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Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के डेढ़ घंटे की स्पीच का निचोड़, सिर्फ 10 पॉइंट में

पूंजीगत लाभ, आयकर में बदलाव से लेकर रोज़गार की नई स्कीमों तक, Finance Minister Nirmala Sitharaman की स्पीच में क्या-क्या है?

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टैक्स स्लैब में क्या बदलाव?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को संसद में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया. उनका सातवां और नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट. वित्त मंत्री ने क़रीब डेढ़ घंटे की स्पीच दी. भाषण में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था शानदार गति से बढ़ रही है और आने वाले बरसों में भी ऐसी ही रहेगी. इस बात का क्या आधार है, उसे इस बजट में टोहा जाना चाहिए. इसके लिए जानिए:

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Budget भाषण की बड़ी बातें

- उपभोग बढ़ाने के लिए ज़रूरी है कि वेतनभोगी वर्ग के हाथों पैसा आए, पैसा बढ़े. इसके लिए सरकार ने नई आयकर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बदलाव किए हैं. नए बदलाव के तहत:

  • 0 से 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं.
  • 3 से 7 लाख रुपये तक की आय पर 5%.
  • 7 से 10 लाख रुपये तक की आय पर 10%.
  • 10 से 12 लाख रुपये तक की आय पर 15%.
  • 12 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 20%.
  • 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स.

स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 से बढ़ाकर अब 75,000 रुपये कर दिया गया है. नौकरी-पेशा कर्मचारी अब सालाना 17,500 रुपये तक आयकर बचा सकते हैं. 

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- स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सभी एसेट क्लास पर ‘एंजल टैक्स’ को ख़त्म कर दिया है.

एंजल टैक्स है क्या? फ़र्ज़ करें कि आप एक नया बिज़नेस शुरू कर रहे हैं. इसे बढ़ाने-चलाने के लिए पैसे चाहिए होंगे. सो आप अपने दोस्तों और परिवार से निवेश के लिए कहते हैं. भरोसा या व्यवहार की वजह से वो आपकी कंपनी में निवेश करते हैं. शेयर के बदले में आपको पैसे देते हैं. मगर यहीं लगता था, एंजल टैक्स. सरकार को संशय था कि आपने अपनी कंपनी का जो मूल्य लगाया है, वो असल मूल्य से बहुत ज़्यादा है. इसलिए सरकार आपकी कंपनी के मूल्य और आपके निवेशकों द्वारा भुगतान किए गए मूल्य के बीच के अंतर पर टैक्स लगाती थी. इसी को कहते हैं, एंजल टैक्स.

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लेकिन अब स्टार्टअप दुनिया के लिए अच्छी ख़बर है. भारत सरकार ने एंजल टैक्स हटा दिया है. मतलब ये कि कोई भी स्टार्टअप मालिक अब इस अतिरिक्त टैक्स से मुक्त है और अपने कारोबार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है.

- रोज़गार देश की बड़ी समस्या है. आए दिन मुद्दा उठता ही रहता है. सो अगले पांच सालों में सरकार ने रोज़गार के लिए रोजगार-संबंधी योजनाओं का एलान किया है और दो लाख करोड़ रुपयों का आवंटन किया है.

  • पहली योजना के तहत एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPFO) में पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को तीन किस्तों में 15,000 रुपये तक का वेतन डायरेक्ट बेनिफ़िट ट्रांसफ़र मिलेगा.
  • दूसरी योजना का मक़सद है कि मैनुफ़ैक्चरिंग सेक्टर में जो लोग पहली बार जुड़ रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए.
  • तीसरी योजना के अनुसार, हर नए कर्मचारी के लिए नियोक्ताओं को दो साल तक हर महीने 3,000 रुपये दिए जाएंगे. इसका लक्ष्य है कि 50 लाख नई नौकरियां पैदा हों और 30 लाख युवाओं को सहयोग मिले. 

इनके अलावा एक इंटर्नशिप प्रोग्राम भी लॉन्च किया गया है. पांच सालों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने की योजना.

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- छात्रों के लिए क्या है? देश की संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के क़र्ज़ देने की घोषणा की गई है.

दरअसल, ये ‘मॉडल कौशल ऋण योजना’ में किया गया एक संशोधन है. इस स्कीम से हर साल 25,000 छात्रों को मदद मिलती है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस संशोधन से सरकार के प्रवर्तित कोष से गारंटी तो मिलेगी ही, 7.5 लाख रुपये तक के लोन की भी सुविधा मिलेगी. प्रस्ताव के अनुसार, हर साल एक लाख छात्रों को सीधे 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ई-वाउचर दिए जाएंगे. 

- बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य बनाने की मांग पुरानी है. कई बार चर्चा भी हुई है. 

  • बिहार में नए हवाई अड्डों, चिकित्सा सुविधाओं, खेल के इनफ़्रास्टक्चर और बुनियादी ढांचे के लिए ₹26,000 करोड़ का स्पेशल पैकेज दिया गया है. राज्य में कई सड़क योजनाएं चल रही हैं. उनको मूर्त रूप देने के लिए ये पैकेज है. वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे और बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा.
  • आंध्र प्रदेश के लिए ₹15,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं. पोलावरम सिंचाई परियोजना और आर्थिक विकास के लिए और निवेश बढ़ाए जाएंगे. अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी के रूप में विकसित करने की योजना है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना को वित्त पोषित करने और पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसे आंध्र प्रदेश के किसानों की जीवन रेखा माना जाता है. 

- कृषि और ग्रामीण विकास के लिए ₹1.52 लाख करोड़ आवंटित किए जाएंगे. उत्पादकता में सुधार हो और जलवायु के अनुरूप फसलें विकसित करने के लिए कृषि अनुसंधान की समीक्षा की जाएगी. साथ ही ग्रामीण विकास पहलों के लिए ₹2.66 लाख करोड़ आवंटित किए जाएंगे.

- सरकार ने बजट में महिलाओं के लिए विशेष कौशल कार्यक्रम की घोषणा की है. घर के काम से इतर, कामगार महिलाओं के लिए छात्रावास बनाए जाएंगे. छात्रावासों और क्रेच के ज़रिए वर्कफ़ोर्स में महिलाओं भागीदारी बढ़ेगी, ऐसी सरकार को उम्मीद है.

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- मोबाइल फ़ोन, पार्ट्स और चार्जर पर सीमा शुल्क घटाया गया है. मतलब मोबाइल फोन सस्ता होने की उम्मीद है. कैंसर की तीन दवाओं पर भी सीमा शुल्क में छूट दी गई है. इसके अलावा आयातित सोना, चांदी, चमड़े के सामान और सी फ़ूड की लागत में भी कमी आएगी.

- MSME और मैनुफ़ैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ाने के लिए एक नई योजना शुरू की गई है, जो छोटे और मझले कारोबारों को टर्म लोन की सुविधा देगी. मशीनरी और उपकरण ख़रीदने के लिए. 

- मुद्रा लोन स्कीम की सीमा ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख कर दी गई है. छोटे व्यवसाय मज़बूत हों, रोज़गार पैदा हो, आर्थिक विकास और वित्तीय समावेशन हो, इसके लिए मुद्रा स्कीम लाई गई थी. जो किसान या असंगठित क्षेत्र से जुड़े लोग लोन के झंझट की वजह से हतोत्साहित हो जाते थे, उनके लिए.

इसके इतर स्मॉल इंडस्ट्रीज़ डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया (SIDBI) की पहुंच बढ़ाने के लिए अगले तीन साल में नई ब्रांच खोली जाएंगी. 

वीडियो: बजट से पहले सामने आया सरकार का एक साल की रिपोर्ट कार्ड

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