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IITs को पीछे छोड़ा, QS रैंकिंग में IISC एक बार फिर बना देश का टॉपर

IISC का QS रैंकिंग में एक असाधारण वर्ष रहा है. साईटेशन्स पर फेकल्टी के पैरामीटर पर IISC वर्ल्ड लीडर है और पिछले सालों से टॉप पर मौजूद है. IISc ने छह में से चार पैरामीटर्स में अपना स्कोर सही किया है.

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Indian Institute of Science(सोर्स-ट्विटर)

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग. ये क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) द्वारा जारी की जाने वाली वार्षिक यूनिवर्सिटी रैंकिंग है. QS यूनिवर्सिटी रैंकिंग दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग जारी करती है. साल 2023 के संस्करण में भारत से IISC यानी इंडियन इंस्टिट्यूट साइंस ने टॉप स्थान हासिल किया है. इस रैंकिंग में भारत के कई और संस्थान शामिल हुए हैं. जानते हैं सबके बारे में और ये भी जानेंगे किसकी कितनी रैंकिंग है.

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IISC ने भारत का परचम लहराया

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ने भारत के दूसरे उच्च शिक्षण संस्थानों को QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में पीछे छोड़ दिया है. IISC ने QS रैंकिंग में पिछले साल के मुकाबले 31 स्थानों की छलांग लगाई है. QS रैंकिंग के पिछले एडिशन में IISC 186 रैंक पर था. साल 2023 के एडिशन में ये रैंक 155 है. माने IISC ने रैंकिंग में सुधार किया है.  

IISC ने देश के बड़े-बड़े IITs को भी इस रैंकिंग में पीछे छोड़ दिया है. वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) को इस रैंकिंग में 521 से 530 के बीच रखा गया है. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी(JNU) को 601 से 650 की रैंक के बीच जगह मिली है. और जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) को 801 से 1000 के बीच रखा गया है.

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QS Ranking में किन IIT को मिली जगह?

इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए जाने पहचाने देश के IITs ने भी QS यूनिवर्सिटी रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन किया है. IIT बॉम्बे ने पिछले साल की अपनी 177वीं रैंक में पांच स्थानों का सुधार करते हुए 172वीं रैंक हासिल की है. वहीं IIT दिल्ली ने अपनी पिछले साल की 185वीं रैंक में 11 स्थानों का सुधार किया है और अब 174वीं रैंक पर काबिज है. 

ये तीनों संस्थान भारत की तरफ से QS यूनिवर्सिटी रैंकिंग में टॉप 200 में आने वाले संस्थान हैं. इनके अलावा भारत की कोई और यूनिवर्सिटी टॉप 200 में नही है. यहां ये भी बता दें कि साल 2017 से लगातार टॉप 200 में भारत से सिर्फ यही तीन संस्थान ही QS यूनिवर्सिटी रैंकिंग में जगह बना पाए हैं.

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QS Ranking में कौन से पैरामीटर यूज होते हैं?

दुनिया के टॉप इंस्टीट्यूट्स की रैंकिंग जारी करने के लिए QS यूनिवर्सिटी रैंकिंग में कुछ पैरामीटर्स का यूज किया जाता है. QS रैंकिंग कुल छह पैरामीटरर्स के आधार पर रैंकिंग करती है. ये हैं-

#एकेडमिक रेप्यूटेशन: आसान शब्दों में कहें तो ये यूनिवर्सिटी में टीचिंग और रिसर्च क्वालिटी को परखता है.

#इम्प्लॉयर रेप्यूटेशन: ये इस बात का पता लगाने के लिए होता है कि एक यूनिवर्सिटी अपने छात्रों को कैसे इन्नोवेटिव बनाती है और उन्हें मार्केट के हिसाब से तैयार करती है.

#फैकल्टी-स्टुडेंट रेशियो: इससे इस बात की जानकारी मिलती हे कि स्टुडेंट्स को कितने अच्छे टीचर्स का एक्सेस है.

 #साईटेशन्स पर फैकल्टी: ये यूनिवर्सिटी के फैकल्टी द्वारा 5 साल में जारी किए गए कुल रिसर्च पेपर्स के बारे में बताता है.

#इंटरनेशनल फैकल्टी रेशियो: ये बताता है कि यूनिवर्सिटी में कितने इंटरनेशनल फैकल्टी मौजूद हैं .


#इंटरनेशनल स्टूडेंट रेशियो: ये यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के बारे में जानकारी देता है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक IISC की इस एचीवमेंट पर QS स्पोक्सपर्सन विलियम बारबेरी ने कहा,

IISC का QS रैंकिंग में एक असाधारण वर्ष रहा है. साईटेशन्स पर फेकल्टी के पैरामीटर पर IISC वर्ल्ड लीडर है और पिछले सालों से टॉप पर मौजूद है. IISc ने छह में से चार पैरामीटर्स में अपना स्कोर सही किया है. विषेश रूप से इंटरनेशनल फैकल्टी में IISC ने इंप्रूव किया है. हालांकि, एकेडमिक रेप्यूटेशन और इम्प्लॉयर रेप्यूटेशन में सुधारों के कारण भी IISC की रैंकिंग में सुधार हुआ है.

भारत के लिए एक अच्छी खबर ये है कि दुनिया की टॉप 1000 यूनिवर्सिटीज में देश की 27 यूनिवर्सिटीज शामिल हैं. इससे पहले ये संख्या 22 थी. माने इसमें भारत के 5 नए शिक्षण संस्थानों ने जगह बनाई है.

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