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Drishti IAS वाले विकास दिव्यकीर्ति ने पहली ही बार में IAS निकाला, फिर कोचिंग क्यों पढ़ाने लगे?

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने कैसे शुरू की थी दृष्टि कोचिंग?

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डॉ विकास दिव्यकीर्ति | फोटो: दी लल्लनटॉप

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति. दृष्टि IAS के संस्थापक (Dr Vikas Divyakirti Drishti IAS) और UPSC सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC CSE) की तैयारी करने वालों के लिए जाना-पहचाना नाम. UPSC से अगर आपका कोई वास्ता नहीं भी है तो भी सोशल मीडिया पर आपने डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के वीडियो जरूर देखे होंगे. डॉ. विकास दिव्यकीर्ति कुछ समय पहले लल्लनटॉप के न्यूजरूम में बतौर मेहमान आए. यहां उनसे काफी लंबी बातचीत हुई. इस बातचीत में उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई से लेकर दृष्टि कोचिंग शुरू करने तक की कहानी बताई. इस बातचीत का कुछ हिस्सा आप सवाल-जवाब के फॉर्मेट में यहां पढ़ सकते हैं.   

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पढ़ाना कब से शुरू किया?

मैंने लगभग साढ़े 24 साल की उम्र में की थी. सिविल सर्विसेज के लिये पढ़ाना शुरू किया था. कुछ फाइनेंशियल दिक्कतें थी जिनकी कारण पढ़ाना शुरू किया था. UPSC में सेलेक्शन हो चुका था, जॉइनिंग में समय था इसलिये पढ़ाना शुरू किया. ये सोच कर कि उधार चुका दूंगा. 

शुरुआत ऐसे हुई कि 1998 में मेरे एक स्टूडेंट ने जिद की थी की उसे हिंदी साहित्य मुझसे ही पढ़ना है. उसी स्टूडेंट ने बाद में कोचिंग के पोस्टर लगाये, तब मैंने 12 बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था. उस वक्त पहली बार पढ़ाया था और ये सिलसिला अब तक चल रहा है.

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माता-पिता क्या करते थे?

मेरे पिता हरियाणा के रोहतक स्थित महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अफीलिएटेड कॉलेज में पढ़ाते थे. उस समय वहां लेक्चरर, रीडर जैसे पद होते थे, जिन्हें आजकल असिसटेंट प्रोफेसर या असोसिएट प्रोफेसर कहते हैं, पिताजी उसी पर थे. माताजी, भिवानी के एक स्कूल में टीचर थी, पीजीटी रैंक पर. मैं और मेरे दोनो भाई उसी स्कूल से पढ़े हैं.

DU में क्यों दाखिला लिया और IAS की तैयारी कैसे शुरू की?

12वीं के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी आने का मुख्य मकसद था पॉलिटिक्स. मेरे पिताजी चाहते थे कि मैं पॉलिटिक्स में जाऊं. स्टूडेंट लाइफ से ही पॉलिटिक्स में एक्टिव रहता था. स्कूल में समर्थ बाल संसद के इलेक्शन में हमेशा जीतता था. इलेक्शन स्पीच होती थी, जहां मै बोलता था. 

दिल्ली आना गलती थी या टर्निंग प्वाइंट ये पता नही, पर मैंने जाकिर हुसैन कॉलेज में Bcom(H) में एडमिशन ले लिया. मेरे एक दोस्त ने जाकिर हुसैन में एडमिशन लिया था तो मैने भी वही एडमिशन ले लिया, आखिर दोस्ती भी तो निभानी थी. जाकिर हुसैन कॉलेज में उस वक्त पॉलिटिक्स का चलन नही था. लेकिन वहां मैं तीन साल में काफी पॉपुलर हो चुका था. साढ़े 16 की उम्र में सड़क पर आंदोलनों में काफी एक्टिव रहा, पुलिस की पिटाई तक झेली. 

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मेरे आस-पास के लोग IAS की तैयारी की बात करते थे तो मैने भी सोचा की IAS की तैयारी कर लेते हैं. पर IAS क्या होता है मुझे पता नहीं था, लेकिन सबने कहा कि IAS के लिये हिस्ट्री सबजेक्ट अच्छा रहता है. तो मैंने Bcom(H)से History(H)में चेंज कर लिया और फिर IAS की तैयारी शुरू की.

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का पूरा इंटरव्यू देखने के लिए यहां क्लिक करें. 

वीडियो: 'ओझा तो बोझा' UPSC छात्रों की कविता, चुप्पी और विकास दिव्यकीर्ति पर क्या बोले अवध ओझा?

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