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खर्चा पानी: ‘पत्नी को कैंसर, मैं बीमार’ कोर्ट में रोए Jet Airways के Naresh Goel, क्या है पूरी कहानी?

गोयल ने 1992 में जेट एयरवेज कंपनी बनाई और अगले साल यानी 1993 में बतौर एयर टैक्सी आपरेटर सेवा शुरू की.

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1991 में भारत में आर्थिक उदारवाद का दौर शुरू हुआ. इसके बाद भारत में ढेरों बदलाव देखने को मिले. उदाहरण के लिए उदारीकरण के पहले तक देश में सिर्फ एक टीवी चैनल दूरदर्शन हुआ करता था. एक ही घरेलू एयरलाइन थी, नाम था एयर इंडिया. उस समय देश के पीएम थे पीवी नरसिम्हा राव. और वित्तमंत्री मनमोहन सिंह. वही मनमोहन सिंह जो आगे चलकर दो बार देश के प्रधानमंत्री बने.

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मनमोहन सिंह ने जुलाई 1991 में उदारवादी आर्थिक नीतियों की जो रूपरेखा पेश की थी उससे देश में हवाई सेवाओं का बहुत तेजी से विस्तार हुआ. बैकिंग समेत बाकी क्षेत्रों के साथ सिविल एविएशन सेक्टर को भी प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलने का फ़ैसला किया गया. इसी दौर में एक कारोबारी जो कभी एक ट्रैवेल एजेंसी में क्लर्क था, उसने लंबी छलांग लगाई. नाम था नरेश गोयल.

गोयल ने 1992 में जेट एयरवेज कंपनी बनाई और अगले साल यानी 1993 में बतौर एयर टैक्सी आपरेटर सेवा शुरू की. साल 1995 आते-आते जेट एयरवेज एक फुल फ्लैज्ड एयरलाइन कंपनी के तौर पर काम करने लगी. 
 

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