम की घोषणा सुनी है तो उसमें कहा गया है कि और भी डिप्टी सीएम होंगे. ये निश्चित है कि कांग्रेस से भी डिप्टी सीएम होंगे. कौन होंगे, कहां से होंगे ये हम चुनाव के बाद तय करेंगे.ये तय है कि कांग्रेस से होंगे और जो मेजर कम्यूनिटीज हैं उनको प्रतिनिधित्व देना महागठबंधन का प्रिंसिपल है.
सौरभ ने पूछा मेजर कम्युनिटीज से आपका क्या मतलब है? अल्लावरू का जवाब आया, दोनों धर्म और जाति.
सौरभ ने आगे पूछा, आप कह रहे हैं कि एक मुस्लिम समाज से होगा? जवाब मिला, हां होगा.
एक और डिप्टी सीएम किस जाति/समुदाय से होगा इसके जवाब में बिहार कांग्रेस प्रभारी ने कहा,
हमने नंबर लिमिटेड नहीं किया कि दो ही होंगे या चार होंगे.
तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित करने की टाइमिंग को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इलेक्शन घोषित होने के इतने दिन बाद तेजस्वी को सीएम फेस घोषित करने के सवाल पर कृष्णा अल्लावरू ने बताया,
एक्चुअली सीएम डिक्लरेशन हमारा बहुत प्लांड तरीके से हुआ. हमारे गठबंधन की पहली मीटिंग मिड अप्रैल में हुई. उसमें स्टैंड ये था कि जब सीट शेयरिंग और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बाय एंड लार्ज फाइनल हो जाएंगे. उसके बाद औपचारिक तौर पर सीएम फेस डिक्लेयर करेंगे. औपचारिक अनौपचारिक तौर पर उस मीटिंग में भी तय था कि सीएम फेस कौन होगा. फॉर्मल एनाउंसमेंट का डिसीजन तीन हफ्ते पहले हुआ था. और एक्चुअल डेट ऑफ अनाउंसमेंट दीवाली से पहले हमने फाइनल कर लिया था.
जब महागठबंधन के घटक दलों खासकर राजद से बातचीत करके सीट बंटवारा फाइनल करने की नौबत आई तो इसमें अल्लावरू सही तरीके से सामंजस्य बैठाने में असफल रहे. स्थिति ऐसी बन गई कि लगने लगा कि गठबंधन ही टूट जाएगा. कई सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति आ गई. इसके बाद अशोक गहलोत को क्राइसिस मैनेजमेंट के लिए बुलाया गया. और उन्होंने लालू यादव के साथ मिल कर चीजों को मैनेज किया. गठबंधन के सहयोगियों के साथ समन्वय के सवाल पर कृष्णा अल्लावरू ने कहा,
जहां तक गठबंधन सहयोगियों के साथ डायनेमिक्स की बात है तो जब काम होता है तो हम मिलते हैं. और उसमें कोई तनाव वाली बात नहीं है. जब सीट शेयरिंग की बात होती है तो कई बार आप बहस में होते हैं. और कभी कभी असहमति भी होती है. वो कोई बड़ी बात नहीं है. ये अलायंस डायनेमिक्स का पार्ट है. लेकिन ऐसा नहीं है कि कभी भी रिश्ता खराब हुआ या आज भी खराब है. कभी कभी मीडिया हाइप बना देती है.
कृष्णा अल्लावरू ने बताया कि सीएम अनाउंस करने का फैसला हड़बड़ी में नहीं हुआ है. ये बहुत बड़ी गलतफहमी है. बता दें कि कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 23 अक्टूबर को कृष्णा अल्लावरू को यूथ कांग्रेस के प्रभारी पद से हटा दिया है. उनकी जगह मनीष शर्मा को ये जिम्मेदारी दी गई है.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: तेजस्वी यादव बने महागठबंधन के CM उम्मीदवार, कांग्रेस पहले राजी क्यों नहीं थी?















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