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ट्रंप का 'गोल्ड कार्ड' वीजा तुरंत दिलाएगा अमेरिकी नागरिकता, लेकिन एक शर्त है

जो लोग इस गोल्ड कार्ड को लेना चाहते हैं वे 10 दिसंबर से ही इस वीजा प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकते हैं. सामान्य लोगों के लिए इस गोल्ड कार्ड की कीमत 1 मिलियन डॉलर (भारतीय करेंसी में 9 करोड़ रुपये) रखी गई है. ये कीमत आज की है. डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमतों में होने वाले बदलावों के हिसाब से दाम कम या ज्यादा होंगे.

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डोनाल्ड ट्रंप ने गोल्ड कार्ड लांच किया है (फोटो क्रेडिट: https://trumpcard.gov/)

अगर आप अमेरिका में बहुत जल्दी बसने की सोच रहे हैं तो अब ‘डंकी रूट’ की जरूरत नहीं. अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 10 दिसंबर को ‘गोल्ड कार्ड’ के नाम से नया वीजा लॉन्च किया है. इसको लेने के बाद आप लंबे समय तक अमेरिका में बस पाएंगे. डंकी रूट होते हुए अवैध तरीके से अमेरिका, कनाडा या यूरोप के देशों में घुसने की जरूरत नहीं होगी.

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गोल्ड कार्ड के लिए क्या करना होगा?

जो लोग इस गोल्ड कार्ड को लेना चाहते हैं वे 10 दिसंबर से ही इस वीजा प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकते हैं. सामान्य लोगों के लिए इस गोल्ड कार्ड की कीमत 1 मिलियन डॉलर (भारतीय करेंसी में 9 करोड़ रुपये) रखी गई है. ये कीमत आज की है. डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमतों में होने वाले बदलावों के हिसाब से दाम कम या ज्यादा होंगे.

गौरतलब है कि गोल्ड कार्ड हासिल करने की ये कीमत तो सामान्य लोगों के लिए है. अगर कोई कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए आवेदन करती है, तो उसे प्रति कार्ड 2 मिलियन डॉलर यानी करीब 18 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. माने ये कि जिन लोगों के पास मोटा पैसा है वही इस गोल्ड कार्ड वीजा के जरिये अमेरिका में बस सकते हैं. गोल्ड कार्ड में 'ट्रंप कार्ड' का खेला है. गोल्ड कार्ड धारक कानूनी तौर पर अमेरिका में बसने के योग्य होंगे और आगे चलकर अमेरिका की नागरिकता भी मिल जाएगी.

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसी साल फरवरी में गोल्ड कार्ड प्रोग्राम शुरू करने की बात की थी. हालांकि तब इस गोल्ड कार्ड की कीमत 5 मिलियन डॉलर (करीब 45 करोड़ रुपये) रखी गई थी. कई लोगों ने ट्रंप के इस कदम की आलोचना की थी. इसके बाद इसका दाम घटाकर सामान्य लोगों के लिए 1 मिलियन कर दिया गया था.

‘अमेरिकन ड्रीम’ देखने वाले गरीब लोगों के लिए तो ये रकम भी डराने वाली ही है. फिर भी अगर वे हिम्मत करके गोल्ड कार्ड पर ट्राई मारते भी हैं, तो भी ‘सिर्फ’ 9 करोड़ रुपये देने से काम नहीं चलेगा. बतौर प्रोसेसिंग फीस 15 हजार डॉलर (करीब 13.50 लाख रुपये) अमेरिकी सरकार के खजाने में अलग से जमा कराने होंगे. ट्रंप भी बोलते होंगे- कैसा लगा मेरा मजाक! 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, "अमेरिकी सरकार का ट्रंप गोल्ड कार्ड आज से उपलब्ध हो गया है! सभी काबिल और जांचे-परखे लोगों के लिए अमेरिका की नागरिकता पाने ये सीधा रास्ता है."

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ट्रंप का कहना है कि इस वीजा कार्ड से दुनिया के 'सबसे बढ़िया लोग' अमेरिका में बसने आएंगे. इससे सरकार को मोटी कमाई होगी. ट्रंप ने कहा, “असल में, यह ग्रीन कार्ड जैसा ही है, लेकिन उससे कहीं बेहतर है.”

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'गोल्ड कार्ड' से आपको क्या फायदा है?

यह वीजा प्रोग्राम अमेरिका में करीब 30 साल से चल रहे EB-5 वीजा के मुकाबले आसान विकल्प माना जा रहा है. जो लोग जल्दी से जल्दी अमेरिका में बसने की सोच रहे हैं, उनके लिए तो ये सच में 'गोल्डन कार्ड' है. इस लेने से अमेरिका में रहने की कानूनी मान्यता मिल जाएगी. गोल्ड कार्ड धारक अनिश्चित काल तक अमेरिका में रह सकते हैं और काम कर सकते हैं. कुछ समय के बाद अमेरिकी नागरिकता हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं. 

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अमेरिकी सरकार ने साल 1990 में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ईबी-5 वीजा लॉन्च किया था. यह उन लोगों को दिया जाता था जो कम से कम 10 लोगों को रोजगार देने वाली कंपनी में लगभग 1 मिलियन डॉलर (9 करोड़ रुपये) का निवेश करते थे.

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