जरा सोचिए कि अगर आपके नाम से बैंक में लाखों रुपये जमा हों और आपको खुद ही न पता हो. कुछ ऐसे ही ‘भुलक्कड़’ लोगों की वजह से यह रकम बढ़ते-बढ़ते 67,003 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. अब यह भारी-भरकम रकम “अनक्लेम्ड डिपॉजिट” बनकर भारत के अलग-अलग बैंकों में धूल फांक रही है. इस ‘खोए हुए खजाने’ में अकेले SBI यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के हिस्से में 29% पैसा है. ये आंकड़े केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार 28 जुलाई को लोकसभा में जारी किए.
बैंकों में पड़े हैं 67,000 करोड़ जिनका कोई 'माई-बाप' नहीं
Unclaimed Money In Bank: सिर्फ पब्लिक सेक्टर के बैंकों में ही नहीं, प्राइवेट बैंकों में भी अच्छी-खासी मोटी रकम अनक्लेम्ड पड़ी है. उनके पास कुल 8,673 करोड़ रुपये हैं. इसमें ICICI बैंक के पास सबसे ज्यादा रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने ये आंकड़े पेश किए. सारे अनक्लेम्ड डिपॉजिट का 87 फीसदी हिस्सा पब्लिक बैंकों के पास है. कुल 58,330 करोड़ रुपये राज्य-स्वामित्व वाले बैंकों के पास हैं. इसमें सबसे बड़ी रकम 19,329 करोड़ रुपये SBI में डिपॉजिट है.
इसके अलावा, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के पास 6,910 करोड़ रुपये, कैनरा बैंक के पास 6,278 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा के पास 5,277 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हुए हैं.
वहीं, प्राइवेट बैंकों में भी अच्छी-खासी रकम अनक्लेम्ड पड़ी है. उनके पास कुल 8,673 करोड़ रुपये हैं जिन पर किसी ने दावा नहीं किया. इसमें ICICI बैंक के पास सबसे ज्यादा यानी 2,063 करोड़ रुपये हैं.
लगातार बढ़ रहे अनक्लेम्ड डिपॉजिट्समार्च में संसद में एक अलग सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला था कि अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स का यह आंकड़ा 2022-23 से बढ़ा है. उससे पहले सालाना करीब 4,500 करोड़ रुपये RBI के Depositor Education and Awareness Fund में ट्रांसफर होते थे.
2022-23 में लगभग 12,254.29 करोड़ रुपये आरबीआई के फंड में ट्रांसफर हुए जो पहले के मुकाबले तीन गुना थे. फिर 2023-24 में यह राशि घटकर 11,794.17 करोड़ रुपये हो गई. 2024-25 के पहले 9 महीनों में यह रफ्तार कुछ हद तक बनी रही और अब तक कुल 7,946.49 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए.
आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि आखिर यह अनक्लेम्ड डिपॉजिट क्या होता है. आम बोलचाल में कहें तो बैंक में रखे वो पैसे जिन्हें क्लेम करने के लिए 10 साल तक कोई नहीं आया. इसमें फिक्स्ड डिपॉजिट और कुछ सेविंग्स व करेंट अकाउंट शामिल होते हैं. कई बार ऐसा होता है कि फिक्स्ड डिपॉजिट की मियाद पूरी होने के बाद भी ग्राहक उसे क्लेम करने नहीं आता. कई बार सेविंग्स और करंट अकाउंट्स में 10 साल से कोई लेन-देन नहीं होता. ऐसी स्थिति में इन अकाउंट्स में मौजूद रकम को अनक्लेम्ड डिपॉजिट मान लिया जाता है, फिर उसे RBI के पास स्थित “Depositor Education and Awareness Fund” में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
भूल गए तो कैसे ढूंढें अपना पैसाRBI ने 2023 में ‘100 Days 100 Pays’ अभियान की शुरुआत की थी. इसके तहत RBI ने अगस्त 2023 में UDGAM पोर्टल लॉन्च किया था. इस पोर्टल की मदद से अब आप एक जगह पर अलग-अलग बैंकों में पड़े अपने अनक्लेम्ड पैसों की जानकारी जुटा सकते हैं. इस पोर्टल पर 1 जुलाई 2023 तक 8.5 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
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