भारत ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश के न्यूक्लियर पावर सेक्टर को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया है. सरकार के इस फैसले से पहली बार निजी कंपनियां भी यूरेनियम से बिजली पैदा कर सकेंगी. 12 दिसंबर को पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने एटॉमिक एनर्जी बिल 2025 (SHANTI Bill) को मंजूरी दे दी. ‘SHANTI’ का फुल फॉर्म Sustainable Harnessing of Advancement of Nuclear Energy for Transforming India है.
SHANTI Bill को मोदी सरकार की मंजूरी, अब प्राइवेट कंपनियां बनाएंगी न्यूक्लियर बिजली
केन्द्र सरकार ने साल 2047 तक 100 गीगावॉट (GW) परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है. अभी देश की क्षमता करीब 8 गीगावॉट है. ऐसे में सरकार की तरफ से निजी कंपनियों को न्यूक्लियर बिजली पैदा करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
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केन्द्र सरकार ने साल 2047 तक 100 गीगावॉट (GW) परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है. अभी देश की क्षमता करीब 8 गीगावॉट है. ऐसे में सरकार की तरफ से निजी कंपनियों को न्यूक्लियर बिजली पैदा करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
एटॉमिक एनर्जी बिल 2025 लागू होने से देश को कई फायदे होंगे. सबसे बड़ा फायदा यह कि परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में पहली बार निजी कंपनियों के प्रवेश का रास्ता खुलेगा. इससे बड़े पैमाने पर इस सेक्टर में निवेश बढ़ेगा. भारत अभी अपनी जरूरत की ज्यादातर बिजली कोयले से बनाता है. लेकिन यूरेनियम से बिजली पैदा होने से न्यूक्लियर एनर्जी की लागत कम होती है. कम लागत में तैयार होने से यह उद्योगों और आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
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इसके अलावा एटॉमिक एनर्जी पैदा करने में प्रदूषण बिल्कुल भी नहीं होता है. क्योंकि कोयले की जगह यूरेनियम से बिजली बनती है. पिछले साल परमाणु ऊर्जा विभाग की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज में बताया गया कि सरकार का लक्ष्य 2030-31 तक न्यूक्लियर एनर्जी तीन गुना बढ़ाकर 22,480 मेगावाट तक पहुंचाना है. इसी प्रेस रिलीज में बताया गया कि देश में 24 परमाणु ऊर्जा रिएक्टर हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक सरकार के सूत्रों ने इसे ‘क्रांतिकारी फैसला’ बताया है. उन्होंने कहा कि अब तक निजी कंपनियों के लिए न्यूक्लियर पावर सेक्टर के दरवाजे बंद थे. लेकिन इस बिल ने रास्ता खोल दिया है.
बता दें कि इसी साल नवंबर के आखिर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए उसी तरह खोला जाएगा जैसे सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोला है.
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