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'दे दो केवल 15 ग्राम', जीतन राम मांझी से NDA में कुछ इस अंदाज में डिमांड रखी है

Jitan Ram Manjhi ने कहा कि वो हर वक्त NDA के साथ नजर आते हैं. ऐसे में बीजेपी और जदयू का दायित्व बनता है कि उनका अपमान न हो. लगे हाथ उन्होंने बिना नाम लिए Chirag Paswan को निशाने पर भी लिया.

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जीतन राम मांझी ने दिनकर जी की कविता के जरिए अपनी हसरत जाहिर की है. (इंडिया टुडे)

बिहार में चुनावी महाभारत (Bihar assembly election) छिड़ चुका है. गठबंधन के साथी साथ होकर भी अलग-अलग सुर अलाप रहे हैं. एनडीए और इंडिया, दोनों खेमे असंतुष्टों से हलकान हैं. एनडीए में चिराग पासवान (Chirag Paswan) के बाद अब जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) भी अपने गठबंधन पर ही हवाई तीर चलाने लगे हैं. 

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जीतन राम मांझी ने अपनी हसरत बयां करने के लिए दिनकर जी से शब्द उधार लिए हैं. और उसमें अपनी तुकबंदी भी जोड़ दी है.

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जीतन राम मांझी के इस ट्वीट ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. 

 उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 

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हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, HAM वही ख़ुशी से खाएंगे, परिजन पे असी ना उठाएंगे.

जीतन राम मांझी के इस काव्यात्मक अंदाज का मजमून है कि उनकी हसरत 15 सीटों पर लड़ने की है. जहां मैसेज पहुंचाना था, पहुंचा दिया. अब कयास ये लगाए जाने लगे हैं कि मांझी भी चिराग के रास्ते चलना चाहते हैं. यानी प्रेशर टैक्टिस. लेकिन पोस्ट करने के महज चंद घंटे बाद मीडिया के सामने प्रकट हुए जीतन राम मांझी ने साफ किया कि उनको अगर एक भी सीट नहीं मिले, फिर भी एनडीए के साथ रहेंगे. 

सियासत के माहिर खिलाड़ी रहे जीतन राम मांझी मैसेज देने के बाद डैमेज कंट्रोल में जुट गए. दुष्यंत कुमार का एक शेर है, तुम्हीं से प्यार जताएँ तुम्हीं को खा जाएँ, अदीब यों तो सियासी हैं कमीन नहीं. यानी मांझी एनडीए में दबाव की राजनीति के जरिए ज्यादा से ज्यादा सीट तो हासिल करना चाहते हैं. लेकिन बने एनडीए के साथ ही रहना चाहते हैं. सीनियर पत्रकार मनोज मुकुल बताते हैं,

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 जीतन राम मांझी एनडीए के घटक दलों में सबसे बड़े लाभार्थी है. पार्टी के अकेले सांसद हैं. फिर भी केंद्र में कैबिनेट मंत्री हैं. बेटे संतोष सुमन एमएलसी के साथ-साथ बिहार सरकार में मंत्री हैं. दूसरी तरफ राजद से उनकी तकरार इतनी तीखी है कि उधर वापसी की संभावना भी कम ही है. फिर केंद्र और राज्य में मंत्री पद भी गंवाना पड़ सकता है.

हर वक्त साथ खड़े होने का दिया वास्ता

जीतन राम मांझी ने 15 सीटों की मांग के बाद कहा कि वो हर वक्त एनडीए के साथ नजर आते हैं. ऐसे में बीजेपी और जदयू का दायित्व बनता है कि उनका अपमान न हो. लगे हाथ उन्होंने बिना नाम लिए चिराग पासवान को निशाने पर भी लिया. कहा जिसके पास एक या दो विधायक है, वह अपने को बड़ा समझता है और क्या-क्या मांग लेता है. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 

पिछली बार हमको 7 सीटें मिली थीं. और हम चार सीट जीत के आए थे. हमारा स्ट्राइक रेट 60 प्रतिशत था. इसलिए हम 15 सीटों की मांग कर रहे हैं.

5 अक्टूबर को बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने जीतन राम मांझी से मुलाकात की थी, तब मांझी ने कहा था कि सीट बंटवारे पर चर्चा हुई और जल्दी ही इसका फैसला हो जाएगा. लेकिन अब उन्होंने 15 सीटों की मांग रख दी है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 7 सीट ऑफर की है. अब आगे देखना है कि एनडीए के लिए जीने मरने की कसम खाने वाले जीतन राम मांझी 7 सीट पर मान जाएंगे. या फिर अपने कोटे में कुछ और सीट जोड़ पाएंगे. 

वीडियो: जमघट: जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार और लालू यादव के बारे में कौन सा किस्सा सुनाया?

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